अगर आप रोमांच और थ्रिल की तलाश में हैं तो हॉरर फिल्में सबसे सही चॉइस है। हर सीन पे दिल धड़कता है, आवाज़ों में एक अजीब सा तड़प होता है और कहानी आपको बेड के नीचे तक खींच लेती है। इस पेज पर हम आसान शब्दों में बतायेंगे कैसे सही फ़िल्म चुनें, कौन सी नई रिलीज़ देखनी चाहिए और क्लासिक डरावनों को कभी नहीं छोड़ना चाहिये।
इस साल कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय प्रॉडक्शन ने अपने बेस्ट इफ़ेक्ट्स के साथ स्क्रीन पर काबू बना दिया है। ‘भूतिया 2’ का ट्रेलर पहले ही सोशल मीडिया पे वायरल हो रहा है, जहाँ एक abandoned गाँव में छुपे रहस्यों को दिखाया गया है। अगर आप स्ट्रीमिंग पसंद करते हैं तो Netflix पर ‘The Haunting of Hill House: Season 3’ अब उपलब्ध है – कहानी में परिवार के पुराने घर की दास्तान फिर से जीवंत हो गई है।
बॉलीवुड ने भी कुछ हिम्मत वाले प्रोजेक्ट लाए हैं, जैसे ‘रहस्यमयी रात्रि’ जो एक छोटे शहर में घटी रहस्यमय घटनाओं को सस्पेंस फुल तरीके से दिखाता है। ये फ़िल्में सिर्फ डर नहीं देती, बल्कि कहानी के साथ दिल की धड़कन भी तेज़ कर देती हैं।
नई फिल्मों का मजा तो होता ही है, पर क्लासिक्स को भूलना गलती होगी। ‘शायरी के साए’ (1971) में सुनहरी धुंधली रोशनियों और पुरानी संगीत ने एक अनोखा माहौल बनाया था। ‘द एक्सोरसिस्ट’ को देख कर आप समझेंगे कि सच्चा डर सिर्फ स्क्रीन पर नहीं, बल्कि मन की कल्पना से आता है। अगर आपके पास टाइम है तो ‘रॉकेट फॉल्ट’ (1995) और ‘हंटिंग इन द टेम्प्लेट’ (2002) भी देखें – ये फ़िल्में हर पीढ़ी को हिला देती हैं।
क्लासिक फिल्मों में अक्सर सरल सेटअप होते हैं: एक पुराना घर, अंधेरा कमरा या जंगल की रात। लेकिन इन्हीं सीमित संसाधनों से डर का माहौल बनता है, इसलिए इनको देखना आपके हॉरर सेंस को तेज़ करेगा।
हॉरर फ़िल्म चुनते समय कुछ बातें याद रखें – कहानी के अलावा इफ़ेक्ट्स और साउंड ट्रैक भी बहुत मायने रखती हैं। अगर आवाज़ें अचानक कट जाएँ या सस्पेंस म्यूज़िक धीमा हो जाए तो डर दो गुना बढ़ जाता है। इसलिए, अपने डिवाइस की ऑडियो सेटिंग को हाई पर रखें और थ्रिल का पूरा मजा लीजिए।
अगर आप अकेले देख रहे हैं तो एक छोटा स्नैक तैयार रखें – पॉपकॉर्न या चाय के साथ डर की मिठास बढ़ती है। लेकिन अगर परिवार में बच्चे हों, तो हल्की-फुल्की हॉरर कॉमेडी जैसे ‘भूतिया दोस्त’ बेहतर विकल्प हो सकता है।
स्ट्रिमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर अक्सर मुफ्त ट्रायल या डिस्काउंट कोड मिलते हैं, इसलिए नई फ़िल्मों को बिना खर्च के देख सकते हैं। हमारे साइट पर आप हर फिल्म का छोटा सारांश, रेटिंग और देखने का लिंक पा सकते हैं – बस ‘हॉरर फ़िल्म’ टैग पर क्लिक करें।
अंत में याद रखें, डर सिर्फ़ एक भावना है जो हमें ज़िंदगी के छोटे-छोटे पलों की कद्र सिखाता है। सही फिल्म देख कर आप न केवल एंटरटेनमेंट पाएँगे बल्कि अपनी इमोशनल रेस्पॉन्स भी समझ सकेंगे। तो अगली बार जब मूवी टाइम आए, इस गाइड को याद रखें और अपने मनपसंद हॉरर फ़िल्म का आनंद उठाएँ।
निकोलस केज अभिनीत नई हॉरर फिल्म 'लॉन्गलेग्स' 12 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। वर्तमान में इसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं किया जाएगा। फिल्म में एफबीआई एजेंट ली हार्कर के रूप में माइक मोनरो और सीरियल किलर लॉन्गलेग्स के रूप में निकोलस केज हैं। फिल्म का निर्देशन ओसगूड पर्किन्स ने किया है और अन्य मुख्य भूमिका में एलिसिया विट, कीर्नान शिपका, ब्लेयर अंडरवुड, मिशेल चोई-ली, और डकोटा डॉल्बी हैं।
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