जब आप इम्यूनोलॉजी, इम्यून सिस्टम की विज्ञान शाखा है जो शरीर की रोग‑प्रतिरोधक क्षमता, एंटीबॉडी और सेल‑मेडिएटेड प्रतिक्रियाओं को समझती है. Also known as प्रतिरक्षा विज्ञान, it helps explain क्यों कुछ लोग बीमारियों से जल्दी ठीक होते हैं और कुछ नहीं। इस टैग पेज में आप इम्यूनोलॉजी से जुड़ी नई खबरों, शोधों और व्यावहारिक जानकारी को एक जगह देखेंगे।
इम्यून सिस्टम को समझने के लिए दो मुख्य घटकों पर गौर करना आवश्यक है: एंटीबॉडी, प्रोटीन जो रोगजनकों को पहचान कर उन्हें निष्क्रिय करता है और वैक्सीन्स, जैविक तैयारियां जो इम्यून सिस्टम को सुरक्षित तरीके से रोगजनकों से परिचित कराती हैं. एंटीबॉडी शरीर में वायरस या बैक्टीरिया पर पहली रक्षा लाइन बनाते हैं, जबकि वैक्सीन्स इस लाइन को पहले से तैयार करके संक्रमण की संभावना घटाते हैं। आजकल कई कंपनी के शेयर, जैसे बायोटेक स्टार्टअप, इन दोनों पर भारी निवेश कर रही हैं, इसलिए इम्यूनोलॉजी की खबरें वित्तीय समाचारों में भी अक्सर दिखाई देती हैं।
इम्यून सिस्टम (immune system) का पूरा नेटवर्क टी‑सेल, बी‑सेल और नैचुरल किलर सेल से मिलकर बनता है। इन सेल्स की सक्रियता को नियंत्रित करने वाले सिग्नल‑मॉलिक्यूल, जैसे साइटोकिन, रोग की प्रगति या उपचार की प्रभावशीलता तय करते हैं। जब हम कोरोना, इन्फ्लूएंजा या नई फ्लैवर्ड वैरिएंट की बात करते हैं, तो वैज्ञानिक इन सिग्नलों को मापकर वैक्सीन के बूस्टर डोज़ की जरूरत तय करते हैं। यही कारण है कि महामारी के बाद बायो‑टेक इवेंट्स, क्लिनिकल ट्रायल अपडेट और सरकारी स्वास्थ्य नीति की खबरें इम्यूनोलॉजी टैग में अक्सर आती हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि इस टैग पेज में क्या पढ़ेंगे। नीचे की सूची में इम्यूनोलॉजी से जुड़े सटीक समाचार, दवा विकास की प्रगति, और बायोटेक शेयर की हालिया चालें मिलेंगी। चाहे आप एक मेडिकल स्टूडेंट हों, एहतियाती खुराक की जानकारी चाहते हों, या निवेशक जो हेल्थ‑केयर सेक्टर में अवसर देख रहे हों – यहाँ आपको वो सारी जानकारी मिलेगी जो आपको आगे बढ़ाने में मदद करेगी। तो चलिए, नीचे दी गई लेखों की झलक पर एक नज़र डालते हैं और इम्यूनोलॉजी की दुनिया के ताज़ा अपडेट्स से खुद को अपडेट रखें।
नोबेल मेडिसिन 2025 में ब्रंकॉ, राम्सडेल और सकागुची को इम्यून टोलरेंस पर मिल रहा सम्मान, जो ऑटोइम्यून रोग, प्रत्यारोपण और कैंसर उपचार में नई राहें खोलता है।
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