अमेरिका में खालिस्तानी आतंकवादी पर हत्या की साजिश: पूर्व RAW अधिकारी विकास यादव पर आरोप

अमेरिका में खालिस्तानी आतंकवादी पर हत्या की साजिश: पूर्व RAW अधिकारी विकास यादव पर आरोप अक्तू॰, 19 2024

अंतरराष्ट्रीय संघटन की दुनिया में केंद्रित विवाद

पूर्व भारतीय खुफिया विभाग (RAW) के अधिकारी विकास यादव पर अमेरिकी न्याय विभाग ने गंभीर आरोप लगाते हुए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। अमेरिकी न्यायालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, विकास यादव पर हत्या के इरादे से साजिश रचने और धनशोधन के आरोपों का सामना है। ये आरोप खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की योजना से जुड़े हैं। पन्नू, जो भारतीय सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, को हमेशा से ही विवादास्पद व्यक्ति के रूप में देखा जाता रहा है। आलाकमान का कहना है कि यादव और उनके साथी आरोपी निकिल गुप्ता ने पन्नू की हत्या करने के लिए योजना बनाई।

RAW अधिकारी की नई पहचान

विकास यादव, जो अब भारतीय सरकारी सेवा में नहीं हैं, पर आरोप है कि उन्होंने निकिल गुप्ता के साथ मिलकर अमेरिका की जमीन पर हत्या की योजना बनाई। गुप्ता, जो अन्य भारतीय नागरिक हैं, उनके साथ मिलकर यादव ने $100,000 की एवज में हत्या करवाने की योजना बनाई। योजना तब विफल हो गई जब उन्हें पता चला कि जिसे उन्होंने हत्यारे के रूप में नियुक्त किया, वह वास्तव में एफबीआई का सूचनाकर्ता था। इस खुलासे ने न केवल साजिश के हर पहलू को रोशन किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तनाव पैदा किया।

भारतीय-अमेरिकी संबंधों पर असर

यह घटना उस समय की है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा तय थी। कथित तौर पर हत्याकांड की योजना बाद में करने के लिए कहा गया था, ताकि मोदी की यात्रा के दौरान कोई कूटनीतिक विवाद न उत्पन्न हो। अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक, इस मामले में यादव और उनके साथियों के बीच संचार का भी प्रमाण मिला है, जिसमें पैसे के लेन-देन का भी खुलासा हुआ है। यह विवाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को चुनौतीपूर्ण बना सकता है, क्योंकि दोनों ही देशों के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा है।

गिरफ़्तारी और फ़ैसला

यादव की पहले भी गिरफ्तारी हो चुकी है। उन्हें दिसंबर 2023 में दिल्ली पुलिस ने एक अन्य मामले में पकड़ा था जिसमें उन पर अपहरण और फिरौती के आरोप लगे थे। अमेरिकी अधिकारियों ने इस मामले में भारतीय अधिकारियों के सहयोग की सराहना की है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने पुष्टि की है कि यादव अब सरकार के कर्मचारी नहीं हैं।

न्याय की प्रक्रिया

न्याय विभाग का कहना है कि वे अमेरिका की नागरिकों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं। विशेष जानकारी के अनुसार, उनकी गिरफ्तारी के बाद से निकिल गुप्ता अमेरिकी हिरासत में हैं, जो चेक गणराज्य से प्रत्यर्पित किए गए थे।

मामले का खुलासा भारतीय और अमेरिकी इकाइयों के बीच अब भी चर्चा का विषय बना हुआ है। और न्याय विभाग के लिए यह मामला केवल कानूनी कार्यवाही का ही नहीं, बल्कि संभावित कूटनीतिक संभावनाओं के रूप में भी देखा जा रहा है।

भविष्य की संभावनाएं

इस घटना के बाद से दोनों देशों के संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना अभी बाकी है। लेकिन यह स्पष्ट है कि अमेरिका और भारत के बीच इस प्रकार के विवादित मामले किसी गहरे सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता पैदा करेंगे।