बाढ़ हर साल कई राज्यों में बड़ी समस्या बन जाती है। बारिश तेज़ होने पर नदियाँ ओवरफ़्लो कर देती हैं, रास्ते जलमग्न हो जाते हैं और लोग अपने घरों से बाहर निकल नहीं पाते। अगर आप बाढ़‑प्रभावित इलाके में रहते हैं या यात्रा की योजना बना रहे हैं तो कुछ बेसिक जानकारी आपके काम आएगी।
मुख्य तौर पर दो वजह से बाढ़ आती है – भारी बारिश और जलभाण्डों का अतिउपयोग। गर्मी में हिमालय की बर्फ़ पिघलती है, नदियों में पानी बढ़ता है और साथ ही मानसून के दौरान तेज़ बरसात भी बड़ी भूमिका निभाती है। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तराखंड और कर्नाटक जैसी जगहों में हर साल अलग‑अलग समय पर बाढ़ की खबरें आती रहती हैं।
इंटरनेशनल क्लाइमेट सेंटर का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग से मौसम पैटर्न बदल रहे हैं, जिससे अचानक तेज़ बारिश होने की संभावना बढ़ गई है। इसका मतलब यह नहीं कि हर साल समान मात्रा में बाढ़ आएगी, लेकिन तैयार रहना ज़रूरी है।
बाढ़ से बचाव के लिए सबसे पहले स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी चेतावनी को फॉलो करें। अगर आपके घर की निकटता में जलस्तर बढ़ रहा हो तो तुरंत ऊँचे स्थान पर जाएँ, जैसे कि स्कूल या सामुदायिक केंद्र। अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज़, दवाइयाँ और कुछ जरूरी चीजें प्लास्टिक बैग में रखकर सुरक्षित जगह रखें।
सरकार अक्सर आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और राहत शिविरों की जानकारी देती है। इनकी मदद से फूड पैकेट, साफ पानी और मेडिकल सहायता मिलती है। अगर आपके पास कोई बचाव किट हो तो उसका इस्तेमाल करें – टॉर्च, बैटरियां, प्राथमिक उपचार का सामान आदि।
स्थानीय NGOs भी अक्सर बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरित करती हैं। उनका सहयोग ले कर आप जल्दी से पुनः स्थिर हो सकते हैं। याद रखें, मदद मांगना कमजोरी नहीं बल्कि समझदारी है।
बाढ़ के बाद सफाई का काम धीरे‑धीरे शुरू करें। पानी हटाने के लिए पम्प या बकेट इस्तेमाल करें और घर की दीवारों को सुखाने के लिये फैन लगाएँ। अगर जलन से नुकसान हुआ हो तो पेशेवर मरम्मत करवाना बेहतर रहेगा, ताकि भविष्य में फिर से लीक न हो।
आख़िरकार, बाढ़ के बारे में जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। अपने पड़ोसियों को चेतावनी दें, सोशल मीडिया पर अपडेट शेयर करें और स्थानीय प्रशासन की योजनाओं में भाग लें। इससे आप और आपके समुदाय दोनों सुरक्षित रहेंगे।
दिल्ली-NCR में 30 जुलाई 2025 को हुई जोरदार बारिश से तापमान में गिरावट आई लेकिन शहर के कई इलाकों में जलभराव और यातायात में भारी दिक्कतें सामने आईं। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक बादल छाए रहने और बारिश की संभावना जताई है। लगातार बारिश ने हालात को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
आगे पढ़ें