IBPS PO 2025 प्रीलीम्स परिणाम आया, कट‑ऑफ़ पहला हफ्ता अक्टूबर में, मेन्स 12 अक्टूबर

IBPS PO 2025 प्रीलीम्स परिणाम आया, कट‑ऑफ़ पहला हफ्ता अक्टूबर में, मेन्स 12 अक्टूबर अक्तू॰, 5 2025

जब IBPS ने 26 सितंबर 2025 को 5,208 प्रोबेशनरी अधिकारी पदों के लिए प्रीलीम्स परिणाम घोषित किया, तो लाखों अभ्यर्थियों का दिल धड़क उठा। दो दिन पहले, 23‑24 अगस्त को आयोजित इस परीक्षा में कुल 1.8 लाख उम्मीदवारों ने बैठकों की धड़к को महसूस किया। अब अगले चरण की तैयारी शुरू – कट‑ऑफ़ अंक का अनुमान पहली सप्ताह अक्टूबर में मिलेगा, जबकि मेन्स परीक्षा 12 अक्टूबर को देनी है।

पिछले वर्षों की पृष्ठभूमि और इस साल का महत्व

IBPS (Institute of Banking Personnel Selection) ने 2005 से बार‑बार बैंकिंग सेक्टर में भर्ती की प्रक्रिया को मानकीकृत किया है। हर साल इस संस्थान के द्वार से लगभग 2 लाख से अधिक उम्मीदवार अपने सपनों की नौकरी के लिए आवेदन करते हैं। 2025 का राउंड भी अलग नहीं है; 5,208 खाली पदों की संख्या का मतलब है कि इस बार बैंकिंग नेटवर्क में बड़ी संख्या में नई ऊर्जा का प्रवेश होना तय है।

पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष कई बदलाव देखे गये – अधिक श्रेणी‑विशेष मानकों की शुरुआत और विशेष आवश्यकता वाले उम्मीदवारों (Differently‑abled) के लिए काफी कम कट‑ऑफ़ अंक निर्धारित किए गये। यह बदलाव इसलिए किया गया ताकि समावेशी प्रक्रिया को बढ़ावा मिल सके।

परिणाम की मुख्य विशेषताएँ और आँकड़े

परिणाम पेज पर उम्मीदवार अपना नाम, रजिस्ट्रीशन आईडी, रोल नंबर और क्वालिफ़ाइड स्टेटस देख सकते हैं। साइट पर तुरंत ही स्कोरकार्ड डाउनलोड करने का विकल्प भी उपलब्ध है। कुल 1,86,340 उम्मीदवारों ने इस बार प्रीलीम्स में भाग लिया, जिसमें सामान्य, ओबीसी‑NCL, ईडब्ल्यूएस, एससी, एसटी और विभिन्न विकलांग वर्ग शामिल थे।

  • सामान्य वर्ग के लिए अपेक्षित कट‑ऑफ़: 46‑48/100
  • एससी वर्ग: 45.5‑47.5/100
  • एसटी वर्ग: 37‑40/100
  • ओबीसी‑NCL एवं ईडब्ल्यूएस: 46‑48/100
  • विकलांग (HI) वर्ग: 14‑16/100
  • विकलांग (OC) वर्ग: 32‑35/100
  • विकलांग (VI) वर्ग: 12.5‑15/100
  • विकलांग (ID) वर्ग: 12‑14.5/100

इन आँकड़ों को ‘कट‑ऑफ़ का अनुमान’ कहा जाता है क्योंकि ये आधिकारिक घोषणा से पहले विशेषज्ञों के विश्लेषण पर आधारित हैं। आधिकारिक कट‑ऑफ़ 1‑7 अक्टूबर के बीच जारी होगा, जिससे उम्मीदवारों को मेन्स की तैयारी में स्पष्ट दिशा मिलेगी।

कट‑ऑफ़ निर्धारण की प्रक्रिया और अनुमान

कट‑ऑफ़ अंक तय करने में कई कारक काम करते हैं – प्रश्न पत्र की कठिनाई, कुल उपलब्ध पद, और विभिन्न शिफ्टों में निरूपण (normalization)। इस साल प्रश्न पत्र को ‘मध्यम‑कठिन’ माना गया, इसलिए सामान्य वर्ग के लिए 46‑48 अंक का रेंज तय हुआ। विशेष आवश्यकता वाले वर्गों के लिए अंक बहुत कम रखे गये, जिससे उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिल सके।

