जब बात बैंकिंग भर्ती, वित्तीय संस्थानों में विभिन्न पदों की चयन प्रक्रिया को कहते हैं, तो यह शब्द कई संभावनाएँ खोलता है। इसे अक्सर बैंक जॉब भी कहा जाता है। प्रमुख बैंकिंग भर्ती में SBI, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की विभिन्न पदों के लिये आयोजित परीक्षा और IBPS, इंटरबैंकिंग प्रोसेसिंग सॉल्यूशन द्वारा संचालित परीक्षा शामिल हैं, जबकि RBI, रेजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नीतियों का बैंकिंग भर्ती पर सीधा असर भी बहुत मायने रखती है।
बैंकिंग भर्ती का मूल उद्देश्य सरकारी और निजी बैंकों में योग्य उम्मीदवारों को योग्य पद पर नियुक्त करना है। यह बैंकिंग भर्ती का सबसे बड़ा हिस्सा लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और दस्तावेज़ सत्यापन जैसे चरणों से गुजरता है। एसबीआई, आईबीपीएस, आरआरबी (रजिस्टर्ड रेज़िडेंट बैंका) और विभिन्न राज्य बैंक अपनी‑अपनी भर्ती कैलेंडर रिलीज़ करते हैं, जिससे उम्मीदवारों को पहले से योजना बनानी चाहिए।
सबसे लोकप्रिय परीक्षा SBI PO, प्रॉबेशनरी ऑफिसर पद के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू है, जिसमें जबकि क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड, डेटा वैलिडेशन और रीजनिंग की टेस्टिंग होती है। उसी तरह IBPS PO, इंटरबैंक प्रॉबेशनरी ऑफिसर परीक्षा, हर साल दो बार आयोजित का दायरा काफी विस्तृत है। इन दोनों परीक्षाओं में भारत के सभी कोर एरिया कवर होते हैं, जिससे उम्मीदवारों को राष्ट्रीय स्तर पर अवसर मिलते हैं। रजिस्टर्ड रेज़िडेंट बैंका (RRB) के लिए RRB NTPC, नॉन‑ट्रेनिंग पोस्ट के लिये लिखित परीक्षा और RRB JE, ज्यूनियर इंजीनियर पद के लिये स्पेशलाइज्ड टेस्ट भी बहुत लोकप्रिय हैं।
इन परीक्षाओं में सफलता का पहला कदम है आधिकारिक सिलेबस को समझना। सिलेबस में शामिल मुख्य टॉपिक क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड, इंग्लिश, रीजनिंग, कंप्यूटर ज्ञान और बैंकिंग जागरूकता हैं। हर परीक्षा की अपनी‑अपनी पैटर्न होती है, इसलिए टाइम‑टेबल बनाकर रोज़ाना अभ्यास करना ज़रूरी है। साथ ही पिछले साल के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करने से पैटर्न पहचान में मदद मिलती है।
बैंकिंग भर्ती पर असर डालने वाले बाहरी कारक भी समझने चाहिए। RBI की मौद्रिक नीति, वित्तीय inclusion पहल और डिजिटल बैंकिंग रणनीतियाँ नई पदों की मांग पैदा करती हैं। उदाहरण के तौर पर, डिजिटल भुगतान के बढ़ते प्रयोग ने “डिजिटल ट्रांजेक्शन” जैसे कौशल की आवश्यकता बढ़ा दी है, जिससे डेटा एनालिटिक्स, बैंकिंग में डेटा‑ड्रिवन निर्णयों के लिये जरूरी कौशल अधिक माँगे जाते हैं।
अब बात करते हैं तैयारी टिप्स की। पहला नियम – नियमित हलचल से बचें और एक स्पष्ट टाइम‑टेबल बनाएं। दूसरा, मॉक टेस्ट को अपनी रूटीन में शामिल करें; यह टाइम मैनेजमेंट और स्ट्रैटेजी को परखता है। तीसरा, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध फ्री और पेड कोर्सेज़ का उपयोग करें, लेकिन केवल विश्वसनीय स्रोत चुनें। चौथा, बैंकिंग जागरूकता को अपडेट रखने के लिये RBI, SEBI और प्रमुख बैंकों के प्रेस रिलीज़ को फॉलो करें। अंत में, हेल्थ को नजरअंदाज न करें; पढ़ाई के साथ‑साथ पर्याप्त नींद और व्यायाम रखें।
बैंकिंग भर्ती की एंट्री लेवल में मिलने वाले वेतन पैकेज भी आकर्षक होते हैं। एसबीआई क्लर्क या आईबीपीएस क्लर्क की शुरुआती पैकेज लगभग 3.5 लाख से 5 लाख रुपये तक होती है, जबकि प्रोबेशनरी ऑफिसर पद पर 7 लाख से 12 लाख तक की ग्रॉस सालाना पैकेज मिल सकती है। इन आकड़ों में फ्रीहाउस, मेडिकल, ग्रेस पेरोल और प्रोन्नति के साथ अतिरिक्त लाभ भी शामिल होते हैं। इसलिए सही समय पर सही जानकारी हासिल करना आपके भविष्य को सुरक्षित बनाता है।
आजकल अधिकांश बैंकिंग भर्ती ऑनलाइन मोड में होती है, इसलिए इंटरनेट कनेक्शन और डिजिटल डिवाइस का भरोसेमंद होना जरूरी है। सरकारी पोर्टल्स पर नोटिस मिलने पर तुरंत आवेदन करें, क्योंकि कोई भी मौका दोबारा नहीं आता। साथ ही, सोशल मीडिया ग्रुप्स और टेलीग्राम चैनल पर अपडेट्स को फॉलो करके आप अंडर‑ग्राउंड टिप्स और एरर‑फ्री एप्प्लिकेशन प्रक्रिया के बारे में जल्दी जान सकते हैं।
इन सभी पहलुओं को समझकर आप बैंकिंग भर्ती में बेहतर तैयारी कर सकते हैं। नीचे आप देखेंगे ताज़ा ऑफ़र, आवेदन लिंक, परीक्षा डेट और तैयारी गाइड – सब कुछ एक ही जगह। चाहे आप पहली बार अप्लाई कर रहे हों या दोबारा कोशिश कर रहे हों, यहाँ का कंटेंट आपके लिए एक भरोसेमंद मार्गदर्शक बनेगा।
IBPS ने 26 सितंबर को PO 2025 प्रीलीम्स परिणाम जारी किया, कट‑ऑफ़ अंक अक्टूबर के पहले हफ़्ते में खुलेंगे; मेन्स 12 अक्टूबर को निर्धारित, अभ्यर्थियों को नई तैयारी की राह दिखती है।
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