नरेंद्र मोदी ने शीर्ष अधिकारियों को दी ‘फॉल‑प्रूफ़’ निर्देश, ऑपरेशन सिंधूर के बाद

नरेंद्र मोदी ने शीर्ष अधिकारियों को दी ‘फॉल‑प्रूफ़’ निर्देश, ऑपरेशन सिंधूर के बाद अक्तू॰, 12 2025

जब नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री भारत सरकार ने गुरुवार को 20 से अधिक प्रमुख सचिवों को ‘फॉल‑प्रूफ़’ कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने का आदेश दिया, तो यह निर्देश सीधे ऑपरेशन सिंधूर के बाद की राष्ट्रीय तत्परता को लेकर आया था। यह बैठक नई दिल्ली में 07 May 2025 को शुरू हुए सैन्य अभियान के परिणामस्वरूप हुई, जहाँ भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान‑कब्‍जा जम्मू‑कश्मीर में आतंकवादी बुनियादों को निशाना बनाया था। प्रधानमंत्री ने बताया कि सभी मंत्रालयों को अब आपूर्ति श्रृंखला, साइबर सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया में कोई झूठा कदम नहीं उठाना चाहिए।

इतिहास व पृष्ठभूमि

ऑपरेशन सिंधूर, जिसका नाम 22 April 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद रखा गया, ने भारत की सीमा‑सुरक्षा नीति में एक नया मोड़ दिखाया। इस अभियान में कुल नौ उच्च‑मूल्य वाले लक्ष्य, जैसे कोटली, बहावलपुर, मुर्दिके, बघ और मुज़फ़राबाद, पर सटीक स्ट्राइक की गई। इस दौरान भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 07 May 2025 को 10 a.m. पर अपना आधिकारिक ब्रीफिंग जारी किया। उसी दिन, पाकिस्तान ने पुष्टि की कि कई स्थानों पर भारतीय मिसाइलें गिराई गईं। ऑपरेशन 10 May 2025 को समाप्त हो गया, लेकिन इसके बाद की तैयारी ने सरकार को सभी बुनियादी प्रणालियों को ‘फॉल‑प्रूफ़’ बनाने की चेतावनी दी।

विवरणात्मक विकास

समीक्षा बैठक में उपस्थित सचिवों ने एटॉमिक ऊर्जा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स‑सूचना प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता मामलों और बुनियादी ढाँचे (सड़क, रेल, शिपिंग, पावर) के मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व किया। साथ ही सीमा प्रबंधन से जुड़े विभागों ने भी भाग लिया। निजी‑सुरक्षा, एन्क्रिप्शन और नेटवर्क निरंतरता पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा, “बिना आदेश की प्रतीक्षा न करो, तुरंत कदम उठाओ।”

विभागीय कार्यवाही के प्रमुख बिंदु:

  • सबसे कम से कम 20 प्रमुख मंत्रालयों में सभी ‘आवश्यक प्रणाली’ की रीयल‑टाइम मॉनिटरिंग लागू करना।
  • 244 ‘सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट’ में 07 May 2025 को मॉक ड्रिल का आयोजन, जिसमें एयर‑रेड वार्निंग सायरन की सक्रियता और नागरिक रक्षा प्रशिक्षण शामिल था।
  • साइबर हमलों से बचाव के लिए प्रत्येक विभाग को अपने आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को द्वि‑स्तरीय एन्क्रिप्शन से सशक्त बनाना।

विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रिया

ऑपरेशन सिंधूर की सफलता पर रक्षा मंत्री रघवेंद्र सिंह ने कहा, “हमारी रणनीति ने सटीकता को प्राथमिकता दी, जिससे नागरिक हानि न्यूनतम रही।” दूसरी ओर, जनरल अनिल चौहान, भारतीय सेना के प्रमुख, ने जुलाई 2025 में बताया कि इस अभियान ने लंबे‑दूरी प्रिसीजन‑गाइडेड हथियारों की महत्ता को और उजागर किया।

पाकिस्तानी डिप्लोमैटिक चैनल ने कहा कि उन्होंने ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक लक्ष्य नहीं देखा, पर उन्होंने भारत के इस कदम को “साथी‑भिगोले” कहकर निंदा की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने उत्तर दिया कि भारत का नॉन‑फर्स्ट‑यूज़ नीति के तहत कोई भी प्रतिवादी कदम मात्र आतंकवादी बुनियादी ढाँचे को नष्ट करने के लिए था।

प्रभाव एवं विश्लेषण

ऑपरेशन की समाप्ति के बाद, सरकार ने सामाजिक मीडिया पर फर्जी सलाह को झंडे के नीचे ध्वजांकित कर दिया। पीआईबी ने 06 May 2025 को बताया कि “सभी नागरिकों को घर में अनाज, दवाओं व आपातकालीन संपर्कों की सूची तैयार रखने” का कोई आधिकारिक निर्देश नहीं दिया गया। इस झूठी सूचना को कई बार पाकिस्तान के कुछ मीडिया आउटलेट्स ने दोगुना बढ़ा कर साझा किया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार की फेक न्यूज़ पर नियंत्रण सरकार की विश्वासयोग्यता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। एक विशेषज्ञ ने कहा, “जब जनता को जाँच‑परख की आवश्यकता होती है, तो आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लेनी चाहिए।”

आगे क्या होगा?

