जब Durga Puja, एक प्रमुख हिन्दू त्यौहार है जिसमें देवी दुर्गा की शक्ति और विजय का जश्न मनाया जाता है की बातें आती हैं, तो दमन के बाद प्रकाश, अंधेरे पर जीत और सामुदायिक एकजुटता स्वाभाविक रूप से सामने आती है। इसे कई बार शूज्वर भी कहा जाता है, लेकिन इस नाम का प्रयोग कम होता है। इस उत्सव में पंडाल, सजावटी मंच जहाँ देवी की मूर्ति स्थापित की जाती है, संगीत, धार्मिक गीत, धाक, और बांग्ला डांस और भोजन, भाक्तिवाद का स्वाद, मुजकिदार दाल व रोटी और मिठाई प्रमुख घटक होते हैं। यह त्रिकोणिक संरचना इस बात को दर्शाती है कि Durga Puja केवल पूजा ही नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और सामाजिक सामंजस्य का मंच है।
हर साल बनते पंडाल, परम्परागत लकड़ी, धातु और प्लास्टिक सामग्री से बनाए गए अस्थायी संरचनाएँ शहर‑शहर में अलग‑अलग थीम के साथ सामने आते हैं—ऐतिहासिक कथा, पर्यावरणीय जागरूकता, आधुनिक कला आदि। पंडाल की सजावट में कलाकार, स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय कलाकार जो पंडाल की दीवारों पर पेंटिंग, पुतले और डिजिटल स्क्रीन लगाते हैं का बड़ा हाथ रहता है। इसी तरह संगीतकार, बांग्ला शास्त्रीय संगीत, धाक और डाक्पर इन्टरप्रिटेशन करने वाले कलाकार भी रात्रि में ध्वनि‑सुर में माहौल को जीवंत बनाते हैं। भोजन विक्रेता, स्ट्रीट फूड से लेकर परम्परागत काठी रोल, फीरोजी और रसगुल्ला तक का विस्तृत चयन भी इस आयोजन के अभिन्न भाग हैं, जिससे दर्शकों को इन्द्रियों की भरपूर संतुष्टि मिलती है।
जैसे‑जैसे रात्रि स्नान का समय आता है, आरती, दुर्गा माताओं की पूजा में जल, धूप और सात रंगी फूलों की अर्चना का माहौल और भी गहरा हो जाता है। आरती के बाद पुजारी, विधिपरक मंत्रोच्चारण और अभिषेक करने वाले विद्वान मुख्य भूमिका निभाते हैं। कई जगहों पर डॉक्यूमेंट्री, दुर्गा पूजा के इतिहास और सामाजिक प्रभाव पर बनी फिल्में और छोटे वीडियो भी दिखाए जाते हैं, जिससे युवा पीढ़ी को इस परंपरा के महत्व की समझ मिलती है। इस तरह Durga Puja केवल एक मंदिर‑आधारित उत्सव नहीं, बल्कि एक बहु‑आयामी सामाजिक मंच बन जाता है जहाँ धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक‑संचालन का समन्वय स्पष्ट दिखता है।
अब आप इस पृष्ठ पर नीचे लिस्ट किए गए लेखों में पाएँगे कि इस साल के Durga Puja में कौन‑से पंडाल सबसे अधिक चर्चा में हैं, कौन‑से गायक ने मंच तैयार किया, और कौन‑से व्यंजन सबसे ज्यादा सराहे गए। चाहे आप पहली बार भाग ले रहे हों या दीवाने जैसे इस उत्सव के, हमारी चयनित खबरें आपको पूरी जानकारी, विस्तृत विश्लेषण और ताज़ा अपडेट देती हैं—ताकि आप भी इस महाकाव्य समारोह का पूरा आनंद ले सकें।
RBI ने 29 सितंबर को महा सप्तमी के चलते त्रिपुरा, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में बैंक बंद किए, डिजिटल सेवाएँ जारी रहीं, आगे 30 सितंबर को महा अष्टमी भी अवकाश रहेगा।
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