पेरिस ओलंपिक 2024 के चौथे दिन का लाइव अपडेट: मनु भाकर की निगाहें दूसरे कांस्य पदक पर

पेरिस ओलंपिक 2024 के चौथे दिन का लाइव अपडेट: मनु भाकर की निगाहें दूसरे कांस्य पदक पर जुल॰, 30 2024

पेरिस ओलंपिक 2024: चौथे दिन का रोमांचक प्रारंभ

पेरिस ओलंपिक 2024 ने अपने चौथे दिन में प्रवेश किया है, और भारतीय निशानेबाज मनु भाकर अपने दूसरे कांस्य पदक की दौड़ में हैं। तीसरे दिन मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम क्वालिफिकेशन इवेंट में कांस्य पदक जीता था, जिससे भारतीय प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई थी।

आज का दिन भी भारतीय खेल प्रेमियों के लिए विशेष होगा। मनु भाकर और सरबजोत सिंह का मुकाबला दक्षिण कोरिया की ओह ये जिन और ली वोनहो से होगा। यह मुकाबला काफी रोमांचक होने की उम्मीद है क्योंकि दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है।

शूटिंग में भाकर की उम्मीदें

शूटिंग इवेंट्स पहले हाफ में आयोजित होंगे, जहां मनु भाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी। भाकर ने पिछले दिनों अपनी जिताऊ तकनीक का प्रदर्शन किया था और अब सभी की निगाहें उनके दूसरे कांस्य पदक पर हैं। शूटिंग के अलावा, आज तीरंदाजी, बॉक्सिंग और बैडमिंटन के इवेंट्स भी होंगे।

शूटिंग में भाकर के अलावा अन्य भारतीय खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे, जो अपनी प्रैक्टिस और मेहनत के बल पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। शूटिंग का यह इवेंट सभी दर्शकों के लिए बेहद रोमांचक होगा, जहां हर खिलाड़ी के निशाने पर एक नया लक्ष्य होगा।

तीरंदाजी, बॉक्सिंग और बैडमिंटन

दिन के दूसरे हाफ में तीरंदाजी, बॉक्सिंग और बैडमिंटन के इवेंट्स आयोजित होंगे। तीरंदाजी में भारतीय तीरंदाज अपने लक्ष्य को भेदने के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगे। भारतीय तीरंदाजों ने कई सालों से अपनी मेहनत और प्रतिभा का प्रदर्शन किया है, और आज उनका दिन हो सकता है।

इसी प्रकार, बॉक्सिंग में भी भारतीय मुक्केबाजों को अपनी हार्ड वर्क और जीत की उम्मीद से मुकाबला करना होगा। बॉक्सिंग इवेंट्स में भारतीय मुक्केबाज अपनी ताकत और तकनीक का प्रदर्शन करेंगे।

इसके साथ ही बैडमिंटन के इवेंट्स भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी योग्यता का अहसास कराया है और पेरिस ओलंपिक उनके लिए एक बड़ी चुनौती और अवसर है।

अमित पंघल की निराशा

हालांकि, दिन की शुरुआत में भारतीय प्रशंसकों को निराशा का सामना भी करना पड़ा जब मुक्केबाज अमित पंघल प्रतियोगिता से बाहर हो गए। अमित पंघल ने पिछले ओलंपिक्स में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था और इस बार भी उनके प्रदर्शन से उम्मीदें थीं, लेकिन वे अपनी लय को बरकरार नहीं रख पाए।

हालांकि, यह खेल का हिस्सा है और हार-जीत से ही खिलाड़ी निखरते हैं। अमित पंघल के बाहर होने से अन्य भारतीय मुक्केबाजों को और भी अधिक मेहनत करनी होगी और उनकी कमी को पूरी करने की कोशिश करनी होगी।

भारतीय दल के अन्य सभी खिलाड़ी अपनी पूरी मेहनत और दृढ़ता से मुकाबला करेंगे, और उनके प्रदर्शन से देश को गर्व होगा।

