डॉक्टर की हत्या: क्या है समस्या और कैसे रखें खुद की सुरक्षा?

हॉलिडे या महामारी के समय में डॉक्टरों का काम कठिन हो जाता है, पर कभी‑कभी उनका जीवन भी खतरे में पड़ता है। पिछले साल कई मामलों में डॉक्टरों को मार दिया गया या उनकी जान जोखिम में पड़ी। ऐसे समाचार सुनकर आम जनता परेशान होती है और सवाल उठते हैं – क्यों होते हैं ये हत्याएँ और हम क्या कर सकते हैं?

डॉक्टर की हत्या के कारण

सबसे बड़ा कारण है रोगियों या उनके रिश्तेदारों की असंतुष्टि। दवा का असर नहीं दिखने, इलाज में देरी या बिल में गलतफहमी से गुस्सा बढ़ता है। कुछ मामलों में डॉक्टर को भ्रष्टाचार या रिश्वत लेने का आरोप लगता है, जिससे लोग उन्हें टारगेट कर देते हैं। सामाजिक तनाव, राजनीति और स्थानीय गैंग भी इस हिंसा में हाथ डालते हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहाँ पुलिस की मौजूदगी कम होती है।

इसके अलावा, डॉक्टर खुद को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं करते। देर रात अस्पताल में काम करने वाले कई डॉक्‍टर अकेले होते हैं, तो एकल हिट आसान हो जाता है। कई बार सुरक्षा गार्ड नहीं रखे जाते या कैमरा सिस्टम ठीक से काम नहीं करता, जिससे अपराधी बिना डर के हमला कर लेते हैं.

डॉक्टर की सुरक्षा के उपाय

सबसे पहले डॉक्टर को अपने शिफ्ट में सहयोगी का साथ रखना चाहिए। अगर अकेले जाना पड़े तो अस्पताल प्रशासन से गार्ड या रजिस्ट्रेशन डेस्क पर मदद मांगें। मोबाइल पर लोकेशन शेयर करना, एमरजेंसी बटन सेट करना और आसपास के कर्मचारियों को घटना की जानकारी देना तुरंत सहायता पहुंचा सकता है.

हॉस्पिटल में सीसीटीवी कैमरा और अलार्म सिस्टम का सही इस्तेमाल भी ज़रूरी है। कई बड़े शहरों में अब डॉक्टरों के लिए विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाये गये हैं, जैसे एंट्री पर बैज स्कैनिंग और नाइट शिफ्ट में रैपिड रिस्पॉन्स टीम की तैनाती. आप अपने अस्पताल के सिक्योरिटी मैनेजर से इन नियमों को लागू करने की मांग कर सकते हैं.

अगर किसी रोगी या उनके रिश्तेदार से खतरा महसूस हो, तो तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें। कई राज्यों में डॉक्टर की सुरक्षा कानून (डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट) मौजूद है, जो अपराधियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करता है. इस तरह की रिपोर्टिंग न केवल आपके लिए बल्कि भविष्य में दूसरों के लिये भी बचाव बनती है.

आखिरकार, डॉक्टर को अपने काम पर फोकस करने देना ही सबसे बड़ा सुरक्षा उपाय है। जब जनता को पता होगा कि डॉक्टरों की सुरक्षा सरकार और अस्पताल दोनों मिलकर सुनिश्चित कर रहे हैं, तो अनावश्यक हिंसा कम होगी. इसलिए हर एक कदम छोटा लग सकता है, लेकिन मिलजुल कर बड़े बदलाव लाएगा.

अगर आप या आपके जानने वाले डॉक्टर इस तरह के खतरे में हों, तो ऊपर बताए गए टिप्स अपनाएँ और तुरंत मदद लें। सुरक्षा की भावना को मजबूत करने से हम सभी सुरक्षित रहेंगे और स्वास्थ्य प्रणाली भी बेहतर चलेगी.

अग॰, 17 2024
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भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में 17 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल के दौरान गैर-जरूरी चिकित्सा सेवाओं को 24 घंटे के लिए बंद कर दिया जाएगा जबकि इमरजेंसी और गंभीर देखभाल सेवाएं जारी रहेंगी।

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