क्या आप हर दिन अपनी सेहत की छोटी‑छोटी बातों को नज़रअंदाज कर रहे हैं? असल में छोटे‑छोटे बदलाव बड़ी राहत दे सकते हैं। इस पेज पर हम आपको रोज़मर्रा के हेल्थ टिप्स, नई रिसर्च और भारत‑विदेश की ताज़ा खबरें देंगे – वो भी आसान भाषा में.
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में एक बड़ा अध्ययन सामने आया है। इसमें बताया गया कि बिल्ली पालतू बनाने वाले लोगों में सिज़ोफ्रेनिया का जोखिम लगभग दो‑गुना बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने 17 अलग‑अलग डेटा सेट देखे, लेकिन कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ। फिर भी इस बात से पता चलता है कि हमारे पर्यावरण के छोटे‑छोटे कारक—जैसे पालतू जानवरों की मौजूदगी—हमारी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
अगर आप बिल्ली रखते हैं तो डरें नहीं, लेकिन ध्यान रखें: नियमित चेक‑अप, स्वच्छता और तनाव कम करने वाले अभ्यास जैसे योग या मेडिटेशन मददगार हो सकते हैं। अपने पालतू का भी स्वस्थ रखिए—वैक्सीन, डिवॉर्मिंग ट्रीटमेंट आदि से उनके बैक्टीरिया कम होंगे, जिससे आपके मन पर असर घटेगा।
इसी तरह के और उदाहरणों में तनावपूर्ण काम की आदतें या बेकार खबरें पढ़ना शामिल है। जब भी आप थके‑हारे महसूस करें, तो स्क्रीन टाइम कम करके ताज़ा हवा में टहलें। छोटी-छोटी बातों से दिमाग साफ़ रहता है और दीर्घकालिक बीमारियों का खतरा घटता है।
केरल की खबरें भी दिलचस्प हैं—एक 14 साल के बच्चे की मौत एक दुर्लभ अमीबा, Naeglerिया फॉव्लेरी, से हुई। यह जीव पानी में रहता है और जब गलती से नाक में जाता है तो दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है। इस केस ने स्वास्थ्य अधिकारियों को तुरंत चेतावनी जारी करने पर मजबूर किया: गर्म जलाशयों में तैरते समय नाक बंद रखने वाले कवर का प्रयोग करें या फिर साफ़ पानी ही इस्तेमाल करें।
ऐसे मामलों से बचने के लिए कुछ आसान उपाय हैं—पानी की सफाई, स्विमिंग पूल में क्लोरीन स्तर को सही रखना और बच्चों को जल गतिविधियों के दौरान निगरानी में रखना। अगर आप किसी अनजान झील या नदी में तैरना चाहते हैं, तो पहले स्थानीय स्वास्थ्य विभाग से जांच कर लें कि पानी साफ़ है या नहीं।
इन दो प्रमुख खबरों के अलावा हमारे पास रोज़मर्रा के टिप्स भी हैं: पर्याप्त नींद (7‑8 घंटे), संतुलित आहार जिसमें फल‑सब्जियाँ और प्रोटीन हो, और हफ्ते में कम से कम 150 मिनट हल्का व्यायाम। ये सब मिलकर आपके शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
हमारी साइट पर आप इन टिप्स के अलावा कई लेख पाएंगे—जैसे डायबिटीज़ प्रबंधन, हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रण और बच्चों की पोषण गाइड। हर लेख का मकसद है कि आपको व्यावहारिक जानकारी दे और आपके सवालों के जवाब तुरंत मिलें। अगर कुछ नया सीखते हैं तो आप भी अपने दोस्तों को बताइए; स्वस्थ रहने में साथ‑साथ चलना ही सबसे असरदार तरीका है।
तो देर किस बात की? अभी इस पेज पर स्क्रॉल करें, अपनी रुचि का लेख खोलें और अपनी सेहत को एक कदम आगे ले जाएँ। हर दिन थोड़ा‑थोड़ा सुधार आपके जीवन को बड़ी खुशी में बदल सकता है।
ऑस्ट्रेलिया की रिसर्च के मुताबिक, बिल्ली पालने वालों में सिज़ोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारियों का खतरा करीब दोगुना पाया गया है। 17 स्टडी के डेटा से यह संबंध सामने आया है, हालांकि इसका साफ कारण अभी सामने नहीं आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यावरणीय कारक भी मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकते हैं।
आगे पढ़ेंकेरल में एक 14 साल के लड़के की दुर्लभ लेकिन खतरनाक प्राथमिक अमीबिक मैनिंजाइटिस (PAM) से मौत हो गई, जो Naegleria fowleri अमीबा के कारण होती है। लड़के की मौत छोटी सी झील में तैरने के बाद हुई, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों ने तत्काल रोकथाम के उपाय किए। केरल में मई के बाद से यह संक्रमण का तीसरा मामला है।
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