हर दिन बाजार में सब्ज़ी या दाल की कीमतें बढ़ती दिख रही हैं? यही है मुद्रास्फीति का असर। आसान शब्दों में कहें तो जब पैसे की ख़रीद शक्ति घटती है, तब वही रकम पहले जितनी चीज़ नहीं खरीद पाती। भारत में पिछले साल से महंगाई दर 6‑7% के आसपास चल रही है, और इससे आम आदमी की जेब पर सीधे दबाव पड़ता है.
सबसे पहले बात करते हैं उन वजहों की जो कीमतें ऊपर ले जाती हैं। 1) इंधन की बढ़ती कीमत – पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी का भाव जब उठता है तो ट्रांसपोर्ट लागत भी बढ़ती है, जिससे सभी सामान महंगे हो जाते हैं. 2) फसल पर मौसम का असर – अगर बारिश कम या बहुत तेज़ होती है तो फसलें खराब हो जाती हैं, बाजार में आपूर्ति घटती है और कीमतों में उछाल आता है. 3) सरकारी नीतियां – जब ब्याज दरें कम की जाती हैं तो लोग ज्यादा पैसा उधार लेते हैं, इससे बाजार में पैसे का प्रवाह बढ़ता है और कीमतें ऊपर जा सकती हैं. ये तीन कारण अक्सर मिलकर मुद्रास्फीति को तेज़ कर देते हैं.
अब बात करते हैं आप क्या कर सकते हैं ताकि महंगाई का असर कम महसूस हो. 1) बजट बनाएं – हर महीने की आय‑खर्च का हिसाब रखें, अनावश्यक खर्चों को काटें और जरूरी चीज़ों पर पहले से ही योजना बनाकर खरीदें. 2) स्थानीय बाजार में खरीदारी – बड़े सुपरमार्केट के मुकाबले छोटे किराना स्टॉल या मंडी में कीमतें अक्सर कम मिलती हैं. 3) मौसमी उत्पाद चुनें – जैसे गर्मियों में तरबूज, ककड़ी; सर्दियों में गाजर, शकरिया, इनकी कीमत कम रहती है और पोषण भी बढ़िया मिलता है. 4) थोक में खरीदें – अगर कोई चीज़ लंबे समय तक खराब नहीं होती (चावल, दाल, तेल), तो बड़ी मात्रा में लेना फायदेमंद रहता है.
सरकार की ओर से भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। रेशन कार्ड के तहत खाद्य सामान सस्ते मिलते हैं, और कुछ राज्यों ने किराना वस्तुओं पर सीमित कीमतें तय कर रखी हैं. साथ ही RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ब्याज दरों को नियंत्रित करके महंगाई को लक्ष्य सीमा में रखने की कोशिश करता है.
किसी भी समय, जब आप देखेंगे कि कीमतें फिर से बढ़ रही हैं, तो ऊपर बताए गए उपाय अपनाएँ और अपने खर्चे का कंट्रोल रखें. याद रखिए, मुद्रास्फीति एक आर्थिक प्रक्रिया है, लेकिन सही जानकारी और समझदारी भरे फैसलों से इसका असर कम किया जा सकता है.
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तो अगली बार जब भी कीमतें बढ़ने की बात सुनेंगे, तो इस लेख को याद रखें. छोटे-छोटे कदमों से महंगाई के दांव को मात देना संभव है, बस थोड़ी सी योजना और जानकारी चाहिए.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अगस्त 2025 में रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रखी है। महंगाई दर आठ महीने से लगातार घट रही है और अब इसका अनुमान 3.1% है। साल 2026 के लिए GDP वृद्धि अनुमान 6.5% पर बरकरार है। पिछले कट्स का असर देखने के लिए RBI ने मॉनिटरिंग पर जोर दिया।
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