अगर आप रोज़ स्टॉक मार्केट देखते हैं तो शायद आपने ‘NASDAQ कॉम्पोजिट’ शब्द सुना होगा। यह एक बड़ा इंडेक्स है जिसमें सभी Nasdaq एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनी के शेयर शामिल होते हैं। छोटे‑से‑बड़े, टेक से हेल्थकेयर तक हर सेक्टर का मिलाजुला रूप इसे बनाता है। इसलिए जब भी इस इंडेक्स में बदलाव आता है, अक्सर पूरे मार्केट की भावना को समझने में मदद मिलती है।
यह सिर्फ़ नंबर नहीं है; यह निवेशकों का एक संकेतक है। अगर NASDAQ ऊपर जाता है तो टेक कंपनियों के शेयर आमतौर पर मजबूत होते हैं, और उल्टा भी सच है। भारतीय निवेशकों को खास तौर पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि कई बड़ी US कंपनीें भारत में भी काम करती हैं – Apple, Microsoft, Amazon आदि। इनके स्टॉक की गति सीधे‑सीधे हमारे पोर्टफोलियो को प्रभावित कर सकती है।
पिछले हफ्ते NASDAQ कॉम्पोजिट ने 1.5% की गिरावट देखी। इस गिरावट का कारण कई बड़े टेक‑जायंट्स के क्वार्टरली रिपोर्ट में कम राजस्व बताया गया था। साथ ही, US फेडरल रिज़र्व की दर नीति पर चर्चा ने बाजार को थोड़ा अस्थिर किया। इसका असर भारतीय शेयरों में भी दिखा – विशेषकर IT और बायोटेक सेक्टर में हल्की गिरावट रही।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों ने इस डाउन्साइड को पकड़ लिया। क्लीन एनर्जी और एआई‑ड्रिवेन स्टार्टअप्स ने NASDAQ के नीचे से उठते हुए 2% तक की रिटर्न दी। यह दिखाता है कि बाजार में अभी भी कई अवसर मौजूद हैं, बस सही सेक्टर चुनना जरूरी है।
अगर आप आज ट्रेडिंग कर रहे हैं तो कुछ पॉइंट याद रखें:
भारतीय निवेशकों को NASDAQ का फॉलो करने से फायदा इस बात में है कि आप ग्लोबल ट्रेंड समझ सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफ़ाई कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर US में एआई कंपनियों की रिटर्न अच्छी हो रही है तो आप भारत में AI‑संबंधित स्टॉक्स या फंड्स में निवेश करके समान लाभ उठा सकते हैं।
आखिरकार, Nasdaq कॉम्पोजिट सिर्फ़ एक संख्या नहीं; यह एक संकेतक है जो आपको बाजार के मूड का अंदाज़ा देता है। जब आप इसे नियमित रूप से चेक करेंगे तो आपके ट्रेडिंग डिसीजन अधिक सटीक होंगे और अनावश्यक जोखिम कम रहेगा।
तो आज ही अपने ब्रोकरेज ऐप में Nasdaq सेक्शन खोलें, प्रमुख movers देखें और फिर अपनी रणनीति बनाएं – चाहे आप दीर्घकालिक निवेश कर रहे हों या अल्पकालिक ट्रेडिंग। याद रखिए, सटीक जानकारी और तेज़ प्रतिक्रिया से ही बाजार में जीत पक्की होती है।
शुक्रवार को अमेरिकी स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई, जहां नैस्डैक कॉम्पोजिट अपने उच्चतम स्तर से 10% की गिरावट के साथ करेक्शन के दायरे में आ गया। यह गिरावट व्यापक बाजार बिकवाली का हिस्सा थी, जिसने डॉव जोन्स और एसएंडपी 500 को भी प्रभावित किया। डॉव जोन्स इस सप्ताह 2% से अधिक गिर गया है, जो चार सप्ताह के विजेता परिणामों का अंत है।
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