नीतीश कुमार द्वारा पीएम मोदी के चरण स्पर्श की कोशिश: बिहार में नई स्वास्थ्य योजनाओं की शुरुआत

नीतीश कुमार द्वारा पीएम मोदी के चरण स्पर्श की कोशिश: बिहार में नई स्वास्थ्य योजनाओं की शुरुआत नव॰, 15 2024

नीतीश का विशेष स्वागत: पीएम मोदी से जुड़ाव दर्शाता घटना

बिहार के राजनीतिक मंचों पर यूं तो कई बार महत्वपूर्ण नेताओं की मुलाकातें होती रही हैं, लेकिन जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरण छूने की कोशिश की, तो यह घटना पूरे देश में सुर्खियाँ बटोरने लगी। दरभंगा में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल राज्य के लिए बड़ी परियोजनाओं का शुभारंभ करना था, बल्कि यहां दो बेहद महत्वपूर्ण परियोजनाओं की नींव भी रखी गई। इस घटना की पृष्ठभूमि में राज्य के दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना और 10 किलोमीटर लंबी दरभंगा बाईपास रेलवे लाइन का उद्घाटन किया गया।

विशिष्ट अवसरों पर पीएम मोदी से मिलन

यह घटना इस साल की वह तीसरी घटना थी जब नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी के पैर छूने की कोशिश की। पहले हुए दो मौकों में, एक लोकसभा चुनाव की रैली में नवादा और दूसरा एनडीए गठबंधन के साझेदारों की बैठक में शामिल है। कहीं न कहीं यह घटना यह दर्शाती है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी के प्रति गहरे सम्मान का प्रदर्शन कर रहे हैं। परंतु, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सरल रुन्दगीत में इसे हाथ मिलाकर संभाला।

पीएम मोदी की बिहार की स्थिति पर नजर

बिहार की वर्तमान स्थिति और उसके विकास पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी विचारधारा रखी। उन्होंने नीतीश कुमार के शासन की तारीफ की और 'जंगल राज' से राज्य को बाहर निकालने के लिए उन्हें सराहा। 'सुषासन' की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "नीतीश बाबू ने सुषासन का एक मॉडल तैयार किया है। उनके प्रयासों की जितनी तारीफ की जाए, वह कम है।" जब राज्य की प्रगति पर चर्चा हुई, तो उन्होंने एनडीए सरकार के 'डबल इंजन' मॉडल को इसका श्रेय दिया, जिससे राज्य के चहुंमुखी विकास में योगदान हुआ।

स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में प्रयास

इस कार्यक्रम में राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं और उसकी स्थिति में पिछले प्रशासन की असफलताओं पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की पिछली सरकारों ने जनता को झूठे वादों से धोखा दिया। परंतु, एनडीए के अधीन स्वास्थ्य ढाँचे में सुधार हो रहा है। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य ढाँचे में सुधार के लिए किए गए प्रयासों को गिनाया, जिनका आधार दरभंगा का एम्स होगा, जो न केवल विशेषज्ञ चिकित्सीय सेवाएँ प्रदान करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: तेजस्वी यादव की टिप्पणी

राजनीतिक प्रतिक्रिया: तेजस्वी यादव की टिप्पणी

स्वागत औँर सराहना में बदलाव के इस दौर में विपक्षी दल भी पीछे नहीं रहें। राजद नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की इस घटना पर तंज कसे। तेजस्वी ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक अंजाने का प्रयास था। उन्होंने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह उनका 'दोहरे मानदंड' का उदाहरण है। इस समस्त आयोजन के बीच बिहार की राजनीति में बातचीत का यह विषय बना रहा और इसने जनता के बीच चर्चा के लिए नए दरवाजे खोल दिए।

आम जनता की भावनाएँ और सवाल

इस घटना के बाद बिहार की जनता में विविध प्रकार की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे नीतीश कुमार के स्वभाविक सम्मान और विनम्रता के रूप में देख रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीति में गठबंधन की मजबूती के प्रयास के रूप में समझ रहे हैं। जो भी हो, इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि बिहार का राजनीतिक परिदृश्य हमेशा अपने अनूठे अंदाज में दिलचस्पी का केंद्र बना रहता है।

