अगर आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो कट‑ऑफ़ शब्द आपका रोज़ाना का हिस्सा बन जाता है। यह वह अंक सीमा होती है जिसके ऊपर स्कोर करने वाले छात्रों को ही आगे के चरण या कॉलेज में सीट मिलती है। बिना इस जानकारी के आवेदन करना जैसे अंधेरे में चलना है—कभी सही दिशा नहीं मिलती, तो कभी समय बर्बाद हो जाता है।
कट‑ऑफ़ दो तरह से निकलता है: एक प्री-रिज़ल्ट कट‑ऑफ़ जो मुख्य परीक्षा के बाद तुरंत जारी किया जाता है, और दूसरा पोस्ट‑रिज़ल्ट या रैंकिंग‑आधारित कट‑ऑफ़ जो आगे की प्रक्रिया जैसे डिमांड ड्रॉ या काउंसिलिंग में इस्तेमाल होता है। दोनों ही प्रकार का अपना महत्व है, इसलिए दोनों पर नजर रखें।
सामान्य शब्दों में कहें तो कट‑ऑफ़ वह न्यूनतम अंक है जो किसी भी परीक्षा में पास मानने के लिये तय किया जाता है। यह अंक विभिन्न कारणों से बदल सकता है—उम्मीदवारों की कुल संख्या, कठिनाई स्तर, और उपलब्ध सीटों की मात्रा। उदाहरण के लिए, NEET 2025 में मेडिकल काउंसिलिंग के लिए कट‑ऑफ़ अलग था जो सिर्फ सरकारी कॉलेजों के लिये तय किया गया, जबकि निजी संस्थानों के लिये अलग सीमा रही।
कट‑ऑफ़ को समझना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह आपकी रणनीति बनाता है। अगर आपका स्कोर आधी राउंड में ही इस सीमा से नीचे रहता है तो आप अतिरिक्त अभ्यास या टॉपिक रीव्यू पर ध्यान दे सकते हैं, जबकि ऊपर रहने वाले छात्रों को अब सिर्फ डॉक्युमेंट्स इकट्ठा करने और काउंसिलिंग के लिए तैयार होने की जरूरत होती है।
यहाँ 2025 में सबसे ज्यादा खोजे जाने वाले परीक्षा कट‑ऑफ़ का संक्षिप्त सार दिया गया है:
इन कट‑ऑफ़ को समझकर आप अपनी अगली कदम तय कर सकते हैं—चाहे वह अतिरिक्त अभ्यास हो, टॉपिंग क्लास ज्वाइन करना या फिर काउंसिलिंग में आवेदन करना। याद रखें, कट‑ऑफ़ बदल भी सकता है अगर किसी परीक्षा के बाद नई जानकारी जारी की जाए, इसलिए नियमित रूप से आधिकारिक साइट पर अपडेट चेक करते रहें।
कट‑ऑफ़ को ट्रैक करने के लिए आप नोटबुक या डिजिटल ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रत्येक बार जब कोई नया परिणाम आए तो तुरंत लिखें कि आपका स्कोर कहाँ खड़ा है और आगे क्या करना है। यह छोटे-छोटे कदम बड़ी सफलता की दिशा में मदद करेंगे।
आखिरकार, कट‑ऑफ़ सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि आपकी तैयारी का मीटर है। इसे सही समझें, समय पर कार्रवाई करें और अपने लक्ष्य को पाने के लिये लगातार मेहनत करते रहें। आपके सपनों तक पहुंचना अब दूर नहीं रहा—कट‑ऑफ़ आपका पहला कदम है।
UPSC CSE प्रीलिम्स 2025 के लिए सभी कैटेगरी की अनुमानित कट-ऑफ जानें। जनरल, OBC, SC, ST व PwBD के लिए अलग-अलग न्यूनतम मार्क्स की जरूरत है। CSAT में 33% लाना जरूरी है, और गलत जवाब पर निगेटिव मार्किंग होती है।
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