अगर आप बिहार में रहते हैं या इस क्षेत्र से जुड़ी खबरें चाहते हैं, तो यहाँ आपको अस्पताल, क्लिनिक और सरकारी स्कीम की ताज़ा जानकारी मिल जाएगी। हम आसान भाषा में बता रहे हैं कि कौन‑सी नई सुविधाएँ खुल रही हैं और मौजूदा सेवाओं में क्या बदलाव आया है।
पिछले साल बिहार सरकार ने 12 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज और 5 सुपर‑स्पेशलिटी अस्पताल खोले। इनसे नजदीकी ग्रामीण इलाकों में भी उच्च स्तर की इलाज़ सुविधा मिल रही है। उदाहरण के तौर पर पटना में खुला नया एंजियो‑वस्कुलर सेंटर, जहाँ दिल‑धड़कन से जुड़ी समस्याओं का तुरंत उपचार संभव है। इसी तरह गयारामपुर में एक रेजिडेंसी प्रोग्राम शुरू हुआ है जो युवा डॉक्टरों को व्यावहारिक अनुभव देता है।
इन नए संस्थानों के अलावा मौजूदा सरकारी अस्पतालों में भी बेड और उपकरण बढ़ाए गए हैं। अब 100‑सेक्शन वाला डिलिवरी वार्ड, हाई‑एंड लैब टेस्ट और डिजिटल रेज़िस्टेंस ट्रैकिंग हर बड़े शहर में उपलब्ध है। इसका फायदा सीधे रोगियों को मिला है – इंतजार कम हुआ और इलाज़ तेज़ हो गया।
मुख्य योजना "मुक्त आयुर्वेदिक उपचार" अब 25 % अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में लागू हो गई है। इस योजना के तहत मुफ्त दवाइयाँ, नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह मिलती है। यदि आप पहले से इस स्कीम में नामांकित नहीं हैं तो अपने नजदीकी एंटी‑टबलेट सेंटर पर जाकर पंजीकरण करवा सकते हैं।
दूसरी बड़ी योजना "प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना" ने 2025 में अतिरिक्त 3 लाख परिवारों को कवरेज दिया है। इसका मुख्य लक्ष्य मातृत्व और बाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना है। अब गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त अल्ट्रासाउंड, टेटनस टीका और न्यूट्रीशन सप्लाई भी उपलब्ध हैं। इस योजना से जुड़ी जानकारी आप ऑनलाइन पोर्टल पर आसानी से देख सकते हैं।
यदि आप निजी अस्पताल में इलाज़ चाहते हैं तो "हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी" का लाभ उठाएँ। कई बीमा कंपनियां अब बिहार के छोटे शहरों में भी नेटवर्क क्लिनिक खोल रही हैं, जिससे बिल कम आएगा और कवरेज़ तेज़ रहेगा।
इन बदलावों को समझना जरूरी है क्योंकि वही आपके स्वास्थ्य निर्णयों को आसान बनाता है। अगर आप किसी खास बीमारी या इलाज़ के बारे में पूछना चाहते हैं, तो नीचे टिप्पणी करें – हम जवाब देंगे। याद रखें, सही जानकारी और समय पर उपचार ही बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा में एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरण स्पर्श की कोशिश की। यह इस वर्ष तीसरी बार था जब नीतीश कुमार ने ऐसा प्रयास किया। इस घटना ने ना केवल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना दिया, बल्कि मंच पर भी पीएम मोदी ने नीतीश का हाथ पकड़कर उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इसी कार्यक्रम में राज्य के दूसरे एम्स की आधारशिला रखी गई और 10 किलोमीटर लंबे दरभंगा बाईपास रेल लाइन का उद्घाटन हुआ।
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