देवशयनि एकादशी कब है और इसे कैसे मनाएँ?

अगर आप हिन्दू कैलेंडर में देख रहे हैं तो आपको ‘एकादशी’ जरूर मिलेंगे, पर देवशयनि एकादशी थोड़ी अलग होती है। यह दिन भगवान शिव की पत्नी पार्वती (देवशायनी) को समर्पित माना जाता है और खासकर उपवास एवं पूजा का महत्व रखता है। इस लेख में हम बताएँगे कब आता है ये त्यौहार, इसका पौराणिक अर्थ क्या है और आप इसे घर पर आसानी से कैसे मनाएँ।

देवशयनि एकादशी का महत्व

एकादशी हर महीने के कृष्ण पक्ष की अंधेरी रात को आती है, लेकिन देवशयनि एकादशी शरद ऋतु में पड़ती है – आमतौर पर सितंबर‑अक्टूबर में। पौराणिक कथा के अनुसार जब पार्वती ने भगवान शिव को गहरी नींद (देवशायनी) दी थी तो इस दिन उनके आशिर्वाद से सभी रोग, कष्ट और बुरे कर्म दूर हो जाते हैं। इसलिए लोग इस एकादशी पर विशेष उपवास रख कर शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य सुधारने की कोशिश करते हैं।

वैज्ञानिक रूप से देखिए तो उपवास शरीर को डिटॉक्सिफाइ करने में मदद करता है, मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और मन शांत रहता है। यही कारण है कि कई लोग इस दिन शुद्ध भोजन करके अपने आप को रिचार्ज महसूस करते हैं।

एकादशी के दिन कैसे करें पूजा और उपवास

सबसे पहले तिथि देख लीजिए – 2025 में देवशयनि एकादशी 15 अक्टूबर (शनिवार) को पड़ेगी। अगर आप इस दिन घर पर पूजा करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आसान कदम फॉलो कर सकते हैं:

  • साफ‑सुथरा स्थान तैयार करें: शिव जी की मूरत या लिंग स्थापित करें, उसके चारों ओर फूल और धूप रखें।
  • उपवास रखें: केवल फल, दूध, दही या हल्का खिचड़ी (जौ/भात) खाएँ। शर्करा वाले खाद्य पदार्थ और पका हुआ तेल न लें।
  • आठ वंदन: सुबह स्नान करके त्रिपदा, अभय मोदक और जलरूपी अर्पण करें। फिर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करें।
  • भोजन का परिधान: शुद्ध सफ़ेद या हल्का पीला कपड़ा पहनें, क्योंकि ये रंग पवित्रता दर्शाते हैं।
  • दान और सेवा: यदि संभव हो तो जरूरतमंदों को खाना या वस्तु दान करें। यह कर्म आपके उपवास को और भी फलदायक बनाता है।

पूजा समाप्त करने के बाद एक छोटा धूपधूम्र रखें, फिर मिठाई (सेंधा हलवा) का छोटा हिस्सा खाएँ। यह शरीर में ऊर्जा लौटाता है और मन को संतोष देता है।

यदि आप व्यस्त हैं तो भी घर पर छोटी सी पूजा कर सकते हैं – एक छोटा दीप जलाकर ‘ॐ नमः शिवाय’ की ध्वनि सुनें, कुछ फल अर्पित करें और अपना दिन सकारात्मक सोच के साथ शुरू करें। याद रखें, सच्ची पूजा दिल से होती है, बड़े-बड़े सजावट से नहीं।

इस विशेष एकादशी को अपने परिवार के साथ मिलकर मनाने से रिश्ते मजबूत होते हैं और सभी का मन शांति पाता है। तो इस साल 15 अक्टूबर को अपना कैलेंडर मार्क करिए, साधारण लेकिन प्रभावी विधियों से देवशयनि एकादशी की पूजा‑उपवास करें और सकारात्मक बदलाव देखें।

जुल॰, 17 2024
0 टिप्पणि
देवशयनी एकादशी 2024: भगवान विष्णु के आशीर्वाद के लिए करें ये काम और भूल से भी न करें ये गलतियां

देवशयनी एकादशी 2024: भगवान विष्णु के आशीर्वाद के लिए करें ये काम और भूल से भी न करें ये गलतियां

देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कुछ नियम और अनुष्ठान का पालन करना आवश्यक है। इस दिन की महत्ता और पालन किए जाने वाले नियमों के बारे में यहां विस्तार से बताया गया है।

आगे पढ़ें