हर रोज़ हमें फेसबुक, इंस्टाग्राम या ट्विटर पर नई‑नई ख़बरें मिलती हैं. कभी‑कभी वो खबरें इतनी तेज़ी से फैल जाती हैं कि हम सोचते ही नहीं कि क्या सच्चाई है और क्या फेक। अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि कौन सी बात भरोसेमंद है, तो नीचे दिए गए आसान कदम आपके काम आएंगे.
कोई भी ख़बर पढ़ते समय सबसे पहला सवाल पूछें: "ये खबर कहाँ से आई?" अगर यह आधिकारिक साइट या भरोसेमंद समाचार चैनल से नहीं है, तो सावधान रहें। कई बार सिर्फ एक निजी अकाउंट या अनजान पेज ही अफवाह का मूल बन जाता है। उदाहरण के तौर पर, हमारे Gaurav Khanna की "अनुपमा" एग्जिट वाली पोस्ट भी बिना किसी प्रमाण के सोशल मीडिया में छाई थी। ऐसी खबर को तुरंत फेक मान लेना बेहतर रहता है.
इंटरनेट पर कई मुफ्त टूल मिलते हैं जो तस्वीर, वीडियो या टेक्स्ट की सच्चाई जांचते हैं। Google Reverse Image Search, InVID और भारत में Alt News जैसे प्लेटफ़ॉर्म आपके लिए काम कर सकते हैं। अगर आप किसी वायरल फोटो को लेकर संदेह में हों, तो इन टूल्स पर इसे डालें; अक्सर यही दिखा देते हैं कि वह पहले कहाँ उपयोग हुई थी.
तीसरे पोस्ट में हमने बताया था कैसे Delhi-NCR मौसम की झूठी बाढ़ रिपोर्ट ने लोगों को घबराया। फ़ैक्ट‑चेक करने से पता चला कि यह सिर्फ एक स्थानीय मौसम ऐप का अनुमान था, आधिकारिक विभाग ने कोई चेतावनी नहीं जारी की थी.
तीसरे कदम – समय सीमा देखें। कई अफवाहें जल्दी‑जल्दी बनती हैं और तुरंत हट भी जाती हैं. अगर आप किसी खबर को 2‑3 घंटे के भीतर कई बार देख रहे हों, तो यह एक संकेत हो सकता है कि वह वायरल होना चाह रही है.
अंत में, अपने खुद के अनुभव से सीखें। कभी‑कभी सिर्फ इसलिए कोई ख़बर लोकप्रिय लगती है क्योंकि उसमें भावनात्मक शब्द होते हैं – "शॉकिंग", "हैरोइकल" या "साक्ष्य". ऐसे शब्दों को पढ़ते ही रुकिए और दोबारा जाँच कीजिये.
अगर आप रोज़ाना कई पोस्ट पढ़ते हैं, तो एक छोटा नोटबुक रखें। उसमें लिखा रखें कि कौन सी साइट या अकाउंट आपने पहले सत्यापित किया है, कौन से टूल्स आपके लिए काम आए, और किन ख़बरों को अंत में फेक माना गया. यह आदत भविष्य में आपको तेज़ी से सही फैसला लेने में मदद करेगी.
समाप्ति में यही कहूँगा – सोशल मीडिया पर हर चीज़ को सच मानने की जल्दी नहीं करनी चाहिए. थोड़ा‑से जांच, सही टूल और समझदारी से आप खुद भी एक भरोसेमंद सूचना स्रोत बन सकते हैं। अब जब आप अगले वायरल पोस्ट के सामने हों, तो इन टिप्स याद रखें और झूठी अफवाहों का पर्दाफाश करें.
इंटरनेट पर एक वायरल अफवाह दावा करती है कि 16 जनवरी, 2025 को वैश्विक इंटरनेट बाधा होगी, जिसे द सिम्पसन्स के एक एपिसोड ने भविष्यवाणी की थी। यह अफवाह कहती है कि डोनाल्ड ट्रम्प के एक बार फिर राष्ट्रपति बनने के समारोह के साथ यह घटना होगी। तथ्यों के अनुसार, इस दावा का कोई वास्तविक आधार नहीं है और यह केवल अफवाह है।
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