17 टिप्पणि

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    Abinesh Ak

    नवंबर 16, 2024 AT 02:36
    अरे भाई, चरण स्पर्श करने वाले को एम्स मिल गया, तो फिर दरभंगा की रेलवे लाइन का क्या? ये सब तो बस एक टीवी स्क्रिप्ट है जहां पीएम बोल रहे हैं 'सुशासन' और नीतीश बोल रहे हैं 'मैं आपके चरणों में लोट रहा हूं'। जनता को ये नाटक पसंद आ रहा है, लेकिन दवाइयों की कमी अभी भी बरकरार है।
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    Ron DeRegules

    नवंबर 16, 2024 AT 12:30
    इस घटना को सिर्फ राजनीतिक नाटक समझना गलत है ये एक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति है जिसमें शिष्य गुरु के प्रति सम्मान दर्शाता है जो भारतीय परंपरा में गहराई से जुड़ा हुआ है नीतीश कुमार के शासन के दौरान बिहार में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में 47% वृद्धि हुई है और एम्स का निर्माण इसका अंतिम प्रमाण है जो देश के किसी भी अन्य राज्य में नहीं हुआ जहां सरकारें राजनीति में उलझी रही हैं और जनता की आवश्यकताओं को नजरअंदाज किया गया है
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    Manasi Tamboli

    नवंबर 17, 2024 AT 06:02
    क्या हमने कभी सोचा कि चरण स्पर्श वास्तव में एक आध्यात्मिक अनुभव है या बस एक राजनीतिक ट्रेडमार्क? क्या हम इसे एक नम्रता के रूप में देख सकते हैं या फिर ये बस एक भय का रूप है? जब हम एक नेता को भगवान बना देते हैं तो क्या हम खुद को नीचा समझने लग जाते हैं? ये सब एक अंतर्निहित असुरक्षा का प्रतीक है जो हमारी सामाजिक रचना में बसा हुआ है।
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    Ashish Shrestha

    नवंबर 18, 2024 AT 11:16
    इस घटना का विश्लेषण करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि राजनीतिक नेताओं के बीच शारीरिक संपर्क एक रूढ़िवादी अभिव्यक्ति है जिसका उद्देश्य शक्ति के असमान वितरण को वैध ठहराना है। नीतीश कुमार का यह कार्य एक गुलाम मनोवृत्ति का प्रतीक है जो लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है।
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    Mallikarjun Choukimath

    नवंबर 20, 2024 AT 09:05
    अरे भाई, ये सब तो बस एक नाटक है जहां नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए एक ऐसा नाटक अदा किया जिसमें वे अपने आप को एक भक्त के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। लेकिन यह वास्तविकता क्या है? बिहार में 70% गांवों में अभी भी डॉक्टर नहीं हैं, एम्स बनने में 5 साल लगेंगे, और बाईपास की रेलवे लाइन का क्या? ये सब बस एक विज्ञापन है जिसका लक्ष्य वोट बटोरना है।
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    Sitara Nair

    नवंबर 20, 2024 AT 12:15
    मैं तो बस इतना कहूंगी कि जब भी कोई बड़ा नेता किसी के चरण छूने की कोशिश करता है, तो दिल में एक अजीब सी भावना आ जाती है... 😔❤️ ये नम्रता दिखती है या फिर डर? मैं तो चाहती हूं कि हम अपने नेताओं को इंसान की तरह देखें, न कि भगवान की तरह... बिहार के बच्चे अभी भी बीमार हैं, और हम चरणों के बारे में बात कर रहे हैं? 🤔
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    Abhishek Abhishek

    नवंबर 21, 2024 AT 12:25
    अरे ये सब बस एक बहाना है। नीतीश कुमार ने तो पहले भी मोदी के खिलाफ बहुत कुछ कहा था, अब अचानक चरण स्पर्श? ये तो बस एक बदलाव है जो उन्हें अपने वोट बैंक को बचाने के लिए करना पड़ रहा है। ये राजनीति का सबसे बुरा पहलू है।
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    Avinash Shukla

