RBI ने रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रखी, महंगाई में गिरावट और GDP अनुमान बरकरार

RBI ने रेपो रेट स्थिर रखकर क्या संकेत दिए?
अगस्त 2025 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 5.5% पर यथावत रखने का ऐलान कर दिया. यह फैसला गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद किया. MPC के छहों सदस्यों ने सर्वसम्मति से दरें न बदलने का फैसला लिया, जबकि इस साल की शुरुआत में दो बार कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती हो चुकी है. अब रिज़र्व बैंक कुछ वक्त के लिए मौजूदा कटौती के असर और अर्थव्यवस्था की चाल पर नज़र रखना चाहता है.
RBI की मौद्रिक नीति बयान में बताया गया कि भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अभी भी RBI सतर्क है और ट्रांसमिशन के असर का इंतजार किया जा रहा है. बैंक ने अपनी पॉलिसी स्टांस को 'न्यूट्रल' यानी संतुलित बनाए रखा है ताकि जरूरत पड़ने पर आगे फैसले लिए जा सकें.
मुद्रास्फीति और GDP: क्या कहती है नई तस्वीर?
आंकड़ों की बात करें तो, साल 2026 के लिए GDP ग्रोथ प्रोजेक्शन वही 6.5% पर बरकरार रखी गई है. RBI मानता है कि बाहरी जोखिमों के बावजूद देश की ग्रोथ स्टोरी मजबूत दिख रही है. बीते महीनों में अमेरिकी टैरिफ जैसे जोखिम कुछ हद तक बढ़े हैं, लेकिन मौजूदा हालात RBI को नीति में बड़ा बदलाव करने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं.
महंगाई का मोर्चा भी राहत देने वाला है. RBI ने हेडलाइन इन्फ्लेशन का अनुमान घटाकर 3.1% कर दिया है, जो पहले ज्यादा था. जून 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति (Consumer Inflation) आठवें महीने भी गिरकर सिर्फ 2.1% रही. इसका मतलब है सामान और सेवाएं पहले के मुकाबले धीरे-धीरे महंगी हो रही हैं, लेकिन बेतहाशा नहीं.
RBI अब अगले कुछ महीनों तक पॉलिसी का ट्रांसमिशन देखेगा कि हाल की दर कटौतियों का असर लोन और डिपॉजिट रेट्स, कैश फ्लो और निवेश पर पड़ता भी है या नहीं. गवर्नर ने दो दिन की 'वेरियेबल रेट रिवर्स रेपो' (VRRR) ऑक्शन का एलान भी किया, जो 6 अगस्त को होगी—इससे बैंकिंग सिस्टम में नकदी की स्थिति का संतुलन बनाए रखने के इरादे से किया गया है.
अब अगली MPC बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच होगी. उससे पहले 20 अगस्त को मौजूदा बैठक की विस्तृत मिनट्स भी जारी कर दी जाएंगी. फिलहाल बैंक ने ये साफ कर दिया है कि वह घरेलू महंगाई और ग्रोथ में हर छोटी-बड़ी हलचल पर पैनी नजर बनाए रखेगा ताकि जरूरत पड़ने पर कड़े या नरम कदम उठाए जा सकें.