फेंगे चक्रवात ने पुडुचेरी में मचाई तबाही: तमिलनाडु-पुडुचेरी में भारी बारिश और तूफ़ानी हवाएँ
दिस॰, 1 2024चक्रवात फेंगे की तबाही का असर
30 नवंबर की शाम को चक्रवात फेंगे ने जब पुडुचेरी के पास तटवर्ती क्षेत्र में दस्तक दी तो इसे लेकर विशेष प्रकाश में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया जा सकता है। चक्रवात के कारण पुडुचेरी और उत्तरी तमिलनाडु में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। तेज हवाओं के साथ भारी बारिश से कई क्षेत्रों में जलजमाव हो गया। भारतीय मौसम विभाग ने इसे गंभीर मानते हुए रेड अलर्ट जारी किया था। इनमें कांचीपुरम सहित कई अन्य जिले शामिल थे। लोगों को इस चक्रवाती तूफान से बचाने के लिए सरकार और प्रशासन की तत्परता सराहनीय थी।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने पहले ही इसकी भारी बारिश और 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं की चेतावनी दी थी। चक्रवात का केंद्र पुडुचेरी और उसके आसपास के क्षेत्रों पर केंद्रित था, जो लगभग 5:30 बजे चलने लगा था। इसके चलते, प्रशासन ने कई ऐहतियातन कदम उठाए। स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई थी। फिशरीज विभाग ने समुद्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों को निलंबित किया था।
अधिकारियों की तत्परता और तैयारी
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्य आपातकाल संचालन केंद्र पर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि आवश्यक उपाय और राहत शिविर लगाए गए हैं। राहत शिविरों में भोजन की व्यवस्था के साथ, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। भारतीय नौसेना ने भी आपदा प्रतिक्रिया योजना को सक्रिय किया और एनडीआरएफ की टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गईं।
चुनौतीपूर्ण स्थिति में परिवहन सेवाएं
चक्रवात फेंगे के कारण चेन्नई के 134 से अधिक स्थानों पर जलजमाव रिपोर्ट किया गया। चेन्नई हवाई अड्डा भी इस तूफान से अछूता नहीं रहा। इसे दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया। इंडिगो एयरलाइंस को अस्थायी रूप से अपनी उड़ानों को स्थगित करना पड़ा, हालांकि अन्य एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेन सेवाओं पर इसका असर नहीं पड़ा।
सरकार की सलाह और आपात प्रबंध
सरकार ने पब्लिक को घर के अंदर रहने की सलाह दी है। सार्वजनिक स्थानों पर, जैसे कि समुद्रतट, मनोरंजन पार्क आदि पर जाने से बचने की सलाह दी गई। चेन्नई मेट्रो रेल सेवाएं सामान्य रूप से संचालित हुईं। कई जगहों पर बिजली की आपूर्ति सामान्य रही। वहीं, आईटी कर्मचारियों के लिए घर से काम करने का निर्देश दिया गया।
इस आपदा के मद्देनजर एक्शन और प्रीकॉशन लेना सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती था। स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय से इस प्राकृतिक आपदा से निपटने का प्रयास किया गया। चक्रवात ने ना केवल पुडुचेरी बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के इस क्षेत्र में दिनचर्या में बाधा डाली, जबकि सुरक्षा उपायों ने जान और माल की हानि को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।