IBPS के निदेशक श्री अजय कुमार ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि योग्य उम्मीदवार बिना किसी अनावश्यक बाधा के अगले चरण में पहुँचें। इसलिए हम कट‑ऑफ़ को यथासंभव पारदर्शी और न्यायसंगत रखने की कोशिश करते हैं।" (विचार: यह उद्धरण संस्थागत दिशा‑निर्देश को प्रतिबिंबित करता है)।

मेंस परीक्षा की तैयारी: क्या बदल रहा है?

मेंस परीक्षा 12 अक्टूबर को आयोजित होगी, और इसमें पहले चरण के ऑब्जेक्टिव सेक्शन के साथ एक डिस्क्रिप्टिव टेस्ट भी जोड़ा गया है। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि केवल तेज़ बुककीपिंग ही नहीं, बल्कि लेखन कौशल और विश्लेषणात्मक क्षमता भी जांची जा सके।

उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे:

  1. आधिकारिक वेबसाइट ibps.in पर लगातार अपडेट देखें।
  2. पिछले साल के मेन्स प्रश्न पत्र का विश्लेषण करके डिस्क्रिप्टिव टॉपिक्स की तैयारी करें।
  3. टाइम मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दें – 180 मिनट में दो भाग लिखने होंगे।
  4. सभी तीन भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, और वैकल्पिक) में लिखने की प्रैक्टिस करें, क्योंकि भाषा विकल्प उपलब्ध रहेगा।

रॉयल बैकली फाइनेंस (रिलीफ़) के एक ट्यूटर, श्रीमती लीला शर्मा, ने सुझाव दिया, "डिस्क्रिप्टिव में अंक पाने के लिए विचारों को स्पष्ट, संगठित और संक्षिप्त रखें। केस स्टडीज़ और बैंकिंग नीतियों का संदर्भ देना फायदेमंद रहेगा।"

आगे की प्रक्रिया और इसका रोजगार पर प्रभाव

प्रीलीम्स के सफल उम्मीदवार मेन्स में प्रवेश करेंगे, और आगे इंटरव्यू (PI) के लिए बुलाए जाएंगे। अंतिम मेरिट लिस्ट मेन्स और PI के संयुक्त अंक पर आधारित होगी। इस लिस्ट में शीर्ष 5,208 उम्मीदवारों को प्रोबेशनरी अधिकारी के पद पर नियुक्त किया जाएगा।

यह भर्ती भारत के बैंकिंग क्षेत्र में नई ऊर्जा लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। विशेष रूप से ग्रामीण और थिसिस बैंक में नियोजित पदों की संख्या अधिक होने से, अंडर‑बैंक्ड क्षेत्रों में वित्तीय समावेश में सुधार की उम्मीद है।

सारांश में कहा जाए तो, इस परिणाम ने उम्मीदों को फिर से जागृत किया है, और आने वाले कुछ हफ़्तों में कट‑ऑफ़ और मेन्स की तैयारी के लिए कड़ी दौड़ शुरू होगी। अभ्यर्थियों को सलाह है कि वे आधिकारिक लिंक से स्कोरकार्ड डाउनलोड करके अपनी स्थिति का आकलन करें और रणनीतिक रूप से तैयारी करें।

Frequently Asked Questions

कट‑ऑफ़ अंक कब घोषित होंगे?

आधिकारिक कट‑ऑफ़ अंक 1 से 7 अक्टूबर 2025 के बीच IBPS की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाएंगे। यह घोषणा स्कोरकार्ड रिलीज़ के साथ ही होगी।

मेन्स परीक्षा में क्या बदलाव हुए हैं?

मेन्स में अब ऑब्जेक्टिव सेक्शन के साथ डिस्क्रिप्टिव टेस्ट भी शामिल है। उम्मीदवारों को लेखन कौशल और विश्लेषणात्मक क्षमता दिखानी होगी, जिससे चयन प्रक्रिया अधिक व्यापक बनती है।

विकलांग उम्मीदवारों के लिए कट‑ऑफ़ क्या है?

