UPSC प्रीलिम्स 2025 कटऑफ़ अंक: उम्मीदें, पिछली प्रवृत्तियाँ और श्रेणीवार अनुमान

UPSC प्रीलिम्स 2025 कटऑफ़ अंक: उम्मीदें, पिछली प्रवृत्तियाँ और श्रेणीवार अनुमान सित॰, 27 2025

उम्मीदवारों के लिए कटऑफ़ अनुमान

Union Public Service Commission (UPSC) ने सिविल सर्विसेज़ परीक्षा का प्रीलिम्स चरण 25 मई 2025 को आयोजित किया और 11 जून को परिणाम जारी किए। हालांकि, आधिकारिक कटऑफ़ अभी तक नहीं आया, क्योंकि UPSC पूरा सिविल सर्विसेज़ सिलेबस, जिसमें मेन्स और कांसिडेट्स की आखिरी रैंकिंग शामिल है, मार्च‑अप्रैल 2026 में प्रकाशित करेगा। इस बीच, कई कोचिंग संस्थान और स्वतंत्र विशेषज्ञ ने उपलब्ध डेटा और पिछले वर्षों की प्रवृत्तियों के आधार पर अनुमान प्रस्तुत किए हैं।

विशेष रूप से UPSC प्रीलिम्स 2025 के जनरल वर्ग के लिए अधिकांश विशेषज्ञ 80‑90 अंकों के बीच कटऑफ़ की बात कर रहे हैं। कुछ संस्थानों ने 80‑86, कुछ ने 85‑90 और कुछ ने 86 ± 4 अंकों का अनुमान लगाया है। यह रेंज पिछले साल (2024) के 87.98 अंकों से थोड़ा कम लेकिन 2023 के 75.41 अंकों से ऊपर रहने की संभावना दिखाती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कुल मिलाकर परीक्षा कठिन रही, पर कटऑफ़ अत्यधिक गिरावट नहीं देखी जाएगी।

  • जनरल (General): 80‑90 अंक
  • ओबीसी (OBC): 79‑89 अंक
  • ईडब्ल्यूएस (EWS): 72‑82 अंक
  • एससी (SC): 65‑75 अंक
  • एसटी (ST): 61‑71 अंक
  • PwBD (विभिन्न श्रेणियों के अनुसार 39‑60 अंक)

इन आंकड़ों को देखते हुए, उम्मीदवारों को अपनी तैयारी को न केवल जनरल स्टडीज पेपर I (GS‑I) पर बल्कि आगामी मेन्स की विस्तृत सिलेबस पर भी फोकस करना चाहिए।

पिछले वर्षों से तुलना

पिछले वर्षों से तुलना

2024 में जनरल वर्ग का कटऑफ़ 87.98 अंक था, जो 2023 की तुलना में काफी बढ़ा। 2023 में CSAT पेपर की कठिनाई के कारण कटऑफ़ 75.41 अंक तक गिर गया था। 2025 के पेपर में दोनों पेपर—GS‑I और CSAT—की कठिनाई स्तर में वृद्धि का अनुमान है, जिससे विशेषज्ञों ने कहा है कि इस साल का कटऑफ़ पिछले साल से थोड़ा नीचे रह सकता है, लेकिन 2023 की निचली सीमा से बहुत दूर रहेगा।

ये अंतर केवल प्रश्नावली की कठिनाई से नहीं, बल्कि कई वैरिएबल्स से तय होते हैं: कुल अपीयरेंस, उपलब्ध पदों की संख्या, उम्मीदवारों का औसत प्रदर्शन और परीक्षा के विभिन्न सत्रों में प्रश्नपत्रों की समानता बनाए रखने हेतु लागू नॉर्मलाइज़ेशन प्रक्रिया। UPSC जब कई सत्र में परीक्षा लेता है, तो प्रत्येक सत्र के अंक को एक मानकीकृत स्केल पर लाया जाता है, जिससे किसी विशेष सत्र की कठिनाई से उम्मीदवार को अनुचित नुकसान न हो।

कटऑफ़ निर्धारण में केवल पेपर I (जनरल स्टडीज) के अंक ही मायने रखते हैं, क्योंकि पेपर II (CSAT) को क्वालिफाइंग माना जाता है और इसमें 33% पासिंग मार्क का न्यूनतम मानक तय है। इसलिए, यदि कोई उम्मीदवार CSAT में पास हो जाता है, तो उसका कुल स्कोर पूरी तरह से GS‑I के अंक पर निर्भर करता है।

उम्मीदवारों के बीच एक आम सवाल यह भी रहता है कि किन कारकों से कटऑफ़ में उतार‑चढ़ाव आता है। सामान्यतः, परीक्षा की कठिनाई बढ़ने पर कटऑफ़ कम हो जाता है, जबकि अपीयरेंस की संख्या बढ़ने और वैकेंसी घटने पर कटऑफ़ ऊँचा रहता है। 2025 में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने परीक्षा दी, और साथ ही दो पेपर की कुल कठिनाई भी उंची रहने की संभावना है, इसलिए विशेषज्ञ इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि कटऑफ़ 2024 के स्तर से थोड़ा कम पर स्थित रह सकता है।

अब जबकि प्रीलिम्स का परिणाम आया है, चयनित उम्मीदवारों को मेन्स की तैयारी पर पूर्ण फोकस करना होगा। मेन्स का शेड्यूल सितंबर 2025 में निर्धारित है, और इस चरण में लिखित परीक्षा, वैकल्पिक पेपर (जैसे विकल्प‑विधि) और इंटरव्यू शामिल होंगे। आधिकारिक कटऑफ़ नंबर UPSC की वेबसाइट पर 2026 की शुरुआत में, पूरी परीक्षा प्रक्रिया के बाद प्रकाशित किया जाएगा, जिससे अंतिम रैंकिंग और चयन प्रक्रिया स्पष्ट होगी।