सुप्रीम कोर्ट में NEET फिर से परीक्षा पर याचिकाओं की सुनवाई, कदाचार के आरोपों पर विचार

सुप्रीम कोर्ट में NEET फिर से परीक्षा पर याचिकाओं की सुनवाई, कदाचार के आरोपों पर विचार जुल॰, 8 2024

सुप्रीम कोर्ट में NEET फिर से परीक्षा पर याचिकाओं की सुनवाई

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्राचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट NEET-UG 2024 परीक्षा से संबंधित 38 याचिकाओं की समीक्षा कर रहा है। यह सुनवाई विशेष तौर पर उन आरोपों के आधार पर होगी जो पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स देने में अनियमितताओं को लेकर की गई हैं। NEET 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और इसके परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे।

परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप

याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि परीक्षा में धांधली और गड़बड़ी हुई है, जिसके चलते अभ्यर्थियों में असंतोष फैला है। एक उदाहरण के तौर पर, परीक्षा में 67 छात्रों द्वारा परफेक्ट 720 स्कोर करना और हरियाणा के एक ही केंद्र से ६ शीर्ष छात्रों का एक साथ सामने आना काफी संदिग्ध बताया जा रहा है। ये याचिकाएं विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों द्वारा दाखिल की गई हैं, जो मानते हैं कि परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता की गंभीर कमी थी।

इस संदर्भ में, सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने तर्क किया है कि परीक्षा रद्द करने से ईमानदार उम्मीदवारों के कैरियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा है कि बड़े पैमाने पर गोपनीयता की टूटने का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है जो परीक्षा के पूरे आयोजन पर सवाल खड़े करे।

अदालत की टिप्पणियाँ और सरकार की प्रतिक्रियाएं

सुप्रीम कोर्ट ने पहले यह टिप्पणी की थी कि 'परीक्षाओं की पवित्रता प्रभावित हुई है' और इस मामले पर केंद्र सरकार और NTA से जवाब मांगे थे। इससे संबंधित उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है जो परीक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता के उपाय सुझाएगी।

केंद्र सरकार और NTA ने अपने हलफनामों में कहा कि परीक्षा रद्द करने से हजारों ईमानदार उम्मीदवारों के कैरियर को खतरा हो सकता है। उनके अनुसार, परीक्षा निष्पक्ष और सुरक्षित तरीके से करवाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने तर्कों को सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख तय की है, जिसमें और भी जानकारी पेश की जाएगी।

CBI के दायरे में मामले की जांच

केंद्रिय जांच ब्यूरो (CBI) भी इन आरोपों की जांच में जुटा हुआ है। उन्होंने विभिन्न परीक्षा केंद्रों और संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ शुरू कर दी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस पूरे मामले में मानवीय हस्तक्षेप या तकनीकी खामियों का कोई हाथ था।

आने वाले दिनों में तय होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है। यह फैसला लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है, जो इस परीक्षा के परिणामों पर निर्भर हैं। कोर्ट का अंतिम फैसला पारदर्शिता और निष्पक्षता के महत्व को भी स्पष्ट करेगा, जो कि सभी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

14 टिप्पणि

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    Abhishek Abhishek

    जुलाई 9, 2024 AT 05:02
    परीक्षा रद्द करने की बजाय सिर्फ उन 67 लोगों के स्कोर कैंसिल कर दो, बाकी सबको छोड़ दो। क्योंकि असली मेहनत करने वालों का भविष्य बर्बाद नहीं होना चाहिए।
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    Avinash Shukla

    जुलाई 9, 2024 AT 13:17
    इतनी बड़ी परीक्षा में कुछ गड़बड़ होना तो बनता ही है... लेकिन अगर एक ही केंद्र से 6 टॉपर्स आ गए, तो ये कोई यादृच्छिकता नहीं, बल्कि एक सिस्टम की गड़बड़ी है। 😔
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    Harsh Bhatt

    जुलाई 11, 2024 AT 12:03
    ये सब बकवास तब तक चलती रहेगी जब तक हम अपने बच्चों को 'डॉक्टर बनो' का बोझ नहीं उतार देते। ये परीक्षा कोई जीवन-मृत्यु का मुद्दा नहीं, बल्कि एक बाजार का खेल है। और हम सब उसके पीछे भाग रहे हैं।
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    dinesh singare

