रोस टेलर बने रॉयल चैलेंजर्स दिल्ली के कप्तान, नई T10 लीग में नया अध्याय

जब रोस टेलर, पूर्व न्यूज़ीलैंड क्रिकेट कप्तान, ने 29 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में LEGEN-Z T10 लीग की उद्घाटन घोषणा में कप्तानी का पद स्वीकार किया, तो पूरे भारतीय क्रिकेट जगत में हलचल मच गई। उसी दिन रॉयल चैलेंजर्स दिल्ली फ्रैंचाइज़ी का आधिकारिक स्क्वाड सामने आया, जिसमें टेलर के साथ भारतीय तेज़ गेंदबाज प्रवीण कुमार और कई घरेलू उम्दा खिलाड़ी शामिल हैं। यह कदम नई T10 लीग को स्थानीय प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर लाने की ‘गली टू टीवी’ मिशन को साकार करने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
लीग की पृष्ठभूमि और मिशन
LEGEN-Z T10 लीग को तेज़-गति वाले T10 फॉर्मेट में भारत के छोटे‑छोटे शहरों की गली क्रिकेट को बड़े मंच पर लाने के लिए बनाया गया है। लीग के सीओओ सुरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि उनका उद्देश्य ‘गली टू टीवी’ मंत्र के तहत उन बच्चों को पहचान देना है जो कभी जूते‑बिना फुटपाथ पर खेलते थे। लीग में कुल छह फ्रैंचाइज़ी भाग लेगी और पहला सीजन शुरू होने से कुछ ही महीने दूर है।
रॉयल चैलेंजर्स दिल्ली फ्रैंचाइज़ी का गठन
फ़्रैंचाइज़ी का मालिक सैंडिप चाचरा है, जो दुबई‑आधारित मोंडस प्रॉपर्टीज़ के संस्थापक और चेयरमन हैं। उन्होंने घोषणा के दौरान कहा, “मैंने दुनिया भर में व्यवसाय बनाया है, पर मेरा दिल अभी भी गली क्रिकेट के लिए धड़कता है।” उनका मानना है कि इस लीग के माध्यम से वह न केवल व्यावसायिक भागीदारी बल्कि समाजिक योगदान भी दे रहे हैं।
टीम का घोषणा और प्रमुख खिलाड़ी
ड्राफ्ट में कुल 16 खिलाड़ियों की सूची सामने आई। प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- रोस टेलर – कप्तान
- केथ इनग्रेम
- प्रवीण कुमार – तेज़ गेंदबाज़
- अनुरित सिंह – ऑल‑राउंडर
- फाज़िल अली – बॉलिंग सभी-स्पिनर
- अभिषेक यादव, कोहिनूर तुर्की, रवि कुमार दीक्षित, मोहम्मद यासिर (ग्रासरूट ट्रायल से चयनित उभरते सितारे)
- किशित, पांडुरंग मगर, शिवेश पांडे, युवराज उइके, अर्जुन वसिता, विजेंद्र सिंह नागरव (अन्य अनुभवी एवं युवा खिलाड़ी)
टेलर ने इस घोषणा पर कहा, “भारत की टेनिस/क्रिकेट संस्कृति से मैं बहुत प्रभावित हूँ, यहाँ खेलने से मेरे खेल की नई ऊर्जा मिलती है।” साथ ही उन्होंने भारतीय युवा को प्रेरित करने की अपनी इच्छा भी व्यक्त की।

व्यापारिक पहल और सैंडिप चाचरा की भूमिका
लीग के चेयरमन वेंकटेश प्रसाद, जो पूर्व भारतीय पैरामेटर हैं, ने कहा, “सैंडिप चाचरा जैसे वैश्विक उद्यमी का सहयोग इस लीग के विज़न में विश्वास का प्रमाण है।” उनका मानना है कि मोंडस प्रॉपर्टीज़ की निवेश क्षमता लीग को वित्तीय स्थिरता और मार्केटिंग के नए आयाम प्रदान करेगी।
चाचरा ने बताया कि उन्होंने फ्रैंचाइज़ी खरीदते समय केवल आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि गली क्रिकेट को राष्ट्रीय मंच पर लाने का एक सामाजिक मिशन भी देखा। उनकी कंपनी ने इस सौदे के लिए ‘अज्ञात राशि’ का भुगतान किया, लेकिन इस बात की पुष्टि हुई है कि यह निवेश 20 करोड़ रुपये से अधिक तक की हो सकती है।
भारतीय क्रिकेट पर संभावित प्रभाव
जब रॉयल चैलेंजर्स दिल्ली जैसी टीम में अंतरराष्ट्रीय सितारे और स्थानीय खिलाड़ी साथ खेलेंगे, तो वह भारतीय ग्रासरूट क्रिकेट में नई संभावनाएँ खोलता है। विश्लेषकों का कहना है कि इस प्रकार की लीगें ‘टैलेंट पाइपलाइन’ को तेज़ करती हैं, जिससे भारत के दिग्गज क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को भी युवा प्रतिभा की बड़ी मात्रा में पहचान मिल सकती है।
उदाहरण के तौर पर, 2022 में प्रोफेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टेलर ने 100+ T20 मैचों में लगभग 2,000 रनों का सूखा रहा है। अब उनका फिर से मैदान में प्रदर्शन न केवल दर्शकों को रोमांचित करेगा, बल्कि भारतीय युवा बॉलर्स और बॅटर्स को भी महँगा सीख देगा।

