आईटीआर डेडलाइन – कब, क्यों और कैसे फाइल करें?

When working with आईटीआर डेडलाइन, वित्तीय वर्ष के अंत में आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि. Also known as आयकर अंतिम तिथि, it decides whether you will face a penalty or not. भारत में हर साल 31 जुलाई को आयकर रिटर्न जमा करने का काल होता है, और इस तिथि को छूट नहीं मिलती। अगर आप इस दिन तक फाइल नहीं करते, तो सेक्शन 234A के तहत अतिरिक्त 1% प्रति माह देर से जुर्माना लागू हो सकता है। इसलिए समझने लायक है कि आईटीआर डेडलाइन किस चीज़ से जुड़ी है और इसे कैसे आसान बना सकते हैं।

पहले समझें इन्कम टैक्स रिटर्न, व्यक्तियों, फ्रीलांसरों और कंपनियों द्वारा अपनी आय और खर्चों का विवरण आयकर विभाग को देना. यह रिटर्न वही दस्तावेज़ है जो आईटीआर डेडलाइन को पूरा करने के लिए जरूरी है। रिटर्न में आपका कुल आय, वैकल्पिक आय, बचत, टैक्स बचाव और कर भुगतानों का विवरण रहता है। जब आप रिटर्न भरते हैं, तो तुरंत पता चलता है कि आप ‘बकाया’ हैं या ‘रिफंड’ मिलेगा। इसलिए रिटर्न को सही ढंग से भरना, डेडलाइन से पहले ही एक बड़ी राहत देता है।

आईटीआर डेडलाइन को प्रभावित करने वाले प्रमुख खिलाड़ी

दूसरा महत्वपूर्ण इकाई आयकर विभाग, भारत सरकार का वह एजेंसी जो कर संकलन, जांच और रिफंड कार्य संभालता है. विभाग के गाइडलाइन और ई-फ़ाइलिंग पोर्टल डेडलाइन के करीब कई बार अपडेट होते हैं – जैसे फॉर्म बदलना, दस्तावेज़ अपलोड आकार का मानक बदलना आदि। विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘टैक्स कॅलेंडर’ देखना एक अच्छा अभ्यास है क्योंकि यह साल‑दर‑साल की तिथियों को स्पष्ट करता है।

तीसरा घटक ऑनलाइन फाइलिंग, इन्कम टैक्स रिटर्न को इंटरनेट के माध्यम से जमा करने की प्रक्रिया. डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने फॉर्म‑28, फॉर्म‑26AS, ट्रेस‑ट्रेस दस्तावेज़ों को एक ही जगह जोड़ दिया है। यह न सिर्फ जल्दी और सुरक्षित है, बल्कि रिटर्न की स्वीकृति का समय भी घटा देता है। यदि आप आधी रात से पहले फाइल कर लेते हैं, तो सिस्टम रिटर्न को ‘सफल’ मान लेता है, जिससे देर‑से‑दर्ज जुर्माना नहीं लगता।

चौथा आवश्यक इकाई पैन कार्ड, व्यक्तिगत कर पहचान संख्या, जो सभी वित्तीय लेन‑देनों में आवश्यक है. बिना वैध पैन के आईटीआर डेडलाइन को पूरा करना असंभव है, क्योंकि सभी फॉर्म‑ झा‑झुजुरिएँ पैन को ही मुख्य पहचान के तौर पर मानते हैं। पैन को अपडेट रखने से आपके फॉर्म‑फ़ाइल का प्रोसेसिंग तेज़ होता है और दस्तावेज़ सत्यापन में त्रुटियाँ नहीं आतीं।

इन चार इकाइयों – इन्कम टैक्स रिटर्न, आयकर विभाग, ऑनलाइन फाइलिंग, पैन कार्ड – के बीच सीधा संबंध है। इन्कम टैक्स रिटर्न आवश्यकता है, आयकर विभाग नियंत्रक है, ऑनलाइन फाइलिंग सहायक टूल है, और पैन कार्ड पहचान साधन है। यह त्रिपक्षीय मॉडल बताता है कि आईटीआर डेडलाइन सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि एक प्रक्रिया है जो इन तत्वों को जोड़ती है।

अब बात करते हैं वास्तविक‑दुनिया के उदाहरणों की। इस साल कई प्रमुख समाचार पोर्टल ने रिपोर्ट किया कि RBI ने महा सप्तमी के कारण कुछ बैंक छुट्टी कर दी, जिससे कई लोगों को डिजिटल पेमेंट के माध्यम से टैक्स सॉल्व करना पड़ा। इस तरह के वित्तीय छुट्टियों को ध्यान में रखकर आप अपनी टैक्स जमा‑जमा योजना बना सकते हैं। इसी तरह, जब IBPS PO प्री‑लीम्स परिणाम आता है, तो कई युवा नौकरी‑उम्मीदवार अपनी आयकर रिटर्न को अपडेट करने के लिए समय निकालते हैं, क्योंकि नई नौकरी के साथ वे पहले से ज्यादा आय दर्ज करेंगे।

वित्तीय वर्ष के अंत में, कई लोग “मैं कब फाइल करूँ?” से उलझते हैं। एक साधारण चेकलिस्ट मददगार हो सकती है: 1) पैन कार्ड सक्रिय है? 2) फॉर्म‑26AS का मिलान किया? 3) सभी कटौतियों (धन्यवाद, PF, बीमा) को सही ढंग से जोड़ा? 4) ऑनलाइन पोर्टल पर लॉग‑इन करके ‘सेव‑ड्राफ्ट’ बनाएं और अंत में ‘समीक्षा‑और‑जमा’ करें। इस चेकलिस्ट को अपनाकर आप डेडलाइन से पहले 30‑40% मामलों को खुद ही सॉल्व कर सकते हैं।

समापन में, याद रखें कि आईटीआर डेडलाइन केवल एक नियत तारीख नहीं, बल्कि आपके वित्तीय स्वास्थ्य की एक जांच है। सही दस्तावेज़, समय पर फाइलिंग और डिजिटल टूल्स का उपयोग करके आप न सिर्फ दंड बचाएंगे, बल्कि रिफंड तेज़ी से प्राप्त करेंगे। नीचे आप देखेंगे कि हमारी साइट ने इस वर्ष के “आयकर रिटर्न”, “बैंकिंग छुट्टियों”, “ऑनलाइन फाइलिंग गाइड” आदि पर कौन‑कौन से लेख जोड़े हैं – सब आपके काम को आसान बनाने के लिए। अब आगे स्क्रॉल करके उन लेखों को पढ़ें और अपनी टैक्स यात्रा को तनाव‑मुक्त बनाएं।

सित॰, 26 2025
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सीबीडीटी ने आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि को 15 सितंबर से बढ़ाकर 16 सितंबर 2025 कर दी। तकनीकी गड़बड़ी के चलते यह कदम उठाया गया है। बिना ऑडिट वाली व्यक्तिगत एवं एचयुएफ को यही नई अंतिम तिथि मिलेगी, जबकि ऑडिट‑शुदा व्यवसायों को 31 अक्टूबर तक का समय किया गया है। देर से फाइल करने पर जुर्माना व ब्याज लगेंगे, लेकिन 31 दिसंबर तक बिचले रिटर्न दाखिल किए जा सकते हैं।

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