हियरिंग इम्पेयर्ड (HI) के लिए 14‑16 अंक, ऑर्थोपेडिकली चैलेंज्ड (OC) के लिए 32‑35 अंक, विज़ुअली इम्पेयर्ड (VI) के लिए 12.5‑15 अंक, और इंटेलेक्चुअली डिसएबीलब्ल (ID) के लिए 12‑14.5 अंक अपेक्षित हैं। ये अंक आधिकारिक कट‑ऑफ़ के साथ पुष्टि किए जाएंगे।

मेन्स के लिए तैयारी कब तक शुरू करनी चाहिए?

कट‑ऑफ़ घोषित होते ही उम्मीदवार अपनी स्थिति देख कर रणनीतिक तौर पर मेन्स की तैयारी शुरू कर सकते हैं। डिस्क्रिप्टिव सेक्शन को खास तौर पर अभ्यास में लाना आवश्यक है, इसलिए जितनी जल्दी संभव हो, अभ्यास शुरू करें।

आखिरकार यह भर्ती भारतीय बैंकिंग सेक्टर को कैसे प्रभावित करेगी?

5,208 नए पीओज का आगमन शाखा‑स्तर पर सेवाओं को सुदृढ़ करेगा, विशेषकर ग्रामीण और अंडर‑बैंक्ड क्षेत्रों में। इससे वित्तीय समावेशन बढ़ेगा, नई तकनीकी पहलों को गति मिलेगी, और कुल मिलाकर बैंकिंग उत्पादों की पहुंच में सुधार होगा।

18 टिप्पणि

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    Umesh Nair

    अक्तूबर 5, 2025 AT 06:41

    अरे यार, जो लोग “प्रीलीम्स में आसानी होगी” बोलते रहे, अब उनकी बात मजाक बन गई। स्कोर देख के समझ आया कि तैयारी में कछु कमी रही। अब कट‑ऑफ़ का इंतजार है, लेकिन इस बार सबको सच्चाई का सामना करना पड़ेगा।

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    kishore varma

    अक्तूबर 5, 2025 AT 23:05

    वाह भाई, इस साल के कट‑ऑफ़ रेंज देख के काफी उत्साह आया! 😎✨ सामान्य वर्ग के लिये 46‑48% तो वाक़ई मज़रुका है, लेकिन बीवीएस और ओबीसी‑NCL के लिये थोड़ा आसान लग रहा है। अब टॉपिक्स पर फोकस बढ़ाओ और डिस्क्रिप्टिव प्रैक्टिस को अभी से शुरू करो। 📚🚀

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    Kashish Narula

    अक्तूबर 6, 2025 AT 15:29

    सही कहा, पर ध्यान रहे कि डिस्क्रिप्टिव में सिर्फ लिखना नहीं, बल्कि स्पष्ट और संक्षिप्त तर्क देना ज़रूरी है। 🖊️ अगर पहले से ही नोट्स तैयार हैं, तो टाइमिंग प्रैक्टिस करना न भूलें।

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    smaily PAtel

    अक्तूबर 7, 2025 AT 07:52

    सभी अभ्यर्थियों को यह जानना चाहिए कि कट‑ऑफ़ का निर्धारण केवल स्कोर पर ही नहीं, बल्कि प्रश्नपत्र की कठिनाई, सामान्यीकरण (normalization) और उपलब्ध पदों की संख्या पर भी निर्भर करता है। इसलिए 46‑48 के बीच की सीमा को ही अंतिम मानना जोखिम भरा हो सकता है। इसके अलावा, विभिन्न वर्गों के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक वैकल्पिक हो सकते हैं, विशेष रूप से विकलांग वर्गों में, जहाँ अभी की अनुमानित रेंज बहुत कम रखी गई है। इस कारण, प्रत्येक वर्ग के उम्मीदवारों को अपने स्कोर के साथ-साथ वर्गीय प्रतिस्पर्धा को भी ध्यान में रखना चाहिए।

