क्या आप जानना चाहते हैं कि आजकल कारें खुद कैसे चलती हैं? ऑटोपायलट तकनीक ने पिछले कुछ सालों में रफ़्तार पकड़ी है और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में घुस रही है। इस पेज पर आपको भारत और दुनिया भर से जुड़ी ताज़ा ख़बरें, नए फ़ीचर और उपयोगी गाइड मिलेंगे – वो भी बिना किसी जटिल भाषा के.
आसान शब्दों में कहा जाए तो ऑटोपायलट वह सिस्टम है जो ड्राइवर को कुछ या सभी संचालन कार्यों से मुक्त कर देता है। सेंसर, कैमरा और AI मिलकर गाड़ी की राह, गति और सुरक्षा तय करते हैं. शुरुआती मॉडलों में लेन‑कीपिंग और क्रूज़ कंट्रोल होते थे, अब कई कारें पूरी तरह खुद चलने के मोड तक पहुँच गई हैं.
भारत में अभी भी नियमों का ढांचा बन रहा है, लेकिन टेस्ला, मर्सिडीज़ और भारतीय स्टार्ट‑अप जैसे Ather ने इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। अगर आप नई कार खरीदने की सोच रहे हैं तो ऑटोपायलट वाले मॉडल को देखना फायदेमंद रहेगा – सुरक्षा, ईंधन बचत और आराम का एक पैकेज मिल जाता है.
पिछले महीने टेस्ला ने भारत में पहली बार अपनी Full Self‑Driving (FSD) फीचर को टेस्ट करने की मंजूरी ली। यह फ़ीचर कार को ट्रैफ़िक सिग्नल, पेडेस्ट्रियन और रिवर्सिंग तक संभालता है. इसी दौरान मर्सिडीज़ ने अपना ‘ड्राइवर असिस्टेंस पैकेज’ लॉन्च किया जिसमें 10 मीटर के आसपास की वस्तुओं का तुरंत पता चलने वाला सेंसर शामिल है.
इसी तरह, भारतीय स्टार्ट‑अप आर्टिफिशियल ड्राइव ने एक कम कीमत वाले ऑटोपायलट किट को पेश किया जो पुरानी कारों में भी फिट हो सकता है. इस किट की खास बात यह है कि इसे मोबाइल ऐप से अपग्रेड किया जा सकता है, जिससे नए फीचर जोड़ना आसान हो जाता है.
कई शहरों में अब ऑटो‑मेटिक ट्रैफ़िक कंट्रोल सिस्टम चल रहा है जो ऑटोपायलट कारों को सिग्नल फेज़ के हिसाब से गति बदलने की अनुमति देता है. इससे जाम कम होता है और यात्रा तेज़ होती है.
अगर आप इस तकनीक का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने वाहन में कौन-से सेंसर लगे हैं, यह देखिए. लिडार, रडार और कैमरा सभी मिलकर बेहतर दृश्य बनाते हैं. नियमित अपडेट्स डाउनलोड करें, क्योंकि सॉफ़्टवेयर ही अक्सर नई सुविधाएँ जोड़ता है.
एक आम गलती जो लोग करते हैं वह है ‘ऑटोपायलट मोड में पूरी तरह से झुक जाना’. याद रखें – यह अभी भी सहायक तकनीक है, 100 % आत्मनिर्भर नहीं. सड़क पर हमेशा सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर हाँथ से नियंत्रण ले लें.
सारांश: ऑटोपायलट तेजी से विकसित हो रहा है, नई ख़बरें रोज़ आती हैं और भारत में भी इसका उपयोग बढ़ रहा है. इस पेज को बुकमार्क करें ताकि आप हर अपडेट तुरंत पढ़ सकें – चाहे वह नई कार की रिलीज़ हो या सॉफ़्टवेयर पैच.
भारतीय मूल के इंजीनियर अशोक एलुस्वामी को टेस्ला के एआई और ऑटोपायलट सिस्टम में उनके क्रांतिकारी योगदान के लिए एलोन मस्क की उच्च प्रशंसा मिली है। मस्क ने 2021 में एलुस्वामी को टेस्ला की ऑटोपायलट टीम के पहले सदस्य के रूप में घोषित किया था। एलुस्वामी ने टेस्ला की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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