आगे की संभावनाएँ और अगले कदम
लीग का पहला सीजन 2024 के अंत में शुरू होने की उम्मीद है, और अभी तक मैचों की समय-सारणी सार्वजनिक नहीं हुई है। लीग के आयोजकों ने संकेत दिया है कि टूर्नामेंट के दौरान हर टीम को लगभग 30-45 मिनट के 10-ओवर के मैच खेलने को मिलेंगे, जिससे दर्शकों को तेज़-गति वाला रोमांच मिलेगा।
भविष्य में, लीग की योजना है कि वह अधिक फ्रैंचाइज़ी और महिलाओं की T10 प्रतियोगिताओं को भी शामिल करे, जिससे क्रिकेट की समावेशिता बढ़ेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
रोस टेलर का भारत में फिर से खेलने का महत्व क्या है?
टेलर की वापसी भारतीय युवाओं के लिए बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने 16 साल तक न्यूज़ीलैंड को सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, 100 से अधिक T20 मैच खेले और लगभग 2,000 रन बनाए। उनका अनुभव नई युवा पीढ़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी में मदद करेगा, खासकर तेज़-गति वाले T10 फॉर्मेट में।
LEGEN-Z T10 लीग का मुख्य उद्देश्य क्या है?
लीग का लक्ष्य ‘गली टू टीवी’ मंत्र के तहत भारत भर के गली क्रिकेट खिलाड़ियों को राष्ट्रीय मंच पर लाना है। तेज़-गति वाले T10 फॉर्मेट से दर्शकों को छोटे‑छोटे एंथम मिलते हैं और युवा प्रतिभा को पेशेवर ट्रेनिंग व एक्सपोजर मिलता है।
रॉयल चैलेंजर्स दिल्ली फ्रैंचाइज़ी को किसने खरीदा?
फ़्रैंचाइज़ी को दुबई‑आधारित उद्यमी सैंडिप चाचरा ने खरीदा, जो मोंडस प्रॉपर्टीज़ के संस्थापक और चेयरमन हैं। उनका लक्ष्य गली क्रिकेट को व्यावसायिक रूप से सशक्त बनाना है।
लीग का पहला सीजन कब शुरू होगा?
लीग का उद्घाटन सीजन 2024 के अंत में शुरू होने की योजना है, लेकिन आधिकारिक महिना और तिथि अभी तक घोषित नहीं हुई है। आयोजक बताते हैं कि यह दिसंबर‑जनवरी के बीच हो सकता है।
‘गली टू टीवी’ कार्यक्रम किन बच्चों को मदद करेगा?
यह पहल उन बच्चों को लक्षित करती है जो अपने मोहल्लों की गलियों में जूते‑बिना क्रिकेट खेलते थे, जैसे सैंडिप चाचरा अपने बचपन में थे। लीग की स्काउटिंग टीम ने कई छोटे‑शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रायल आयोजित किए, जहाँ से अभिषेक यादव, कोहिनूर तुर्की जैसी नई प्रतिभाएँ चयनित हुईं।
ANIKET PADVAL
अक्तूबर 9, 2025 AT 01:49भारत में खेल का महत्व केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय पहचान का अभिन्न अंग है। जब एक विदेशी कप्तान जैसे रोस टेलर ने अपनी क्षमताओं को हमारे गलियों में लाने का प्रस्ताव रखा, तो यह केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति का प्रतीक है। यह कदम हमारे युवा खिलाड़ियों को दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों की खोज में भारत स्वयं को कमजोर नहीं मानता। परन्तु इस पहल को अंधाधुंध स्वीकृति नहीं मिलनी चाहिए; हमें यह जांचना चाहिए कि क्या यह वास्तव में भारत के स्वदेशी प्रतिभा को उन्नत करने में सहायक होगा। यदि लीग केवल विदेशी सितारों को मंच प्रदान करके स्थानीय आधारभूत संरचना को नजरअंदाज करती है, तो यह हमारे खेल की आत्मा को क्षति पहुँचा सकता है। गली से टीवी तक का मिशन सराहनीय है, किन्तु इसे सुदृढ़ बुनियादी ढाँचे के साथ संयोजित किया जाना चाहिए। हमारे पास पहले से ही कई उभरते बॉलर और बॅटर हैं, जैसे प्रवीण कुमार और अभिषेक यादव, जिन्हें उचित प्रशिक्षण और अवसरों की आवश्यकता है। किसी भी निवेशक की सच्ची प्रतिबद्धता को तभी माना जा सकता है जब वह केवल आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्वों को भी स्वीकार करे। सैंडिप चाचरा का उद्यम पूंजी के साथ सामाजिक जागरूकता को मिलाकर काम करने का इरादा प्रशंसा योग्य है, परन्तु यह केवल बयान नहीं होना चाहिए। हम सभी को यह देखना चाहिए कि इस लीग की संचालन संरचना में भारतीय संरचनात्मक मूल्यों को किस हद तक सम्मिलित किया गया है। यदि यह लीग भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सहयोग से संचालित होगी, तो यह नीति‑निर्माण में अधिक पारदर्शिता लाएगी। राष्ट्रीय भावना को विस्मित करने वाली बात यह है कि विदेशी कप्तान इस मंच पर भारतीय युवाओं को प्रेरित करने की बात कर रहा है, परन्तु हमें यह भी याद रखना चाहिए कि प्रेरणा की उत्पत्ति हमारे भीतर से ही आनी चाहिए। इस प्रकार, हम विदेशी अनुभव को अपनाते हुए भी अपने स्वदेशी खेल संरचना को मजबूत करने का लक्ष्य रखें। यही संतुलन भारत को वैश्विक खेल मंच पर सम्मानित स्थान दिलाने में मदद करेगा। अंत में, मैं यह आह्वान करता हूँ कि सभी हितधारक इस पहल को केवल व्यापारिक अवसर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भविष्य के निर्माण का साधन मानें।