अचानक आई भारी बारिश अक्सर हमें चौंका देती है, खासकर जब हम तैयार नहीं होते। भारत में मानसून के दौरान हवा, समुद्री हवाओं और स्थानीय भू-आकृतियों का मिलाप तेज़ बौछारें लाता है। अगर आप समझेंगे कि ये बारिश क्यों आती है, तो आप बेहतर तैयारी कर पाएंगे।
सबसे पहला कारण है दक्षिणी समुद्र से उठती मॉनसून हवा। जब यह गरम जलवायु पर बर्फ़ीली ठंडी हवा से मिलती है, तो वायुमंडल में पानी का दबाव बढ़ जाता है और बादलों की तीव्रता बढ़ती है। दूसरा कारण है स्थल-स्थायी नदियों का जाम होना—बारिश के साथ ही जल स्तर तेज़ी से ऊपर उठता है। तीसरा, शहरीकरण भी बड़ी भूमिका निभाता है; कंक्रीट वाले इलाके पानी को जल्दी नहीं सोखते, इसलिए जलजमाव बन जाता है।
अब बात करते हैं कि इस मौसम में खुद को कैसे बचाएँ। सबसे पहले, स्थानीय मौसम विभाग की चेतावनियों पर नजर रखें—वे अक्सर रेड या एम्बर अलर्ट जारी करते हैं। अगर अलर्ट मिलता है तो घर से बाहर निकलने से बचें और उच्च जमीन वाले हिस्से पर रहें। दूसरा, अपने घर के आसपास गटर और ड्रेन साफ़ रखें, ताकि पानी आसानी से निकले और बाढ़ का खतरा न बढ़े। तीसरा, यदि आप यात्रा कर रहे हैं, तो जलजमाव वाली सड़कों से बचें; रूट प्लानिंग ऐप्स में रियल‑टाइम ट्रैफ़िक अपडेट मददगार होते हैं।
सुरक्षा के लिए कुछ आसान चीज़ें भी रख सकते हैं: फर्स्ट‑एड किट, टॉर्च और बैटरियों का स्टॉक बनाकर रखें, क्योंकि बिजली कटौती आम होती है। यदि आपके पास घर में बेसमेंट या नीचे की मंजिल है, तो उसकी सीलिंग चेक करें—किसी भी लीक को तुरंत ठीक कर दें। बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है; उन्हें तेज़ हवा से बचाएँ और गरम कपड़े पहनाएँ ताकि ठंड न लगे।
बारिश खत्म होने के बाद भी सावधानी बरतें। पानी जमा हुई जगह पर कीचड़ या बैक्टीरिया बढ़ सकता है, इसलिए साफ‑सफाई जरूरी है। अगर आपके घर में कोई चीज़ क्षति पहुंची है, तो तुरंत बीमा कंपनी को सूचित करें और फोटोग्राफ लेकर सबूत रखें। यह बाद में दावों के लिए मददगार रहेगा।
अंत में याद रखें कि भारी बारिश एक प्राकृतिक घटना है, पर सही तैयारी से इसके नुकसान को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। स्थानीय प्रशासन की दिशा‑निर्देशों का पालन करें, अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर सफाई कार्य करें और हमेशा तैयार रहें। इस तरह आप न सिर्फ़ खुद सुरक्षित रहेंगे बल्कि दूसरों की मदद भी कर पाएँगे।
चक्रवात फेंगे ने 30 नवंबर, 2024 की शाम पुडुचेरी के पास तटीय क्षेत्र में तबाही मचाई, जिससे उत्तरी तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलीं। भारतीय मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बचाव कार्यों की समीक्षा की और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गईं। सार्वजनिक सेवाओं और परिवहन पर व्याप्त समस्याएं चर्चा का विषय बनीं।
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