अमीबा एक छोटे आकार की एककोशीय जीव है जो पानी या मिट्टी में रहती है। कुछ प्रजातियाँ इंसानों के दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती हैं – इन्हें हम "मस्दिस्क खाने वाला अमीबा" कहते हैं। अगर आप इस बारे में पहले नहीं सुनते थे तो चिंता मत करो, यहाँ सरल भाषा में समझाया गया है कि यह क्या करता है और कैसे बचें।
सबसे आम प्रजाति Naegleria fowleri है, जो गर्म पानी में पनपती है। नहाने या तैराकी के दौरान अगर आप कच्चे जल से संपर्क में आते हैं तो यह जीव नाक के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुँच सकता है। कई बार लोग स्विमिंग पूल, झरने या गरम स्नानघर में इससे संक्रमित होते हैं।
संक्रमण के शुरुआती संकेत अक्सर सामान्य बुखार, सिरदर्द, उल्टी या हल्का थकावट होते हैं। कुछ दिनों बाद अचानक गंभीर मस्तिष्क सूजन, भ्रम या दौरे पड़ सकते हैं। अगर आप इनमें से कोई लक्षण देखते हैं और हाल ही में गर्म पानी वाले स्थान पर रहे हों तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ। शुरुआती उपचार रोग की प्रगति को धीमा कर सकता है।
रोग का इलाज दवाओं के मिश्रण से किया जाता है, लेकिन सफलता दर अभी भी कम है। इसलिए रोकथाम सबसे बेहतर उपाय है।
1. गर्म जल स्रोतों में नहाना या डुबकी लगाते समय नाक को बंद रखें – नाक क्लिप या श्वास नियंत्रण मददगार होता है।
2. स्विमिंग पूल का पानी नियमित रूप से क्लोरीन से साफ़ रखा गया हो, यह देख लें।
3. यदि आप प्राकृतिक जल स्रोतों (झरना, नदी) में तैरते हैं तो पहले पानी की तापमान और सफाई जांचें।
4. छोटे बच्चों को बिना निगरानी के गर्म जल में न खेलने दें।
इन आसान उपायों से बहुत जोखिम घटाया जा सकता है। याद रखें कि बीमारी का कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखने पर भी सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर अगर आप गर्म जल वाले क्षेत्रों में रहते हों।
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अंत में एक छोटा याद दिलाना: पानी साफ़ रखें, नाक सुरक्षित रखें और किसी भी असामान्य लक्षण पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। इस तरह आप अपने और अपने परिवार को मस्दिस्क खाने वाले अमीबे के खतरे से बचा सकते हैं।
केरल में एक 14 साल के लड़के की दुर्लभ लेकिन खतरनाक प्राथमिक अमीबिक मैनिंजाइटिस (PAM) से मौत हो गई, जो Naegleria fowleri अमीबा के कारण होती है। लड़के की मौत छोटी सी झील में तैरने के बाद हुई, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों ने तत्काल रोकथाम के उपाय किए। केरल में मई के बाद से यह संक्रमण का तीसरा मामला है।
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