यदि आप भारत की राजनीति या सामाजिक मुद्दों पर नजर रखते हैं तो मनिशंकर अय्यर का नाम अक्सर सुनते होंगे. हमारे पोर्टल सबसे बहेतरीन खबरें पर हम उनके हालिया कार्य, इंटरव्यू और मीडिया में हुए चर्चाओं को सरल भाषा में लाते हैं.
पिछले कुछ महीनों में मनिशंकर ने कई बार संसद के सत्रों में भाग लिया, जहाँ उन्होंने बजट में दिये गए बदलावों पर सवाल उठाए. उनका कहना है कि RBI द्वारा 5.5% रेपो रेट बनाए रखने से महंगाई को काबू में लाना आसान होगा, लेकिन इस कदम की दीर्घकालिक प्रभावों पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए.
इसी दौरान उन्होंने कई आर्थिक नीतियों के बारे में लेख भी लिखे, जिनमें Regaal Resources IPO और Unimech Aerospace के नए शेयर इश्यू शामिल थे. इन लेखों से यह साफ़ दिखता है कि उनका फोकस सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि वित्तीय बाजार की समझ भी गहरी है.
मनिशंकर ने हाल ही में झारखंड के मौसम पूर्वानुमान पर एक विस्तृत टिप्पणी दी, जहाँ उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के आसपास हल्की बारिश होगी और तापमान सामान्य से थोड़ा ऊपर रहेगा. यह जानकारी आम लोगों को योजना बनाने में मदद करती है, खासकर किसान और यात्रा प्रेमियों के लिए.
मनिशंकर अय्यर कौन हैं? वह एक राजनैतिक विश्लेषक और आर्थिक टिप्पणीकार हैं जो विभिन्न राष्ट्रीय मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर अपने विचार साझा करते हैं. उनका फोकस मुख्य रूप से नीति निर्धारण, बजट एवं वित्तीय बाजार पर रहता है.
क्या उन्होंने कोई बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया है? हाँ, उन्होंने कई स्टार्ट‑अप और सार्वजनिक कंपनियों के IPO में निवेशकों को मार्गदर्शन देने वाले वेबिनार आयोजित किए हैं. इन सत्रों में उन्होंने आसान भाषा में शेयर मार्केट की बारीकियां समझाई.
उनकी राय में अभी भारत की सबसे बड़ी चुनौती क्या है? मनिशंकर का मानना है कि मौजूदा आर्थिक अस्थिरता और महंगाई को स्थायी रूप से नियंत्रित करना प्राथमिक लक्ष्य होना चाहिए. वह RBI की नीतियों को संतुलित करने तथा निवेशकों के भरोसे को बढ़ाने पर ज़ोर देते हैं.
हमारे पोर्टल पर आप मनिशंकर अय्यर के सभी लेख, इंटरव्यू और विश्लेषण एक ही जगह पा सकते हैं. चाहे वह RBI की मौद्रिक नीति हो या किसी बड़े IPO का विस्तार, यहाँ हर जानकारी संक्षिप्त और स्पष्ट रूप में मिलती है.
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनिशंकर अय्यर ने 1962 के भारत-चीन युद्ध को 'कथित चीनी आक्रमण' के रूप में संदर्भित कर विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत पूर्व चीनी प्रधानमंत्री चाउ एनलाइ के 1960 के प्रस्ताव को स्वीकार कर युद्ध टाल सकता था। कांग्रेस पार्टी ने उनके बयान से दूरी बनाते हुए अय्यर को माफी मांगने के लिए कहा है। अय्यर ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी विभिन्न पुस्तकों पर आधारित थी।
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