प्रधानमंत्री ने बिखानो में बात करते हुए तीन मुख्य सिद्धांतों का उल्लेख किया: कोई भी आतंकवादी हमला का जवाब उसी समय, उसी तरीके और उसी परिस्थितियों में दिया जाएगा; भारत परमाणु हथियारों के ‘नो‑फर्स्ट‑यूज़’ नीति पर अडिग रहेगा; और ‘टेररिस्ट के राज्य-प्रायोजक’ को अब अलग‑अलग नहीं माना जाएगा। इस बात पर उन्होंने फिर दोहराया, “सौगंध मैं इस देश की मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूँगा, मैं देश नहीं झुकने दूँगा।”

अगले कुछ हफ़्तों में, सभी 20 मंत्रालयों को अपने आपातकालीन कार्य‑प्रोटोकॉल पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। साथ ही, सीआईए और इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाने के लिये एक नई कक्षा की बैठक की भी योजना बनी है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस पहल से भारत को भविष्य में संभावित सीमावर्ती संघर्षों के लिये बेहतर ‘स्पेस’ मिलेगा, विशेषकर दीर्घ‑दूरी सटीक हथियारों के उपयोग में।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ऑपरेशन सिंधूर ने किन क्षेत्रों को प्रभावित किया?

ऑपरेशन ने पाकिस्तान के कोटली, बहावलपुर, मुर्दिके, बघ, मुज़फ़राबाद तथा पाकिस्तान‑काबिज़ जम्मू‑कश्मीर के कई रणनीतिक बिंदुओं को पार किया। यह सभी लक्ष्य आतंकवादियों की बुनियादी ढाँचे को नष्ट करने के लिये चुने गए थे, नागरिक क्षेत्रों को न्यूनतम नुकसान पहुँचाने पर विशेष ध्यान दिया गया।

प्रधानमंत्री के निर्देशों में ‘फॉल‑प्रूफ़’ का क्या अर्थ है?

‘फॉल‑प्रूफ़’ का मतलब है कि सभी आवश्यक प्रणालियों—जैसे बिजली ग्रिड, दूरसंचार, परिवहन और आईटी नेटवर्क—को ऐसी मजबूती से तैयार किया जाए कि किसी भी बाहरी या आंतरिक घटना, चाहे वह साइबर‑हैक हो या प्राकृतिक आपदा, उन्हें बाधित न कर सके। इस दिशा में प्रत्येक मंत्रालय को दो‑तरफा मॉनिटरिंग और त्वरित प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल अपनाना अनिवार्य है।

फर्जी सलाह के बारे में सरकार ने क्या कदम उठाए?

पीआईबी ने 06 May 2025 को बताया कि ऑनलाइन फैलाई गई “आवश्यक सामान तैयार रखने” की सलाह सरकारी नहीं थी। इस पर सरकार ने तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर त्रुटि को झंडा दिखाया और जनता को आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लेने की सलाह दी।

ऑपरेशन के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा में कौन‑सी नई नीतियाँ लागू होंगी?

प्रधानमंत्री ने सभी केन्द्र‑राज्य शासन इकाइयों को आपातकालीन प्रोटोकॉल अपडेट करने, साइबर‑डिफेन्स क्षमता बढ़ाने, और 244 सिविल डिफेंस जिलों में नियमित मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। साथ ही, रक्षा मंत्रालय ने लंबी दूरी के प्रिसीजन‑गाइडेड हथियारों का उपयोग बढ़ाने की योजना घोषणा की है।

इस ऑपरेशन ने भारत‑पाकिस्तान संबंधों पर कैसे असर डाला?

ऑपरेशन ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया, पर भारत ने इसे केवल आतंकवाद हटाने के उद्देश्य से बताया। पाकिस्तान ने इस पर क़दम उठाने की चिंता जताई, लेकिन दोनों पक्षों के बीच डिप्लोमैंटिक वार्ता अभी भी सीमित है। भविष्य में किसी भी नई प्रक्षेपण हेतु दोनों देशों की सैन्य तैयारी में वृद्धि की संभावना है।

1 Comment

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    Manish Mistry

    अक्तूबर 12, 2025 AT 22:10

    सरकार ने फॉल‑प्रूफ़ निर्देश जारी किए हैं लेकिन कार्यान्वयन में कई जटिलताएँ अभी स्पष्ट नहीं हुई हैं। यह पहल निश्चित रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आवश्यक है, पर वास्तविक प्रभाव का आकलन समय लेगा।

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