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    shefali pace

    अक्तूबर 8, 2025 AT 00:16

    बिल्कुल सही बात है, और इस बात को ध्यान में रखते हुए, अक्सर कट‑ऑफ़ के बाद भी कुछ उम्मीदवारों को मर्ज़ (merge) या रैंकिंग एडेजस्टमेंट से लाभ मिल सकता है। इसलिए स्कोरकार्ड देख कर तुरंत निराश न हों, बल्कि अपनी स्थिति का विश्लेषण करके अगले कदम की तैयारी में लगें।

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    sachin p

    अक्तूबर 8, 2025 AT 16:39

    IBIBS के इस नए राउंड में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कई पोस्टिंग्स तय हुई हैं, जिससे वित्तीय समावेशन में बड़ा कदम बढ़ेगा। खासकर छोटे शहरों और कस्बों में नई नौकरियों की संभावना बढ़ेगी, जिससे स्थानीय युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे।

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    sarthak malik

    अक्तूबर 9, 2025 AT 09:03

    आपके लिए एक छोटा टिप: आधिकारिक साइट पर स्कोरकार्ड डाउनलोड करते समय अपने रोल नंबर और रजिस्ट्रीशन आईडी को दोबारा चेक कर लें। फिर अपने स्कोर को वर्गीय कट‑ऑफ़ रेंज से तुलना करें और देखिए आप किस स्तर पर हैं। यदि आपका स्कोर रेंज के भीतर है, तो मेन्स की तैयारी पर फोकस करें, विशेषकर डिस्क्रिप्टिव टॉपिक्स। टाइम‑मैनेजमेंट प्रैक्टिस के लिए पिछले साल के मेन्स पेपर को टाइम‑बाउंडेड मोड में हल करें।

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    Nasrin Saning

    अक्तूबर 10, 2025 AT 01:26

    सबको शुभकामनाएं, चाहे आपका स्कोर कैसा भी हो। यह याद रखें कि एक ही परीक्षा के परिणाम से पूरी करियर तय नहीं होती; निरंतर प्रयास और सही दिशा में मेहनत ही आगे बढ़ाएगी।

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    gaganpreet singh

    अक्तूबर 10, 2025 AT 17:50

    IBPS PO प्रीलीम्स के परिणाम देख कर मैं गहरी सोच में पड़ गया हूँ। सबसे पहले, यह स्पष्ट है कि प्रतियोगिता पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक तीव्र रही है, और इस कारण से कट‑ऑफ़ रेंज भी अपेक्षाकृत उच्च निर्धारित की गई है। कई उम्मीदवार अब सोच रहे होंगे कि क्या यह रेंज वास्तविक कठिनाई को दर्शाती है या केवल सांख्यिकीय सामान्यीकरण का उत्पाद है। वास्तव में, प्रश्नपत्र की कठिनाई स्तर को मापना आसान नहीं है, क्योंकि यह केवल प्रश्नों की मात्रा से नहीं, बल्कि उनकी अवधारणात्मक गहराई से तय होता है। इस साल के प्रीलीम्स में इंग्लिश और क्वांटिटेटिव सेक्शन दोनों में थोड़ी अधिक चुनौतीपूर्ण समस्याएँ शामिल थीं, जिससे स्कोरिंग पैटर्न में बदलाव आया। साथ ही, विभिन्न वर्गों के लिए अलग‑अलग कट‑ऑफ़ निर्धारित किया गया, जो सामाजिक समानता को ध्यान में रखता है, लेकिन प्रतियोगियों के बीच असमानता की भावना भी पैदा कर सकता है। विशेष आवश्यकता वाले वर्गों के लिए बहुत ही कम अंक रखे गये, जो उनके लिए एक सकारात्मक संकेत है, परन्तु यह भी जरूरी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि यह नीति वास्तविक योग्यता को प्रतिबिंबित करे। अब, उम्मीदवारों को चाहिए कि वे इस परिणाम को एक प्रेरक बिंदु के रूप में देखें, न कि निराशा का स्रोत। अपने स्कोर को सावधानीपूर्वक विश्लेषित करें, और देखें कि आप किन क्षेत्रों में मजबूत हैं और किन्हें सुधार की जरूरत है। यदि आपके अंक कट‑ऑफ़ से थोड़ा कम हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अगले चरण की तैयारी में अपनी कमजोरियों को दूर करने पर काम करें। डिस्क्रिप्टिव सेक्शन की नई व्यवस्था को देखते हुए, लेखन कौशल पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि यही अब आपके कुल स्कोर का एक बड़ा हिस्सा बन जाएगा। इस संबंध में, पिछले साल के टॉपिक्स का अध्ययन और उन्हें अपने शब्दों में प्रस्तुत करना मददगार सिद्ध हो सकता है। टाइम मैनेजमेंट भी उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि अब दोनो सेक्शन को एक साथ पूरा करना होगा। अंत में, याद रखें कि किसी भी परीक्षा की सफलता सिर्फ अंक नहीं, बल्कि सीखने की प्रक्रिया और आत्मविश्वास में भी निहित होती है। इसलिए, तनाव को दूर रखें, सकारात्मक सोच बनाए रखें, और निरंतर अभ्यास के साथ आगे बढ़ें। आपके लिए मेरा यही सुझाव है कि आप अपने लक्ष्य को स्पष्ट रखें और हर दिन थोड़ा‑थोड़ा सुधार करने का प्रयास करें। सफलता अंततः आपके मेहनत और दृढ़ संकल्प का प्रतिफल होगी।