    नवंबर 22, 2024 AT 01:55
    मुझे लगता है कि ये घटना दोनों तरफ से एक सम्मान का प्रतीक है। नीतीश जी ने अपने सम्मान का तरीका अपनाया, और पीएम मोदी ने हाथ मिलाकर उसे स्वीकार किया। ये बस एक राजनीतिक दृश्य नहीं, बल्कि एक मानवीय पल है। अगर हम इसे इस तरह देखें तो बिहार के लिए ये एक नई शुरुआत हो सकती है। 🤝
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    Harsh Bhatt

    नवंबर 23, 2024 AT 17:40
    इस चरण स्पर्श को देखकर मुझे लगता है कि भारत का राजनीतिक जीवन अब एक भक्ति की धारा में बह रहा है। नीतीश कुमार ने अपने आप को एक भक्त के रूप में प्रस्तुत किया, लेकिन ये सिर्फ एक शक्ति का नकली अभिनय है। जब तक हम नेताओं को देवता नहीं बना देंगे, तब तक हमारी जनता गरीबी और असमानता में फंसी रहेगी।
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    dinesh singare

    नवंबर 24, 2024 AT 21:54
    अरे भाई, ये चरण स्पर्श वाली बात तो बस एक बहाना है! नीतीश कुमार को तो पहले भी बहुत सारे लोग चरण स्पर्श करते देखा है, लेकिन अब इसे टीवी पर दिखाकर वो एक बड़ा नाटक बना रहे हैं। बिहार के लोगों को एम्स चाहिए, न कि नेताओं का नाटक! ये तो बस एक चुनावी ट्रिक है, और लोग इसे खा रहे हैं।
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    Priyanjit Ghosh

    नवंबर 26, 2024 AT 05:39
    हे भगवान, इस चरण स्पर्श को लेकर इतनी बातें हो रही हैं? 😅 अगर नीतीश जी ने वाकई मोदी जी के चरण छूए, तो शायद उन्हें एम्स मिल गया न? अब बस ये देखना है कि दवाइयां भी उतनी ही आसानी से मिल जाएंगी या नहीं... 🙃
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    Anuj Tripathi

    नवंबर 27, 2024 AT 19:19
    ये चरण स्पर्श वाली बात तो बस एक बहाना है लेकिन एम्स तो असली है और बाईपास भी बन रहा है तो अब बस इतना ही चाहिए कि ये प्रोजेक्ट्स जल्दी पूरे हो जाएं और बिहार के लोगों को असली फायदा हो जाए बस इतना ही चाहिए
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    Hiru Samanto

    नवंबर 28, 2024 AT 17:58
    मैं तो बस इतना कहूंगा कि नीतीश जी का ये व्यवहार बहुत सही है अगर कोई नेता अपने गुरु के प्रति सम्मान दिखाता है तो ये बहुत अच्छी बात है और एम्स बन रहा है तो ये तो बहुत अच्छी खबर है
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    Divya Anish

    नवंबर 28, 2024 AT 21:32
    इस घटना को राजनीतिक नाटक के रूप में देखना गलत है। यह एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अभिव्यक्ति है जो शिष्य-गुरु के संबंध को दर्शाती है। नीतीश कुमार के शासन के तहत बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं में 38% की वृद्धि हुई है, और एम्स का निर्माण इसका साक्ष्य है। यह एक नए युग की शुरुआत है जहां विकास और सम्मान एक साथ आते हैं।
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    md najmuddin

    नवंबर 28, 2024 AT 23:44
    मुझे लगता है कि ये चरण स्पर्श बस एक नम्रता का इशारा है... और अगर इससे एम्स बन रहा है तो बहुत अच्छा है। बस ये देखें कि दवाइयां भी बराबर मिलती रहें 🤗
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    Ravi Gurung

    नवंबर 30, 2024 AT 01:04
    ये चरण स्पर्श वाली बात तो बहुत बड़ी बात लग रही है लेकिन अगर बिहार में असली बदलाव आ रहा है तो ये तो बस एक छोटी सी बात है
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    SANJAY SARKAR

    दिसंबर 1, 2024 AT 09:11
    एम्स तो बन रहा है तो बस इतना ही काफी है चरण स्पर्श क्या है बस एक नम्रता का इशारा है

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