अभी भारत में कई जगह खालिस्तानी समूहों से जुड़े हमलों की खबरें आती रहती हैं। ये समूह अक्सर बड़े शहरों, बस स्टैंड या शॉपिंग मॉल जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाते हैं। इसलिए हमें पता होना चाहिए कि उनका तरीका क्या है और बचाव के लिए कौन‑से कदम उठाए जा सकते हैं।
पिछले महीने भरतपुर बस स्टैंड पर एक मॉक ड्रिल हुई, जिसमें पुलिस, सिविल डिफेंस और मेडिकल टीम ने मिलकर संभावित आतंकवादी हमले की स्थिति का अभ्यास किया। इस ड्रिल से पता चला कि अगर वास्तविक हमला हुआ तो जल्दी प्रतिक्रिया देने के लिए टीमों को कितनी तैयारी चाहिए। इसी तरह, झारखण्ड में स्वतंत्रता दिवस पर हल्की बारिश के साथ तापमान सामान्य रहा, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने भीड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त निगरानी रखी थी क्योंकि आतंकवादी अक्सर बड़े आयोजन का फायदा उठाते हैं।
हाल ही में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में खालिस्तानी समूहों की अफवाहें फैल रही थीं, जैसे गौरव खन्ना के बारे में झूठी खबरें। ऐसी जानकारी बिना जांचे‑परखे शेयर करने से भी पैनिक पैदा हो सकता है और आतंकवादी को अपना मकसद हासिल होता दिखता है। इसलिए सच्चाई पता करना ज़रूरी है, न कि तुरंत विश्वास कर लेना।
अगर आप किसी भी सार्वजनिक स्थान पर हैं तो अपनी सुरक्षा के लिए कुछ सरल कदम अपनाएं:
घर से बाहर निकलते समय भी आप अपने रूट की योजना बना सकते हैं। रात में कम रोशनी वाले रास्तों से बचें और यदि संभव हो तो साथ में किसी दोस्त या परिवार के सदस्य को ले जाएँ। यह छोटे‑छोटे कदम बड़े जोखिम को घटा सकते हैं।
सुरक्षा एजेंसियां नियमित रूप से मॉक ड्रिल करती हैं, इसलिए अगर आप इन अभ्यासों का हिस्सा बनते हैं तो आपको वास्तविक स्थिति में भी तेज़ी से प्रतिक्रिया करने की आदत पड़ जाएगी। अक्सर स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अलर्ट्स को फॉलो करना मददगार रहता है; वे समय‑समय पर संभावित खतरे के बारे में जानकारी देते रहते हैं।
अंत में, खालिस्तानी आतंकवादियों का लक्ष्य आम जनता में डर पैदा करना होता है। अगर हम सतर्क रहें, सही जानकारी रखें और सुरक्षा उपायों को अपनाएँ तो इस प्रकार की हिंसा के प्रभाव को कम किया जा सकता है। याद रखिए—सुरक्षा आपका व्यक्तिगत दायित्व है और छोटे‑छोटे सावधान कदम बड़ी सुरक्षा बनाते हैं।
पूर्व भारतीय RAW अधिकारी विकास यादव पर अमेरिकी न्याय विभाग ने हत्या की साजिश और धनशोधन के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों का संबंध खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश से है। यादव ने Nikhil Gupta के साथ मिलकर एक हत्याकांड योजना बनाई थी, लेकिन सफलता नहीं मिली क्योंकि जिसे उन्होंने हत्यारे के रूप में नियुक्त किया था, वह एफबीआई का सूचनाकर्ता निकला।
आगे पढ़ें