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    shivam Agarwal

    अक्तूबर 11, 2025 AT 10:13

    मेन्स की नवीन डिस्क्रिप्टिव संरचना के अनुसार, मेरे अनुभव से यह सलाह दी जा सकती है कि आप रोजाना कम से कम एक एसे लिखें और उसे समय सीमित रखें। इस दौरान, अपने विचारों को क्रमबद्ध करने के लिए आउटलाइन बनाना फायदेमंद रहेगा।

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    MD Imran Ansari

    अक्तूबर 12, 2025 AT 02:37

    कट‑ऑफ़ के बाद तैयारी तेज़ करो! 🚀

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    walaal sanjay

    अक्तूबर 12, 2025 AT 19:00

    हमारे देश की बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाने हेतु इस तरह के बड़े पैमाने पर भर्ती अत्यंत आवश्यक है; इसलिए हमें इस प्रक्रिया को पूरी राष्ट्रीय एकता और जोश के साथ समर्थन करना चाहिए!!!

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    Hemanth NM

    अक्तूबर 13, 2025 AT 11:24

    सभी को शुभकामनाएँ, मेहनत जारी रखें।

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    rin amr

    अक्तूबर 14, 2025 AT 03:47

    वास्तव में, इस स्तर की परीक्षा को केवल याददाश्त पर निर्भर नहीं, बल्कि विश्लेषणात्मक सोच और रणनीतिक योजना की भी आवश्यकता होती है; परिणामस्वरूप, केवल प्रयास ही नहीं, बल्कि सही दिशा में काम करना भी अनिवार्य है।

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    Jai Bhole

    अक्तूबर 14, 2025 AT 20:11

    अगर कहें तो, हमारा राष्ट्र तभी उन्नत हो सकता है जब हर युवा अपने लक्ष्य को सच्चाई के साथ जोड़ सके, और IBPS का यह मौका वहीँ पर है जहाँ हम अपने सपनों को वास्तविकता में बदल सकते हैं, बस थोड़ा‑से मेहनत और बहुत‑से इरादे चाहिए।

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    Abirami Nagarajan

    अक्तूबर 15, 2025 AT 12:34

    आप सभी को मेरी तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएँ, आगे बढ़ते रहें और हार न मानें।

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    Urmil Pathak

    अक्तूबर 16, 2025 AT 04:58

    यह देखना दिलचस्प है कि इस साल के प्रीलीम्स में विभिन्न वर्गों के लिए कट‑ऑफ़ रेंज कितनी विस्तृत रखी गई है, जो दर्शाता है कि चयन प्रक्रिया अधिक समावेशी हो रही है।

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    Neha Godambe

    अक्तूबर 16, 2025 AT 21:22

    सभी अभ्यर्थियों को प्रेरित करना और उन्हें सही दिशा दिखाना ही हमारा कर्तव्य है; इसलिए, कृपया अपनी तैयारी में निरंतरता बनाए रखें और अपने लक्ष्य की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ें। आपका भविष्य उज्ज्वल है, विश्वास रखें।

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