अगर आप दिल्ली में शराब, सिगरेट या किसी भी ऐसे प्रॉडक्ट से जुड़े हैं जिसपर टैक्स लगता है, तो नई एक्साइज पॉलिसी आपके रोज़मर्रा के फैसलों को बदल सकती है। इस लेख में हम आसान भाषा में बताएँगे कि ये पॉलिसी क्या है, हाल ही में कौन‑कौन से बदलाव हुए और इनका व्यापारी व ग्राहक दोनों पर क्या असर पड़ता है।
दिल्ली सरकार ने पिछले साल कुछ बड़े निर्णय लिए:
इन बदलावों का मकसद राजस्व बढ़ाना और स्वास्थ्य सुरक्षा को सुदृढ़ करना बताया जा रहा है। साथ ही छोटे व्यापारियों के लिए कुछ राहत भी दी गई, जैसे कि वार्षिक रिव्यू में 10% तक की छूट अगर वे पर्यावरण‑मैत्री पैकेजिंग अपनाते हैं।
आप एक बार देखिए, इन नये नियमों से आपके व्यवसाय या रोज़मर्रा की खरीद में क्या फर्क पड़ेगा:
अगर आप एक व्यापार मालिक हैं, तो सबसे पहले दिल्ली एक्साइज पोर्टल पर लॉगिन करके अपनी नई टैक्स स्लैब देखें। फिर लाइसेंस रीन्यूअल की डेडलाइन नोट कर लें और डिजिटल फॉर्म भरें। अगर आप ग्राहक हैं, तो कीमत में छोटे‑छोटे अंतर को समझते हुए अपने खर्च को कंट्रोल करने के लिए बजट बनाएँ।
कभी‑कभी छोटी बचत भी बड़ी हो सकती है—जैसे कि एक ही ब्रांड की दो पैकेट खरीदने की जगह बड़े कंस्यूमर पैकेज में बदलना, जिससे टैक्स का असर कम दिखेगा। साथ ही स्थानीय सुपरमार्केट अक्सर एक्साइज‑फ्रेंडली ऑफर चलाते हैं; उन्हें फ़ॉलो करके आप थोड़ा पैसा बचा सकते हैं।
अंत में याद रखें, नई पॉलिसी केवल सरकार की योजना नहीं है, बल्कि यह आपके रोज़मर्रा के खर्च और व्यापारिक संचालन को सीधे प्रभावित करती है। इसलिए अपडेटेड रहना, सही जानकारी लेना और आवश्यक बदलाव तुरंत करना ही सबसे अच्छा तरीका है। इस तरह आप न सिर्फ टैक्स बचा पाएँगे, बल्कि अपने ग्राहकों या खुद को भी बेहतर सेवा दे सकेंगे।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व कार्यकारी विजय नायर को 2 सितंबर, 2024 को जमानत दी। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच ने यह निर्णय लिया।
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