जीत की उम्मीद

पूरा देश मनु भाकर की सफलता की उम्मीद कर रहा है। मनु भाकर ने अपने शुरुआती दिनों से ही अपनी अद्भुत निशानेबाजी का प्रदर्शन किया है और अब वे एक ऐसी खिलाड़ी बन गई हैं, जिनसे देश को हमेशा बड़ी उम्मीदें रहती हैं।

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन देश के लिए गर्व का विषय है। हर खिलाड़ी ने कई सालों की मेहनत और संघर्ष के बाद यहां तक पहुंचा है और अब उनकी मेहनत रंग लाने का समय है।

आज का दिन भारतीय खेल प्रेमियों के लिए बहुत खास होगा और हमें उम्मीद है कि हमारे खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन करेंगे।

प्रतियोगिता के बाकी दिन भी बहुत रोमांचक होने वाले हैं और हम आपको सभी लाइव अपडेट्स से अवगत कराते रहेंगे।

5 टिप्पणि

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    Manasi Tamboli

    अगस्त 1, 2024 AT 09:24

    क्या आपने कभी सोचा है कि एक निशानेबाज की आंखों में जो शांति है, वो दुनिया की सबसे बड़ी क्रांति है? जब बाकी सब कुछ तेज़ है, तो मनु भाकर धीमे सांस लेकर दुनिया को रोक देती हैं... ये तो सिर्फ एक पदक नहीं, ये तो एक ध्यान का अभिनय है। ❤️

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    Ashish Shrestha

    अगस्त 1, 2024 AT 12:13

    मनु भाकर के लिए कांस्य पदक एक उपलब्धि है, लेकिन देश का यह आदर्शवादी उत्साह असहनीय है। शूटिंग में कांस्य जीतना ओलंपिक के लिए अपर्याप्त है। हमें स्वर्ण की उम्मीद होनी चाहिए, न कि इस तरह की भावनात्मक आधारित निराशा की पुष्टि।

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    Mallikarjun Choukimath

    अगस्त 2, 2024 AT 05:49

    अहम् निर्णय यह है कि भारतीय खेल प्रशासन ने कभी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को निशानेबाजी के भावनात्मक आयाम के रूप में नहीं देखा - यह एक अंतर्राष्ट्रीय अभिनय कला है, जिसमें शरीर का तनाव, मन की गहराई, और आत्मा का शांत स्वर एक साथ निहित है। मनु भाकर ने न केवल निशाना भेदा, बल्कि एक सांस्कृतिक रूपांतरण का संकेत दिया है। अमित पंघल का असफल होना? यह उसकी आंतरिक अस्थिरता का परिणाम है, जिसे आधुनिक खेलों के तांत्रिक बोध से नहीं, बल्कि वैदिक शांति के सिद्धांतों से दूर किया जाना चाहिए।

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    Sitara Nair

    अगस्त 3, 2024 AT 17:25

    ओह माय गॉड, मनु भाकर तो बस जीवन की एक रूपरेखा हैं... उनकी आंखों में जो शांति है, वो मेरे घर के बाहर की भीड़ को भूलने का कारण बन जाती है। और ये बैडमिंटन वाला दिन? अरे भाई, एक बार तो देखो लोकेश और पीवी सिंधु का जोड़ा... वो तो बस इतना अच्छा है कि मैं रो पड़ती हूँ 😭🥹✨ और हाँ, अमित पंघल के लिए भी दिल से शुभकामनाएँ - हारना भी एक बहुत बड़ा बहादुरी का काम होता है।

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    Abhishek Abhishek

    अगस्त 5, 2024 AT 14:37

    क्या आपको लगता है कि ये सब बहुत बड़ी बात है? दुनिया भर में लाखों खिलाड़ी हैं, और हम एक कांस्य पदक के लिए इतना उत्साहित हो रहे हैं? शायद हमें अपने घरों की बुनियादी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि खेलों के रंगीन नाटक पर।

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