कट‑ऑफ़ अंक – UPSC प्रीलिम्स के लिए आवश्यक जानकारी

जब हम कट‑ऑफ़ अंक, वह न्यूनतम स्कोर जो उम्मीदवार को अगले चरण में जाने के लिए चाहिए की बात करते हैं, तो यह समझना जरूरी है कि यह मात्र एक संख्या नहीं, बल्कि चयन प्रक्रिया का अहम कदम है। अक्सर इसे कटा अंक भी कहा जाता है, लेकिन इसके पीछे कई कारक छिपे होते हैं। कट‑ऑफ़ अंक तय करता है कौन उम्मीदवार चयनित होगा, कौन को आगे बढ़ना पड़ेगा।

कट‑ऑफ़ अंक के प्रमुख पहलू

पहला प्रमुख पहलू है UPSC प्रीलिम्स, सिविल सेवा परीक्षा का प्रारंभिक चरण। यह परीक्षा हर साल लाखों उम्मीदवरों को आकर्षित करती है, इसलिए इसका कट‑ऑफ़ अंक साल-दर-साल बदलता रहता है। दूसरा पहलू है कट‑ऑफ़ प्रक्रिया, कठिनाई स्तर, प्रतिभागियों की संख्या और साक्ष्य भौगोलिक संतुलन के आधार पर अंक तय करना। तीसरा पहलू श्रेणीवार अंतर है – जनरल, OBC, SC, ST वर्गों में अलग‑अलग कट‑ऑफ़ अंक लागू होते हैं।

इन तीनों बिंदुओं को जोड़ने वाला पहला सैमान्टिक ट्रिपल है: "कट‑ऑफ़ अंक निर्धारित होता है परीक्षा कठिनाई और कुल उम्मीदवारों की संख्या से"। दूसरा ट्रिपल: "श्रेणीवार कट‑ऑफ़ अंक प्रत्येक योग्यता वर्ग के लिए अलग होते हैं"। तीसरा ट्रिपल: "UPSC प्रीलिम्स की कट‑ऑफ़ प्रक्रिया राष्ट्रीय स्तर पर समान अवसर सुनिश्चित करती है"। ये संबंध दर्शाते हैं कि कैसे कट‑ऑफ़ अंक उम्मीदवार की तैयारी को दिशा देते हैं और चयन परिषद की पारदर्शिता को बढ़ाते हैं।

अब बात करते हैं श्रेणीवार कट‑ऑफ़, जनरल, OBC, SC, ST और EWS वर्गों के लिए अलग‑अलग न्यूनतम अंक की। 2025 के अनुमान में जनरल वर्ग के लिए 80‑90 अंक, OBC‑79‑89 अंक, SC‑65‑75 अंक, ST‑61‑71 अंक सुझाए गए हैं। यह आंकड़े पिछले वर्षों के डेटा (जैसे 2024 में 87.98, 2023 में 75.41) से लिए गए हैं और प्रश्नपत्र की कठिनाई के अनुसार थोड़ी गिरावट की संभावना दर्शाते हैं। यह समझना जरूरी है कि ये सिर्फ अनुमान हैं; वास्तविक कट‑ऑफ़ UPSC की आधिकारिक घोषणा पर निर्भर करेगा।

कट‑ऑफ़ अंक को समझने के बाद अगला कदम है शैक्षणिक पात्रता, उम्मीदवार की उम्र, शैक्षणिक योग्यता और वैधानिक मानदंड। जब तक आप पात्र नहीं होते, कट‑ऑफ़ अंक आपका फायदा नहीं पहुंचा पाएगा। इसलिए अपनी आयु सीमा (उम्र 21‑32 साल), शैक्षणिक डिग्री (स्नातक) और आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें। इस आधार पर ही आप अपने अपेक्षित अंक को लक्ष्य बना सकते हैं।

सभी इन बिंदुओं को एक साथ देखें तो पता चलता है कि कट‑ऑफ़ अंक सिर्फ परिणाम नहीं, बल्कि एक रणनीतिक दिशा-निर्देशन है। यह आपको बताता है कि किस स्तर पर तैयारी करनी है, कौन से विषयों को अधिक समय देना है, और कौन से वर्ग में प्रतिस्पर्धा तंग है। नीचे की सूची में आप पाएँगे वह सभी लेख जो इन विषयों को विस्तार से कवर करते हैं – 2025 के अनुमान, श्रेणीवार विश्लेषण, परीक्षा पैटर्न, और सफलता की कहानियाँ। तैयार हो जाइए, क्योंकि अगली पोस्ट में हम बताएँगे कैसे आप अपने लक्ष्य के करीब पहुँचे।

अक्तू॰, 5 2025
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