    जुलाई 11, 2024 AT 14:28
    क्या आप लोगों को पता है कि इस देश में एक बार जब किसी ने NEET में फेल हुआ तो उसके पापा ने अपने आप को फांसी लगा ली? और अब तुम बोल रहे हो कि परीक्षा रद्द नहीं होगी? ये क्या बकवास है? किसी का जीवन तो नहीं जाता यहाँ?
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    Priyanjit Ghosh

    जुलाई 12, 2024 AT 13:17
    बस एक बार इतना सोचो कि अगर तुम्हारा बेटा 699 मार्क्स लेकर बाहर आया और एक अज्ञात व्यक्ति 720 लेकर आ गया... तो तुम क्या करोगे? 😒
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    Anuj Tripathi

    जुलाई 13, 2024 AT 03:18
    हम सब बस एक दिन के लिए इंसान बन जाएं और सोचें कि ये परीक्षा बच्चों के लिए है या सिस्टम के लिए? मेरा दोस्त एक गांव का लड़का है जिसने 18 महीने तक पढ़ाई की और फिर भी उसका स्कोर निकाल दिया गया... बस एक बार दिल से सोचो
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    Hiru Samanto

    जुलाई 13, 2024 AT 19:48
    क्या होगा अगर ये सब गलती नहीं बल्कि तकनीकी खामी है? मैंने सुना है कि बहुत सारे केंद्रों में स्कैनर ठीक से काम नहीं कर रहे थे... शायद ये सब एक बड़ी टेक फेल्योर है
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    Divya Anish

    जुलाई 14, 2024 AT 18:35
    यहाँ तक कि एक अत्यंत औपचारिक और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से भी, इस परीक्षा की पारदर्शिता के लिए एक स्वतंत्र, बहुपक्षीय समीक्षा समिति की आवश्यकता है, जो न केवल डेटा की जांच करे बल्कि अभ्यर्थियों के भावनात्मक स्तर को भी समझे।
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    md najmuddin

    जुलाई 15, 2024 AT 21:33
    सब ठीक है भाई, लेकिन अगर तुम एक गरीब बच्चे को देखो जो 4 साल तक लाइब्रेरी में सोता है और फिर भी उसका नाम नहीं आया... तो इसका मतलब ये नहीं होता कि वो नहीं चाहता था। ये तो बस एक बड़ा झूठ है। 🤕
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    Ravi Gurung

    जुलाई 16, 2024 AT 04:50
    मुझे लगता है कि इसमें ज्यादा भावनाएं नहीं डालनी चाहिए... सिर्फ डेटा देखो, और फिर फैसला करो।
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    SANJAY SARKAR

    जुलाई 17, 2024 AT 18:44
    क्या कोई जानता है कि ये 67 लोगों में से कितने ने एक ही रिवीजन बुक पढ़ी है? मैंने सुना है कि एक बुक के 100 सवाल NEET में आ गए थे।
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    Ankit gurawaria

    जुलाई 19, 2024 AT 15:52
    ये सिर्फ एक परीक्षा नहीं है, ये एक सामाजिक असमानता का दर्पण है। जहाँ एक ओर एक बच्चा अपने घर पर एक टेबल पर पढ़ता है और दूसरी ओर कोई अपने पैरों के नीचे बिस्तर बिछाकर लाखों रुपये के लिए ब्रेन ट्रेनिंग करता है। ये परीक्षा बराबरी की नहीं, बल्कि अमीरी की परीक्षा है। और अब तुम बोल रहे हो कि इसे रद्द नहीं करना है? क्या तुम्हारे बच्चे को भी इसी तरह बर्बाद करना है?
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    AnKur SinGh

    जुलाई 19, 2024 AT 18:00
    इस अदालत के निर्णय का अर्थ है कि हम किस देश में रह रहे हैं। यदि एक परीक्षा में लाखों जीवन लटके हैं, तो उसकी पारदर्शिता कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक आधारभूत अधिकार है। हम जो भी निर्णय लेंगे, वह भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक नैतिक मानक बन जाएगा। इसलिए, निष्पक्षता के लिए निर्णय लेना हमारा दायित्व है।
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    Sanjay Gupta

    जुलाई 20, 2024 AT 17:59
    अगर ये परीक्षा रद्द हुई तो अगली बार भी वही गड़बड़ी होगी। इसलिए अब तक का नतीजा मान लो, और अगली बार के लिए सुरक्षा को बेहतर बनाओ। ये देश इतना नीचा नहीं है कि एक परीक्षा के लिए बहुत रोए।

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