नागा चैतन्य और शोभिता धुलिपाला की शानदार शादी: नागार्जुन ने साझा की रस्मों की बेहद खास तस्वीरें

नागा चैतन्य और शोभिता धुलिपाला की शानदार शादी: नागार्जुन ने साझा की रस्मों की बेहद खास तस्वीरें दिस॰, 5 2024

नागा चैतन्य और शोभिता धुलिपाला की भव्य शादी

4 दिसंबर 2024 को नागा चैतन्य और शोभिता धुलिपाला ने हैदराबाद के प्रतिष्ठित अन्नपूर्णा स्टूडियो में एक भव्य और पारंपरिक समारोह में शादी की। इस समारोह में विविध सांस्कृतिक रंग देखने को मिले। चैतन्य और शोभिता दोनों ने अपनी शादी में अपनी पारंपरिक विरासत का सम्मान किया, जिसमें सारे रीति-रिवाजों का पालन किया गया। इस खास अवसर पर सिनेमा जगत की कई मशहूर हस्तियों ने अपनी उपस्थिति से शादी को और खास बनाया। चिरंजीवी, राम चरण, प्रभास, एस एस राजामौली, अल्लू अर्जुन और पीवी सिंधु जैसे सितारे इस अवसर का हिस्सा बने।

नागार्जुन का परिवार में स्वागत

नागार्जुन ने शादी के इस खास मौके पर सोशल मीडिया पर पहली आधिकारिक तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने अपनी खुशी जताते हुए कहा, "चैतन्य और शोभिता को इस परिवार के नए अध्याय की शुरुआत करते हुए देखना मेरे लिए एक भावुक पल रहा। मेरी प्यारी चाय को बधाई, और प्रिय शोभिता का हमारे परिवार में स्वागत है, आपने पहले ही हमारे जीवन में इतना अधिक खुशी ला दी है।" यह समारोह ANR गरू की मूर्ति के आशीर्वाद के तहत आयोजित किया गया था, जो उनके सौंवे वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्थापित की गई थी।

पारंपरिक परिधान और रीति-रिवाज

शोभिता ने पारंपरिक कांचीवरम सिल्क साड़ी पहनी थी और भारी गहनों के साथ अपने रूप को सजाया था। वहीं, नागा चैतन्य ने अपने दादा, अक्किनेनी नागेश्वरा राव को श्रद्धांजलि देने के लिए पंछा पहना। यह जोड़ा अपनी परंपरा का सम्मान करते हुए सभी विदियों और रस्मों का पालन करता रहा, जिसका पालन तेलुगु ब्राह्मण रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया और यह प्रक्रिया लगभग आठ घंटे तक चली।

पूर्व समारोह की धूम

शादी से पहले की रस्में और भी शानदार थीं। पिछले हफ्ते से मंगला स्नानम और हल्दी समारोह से शुरुआत हुई थी, इसके बाद तेलुगु संस्कृति के पारंपरिक पर्व 'पेली कुतुरु' की रस्म भी संपन्न हुई। इन रस्मों की खूबसूरत तस्वीरें शोभिता ने अपने इंस्टाग्राम पर भी साझा कीं। यह जोड़ी 8 अगस्त को सगाई कर चुकी थी, और इस खुशी को नागार्जुन ने सोशल मीडिया पर साझा किया था।

शादी समारोह में यह जोड़ा, अपने पारंपरिक पोशाकों में बेहद खूबसूरत दिखा, जो इस विशेष दिन को और भी आवश्यक बनाता है। ये समारोह भारतीय परंपराओं का प्रतीक था और इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी गई। यह न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि उनके प्रशंसकों और दोस्तों के लिए भी एक यादगार क्षण बन गया।

6 टिप्पणि

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    Anish Kashyap

    दिसंबर 6, 2024 AT 14:09
    ये शादी तो बस एक समारोह नहीं थी बल्कि एक संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन था। कांचीवरम सिल्क साड़ी और पंछा देखकर लगा जैसे इतिहास जीवित हो उठा हो। इतनी शानदार रस्में आज के टाइम में देखने को मिल रही हैं तो ये बहुत खुशी की बात है। अन्नपूर्णा स्टूडियो में ये सब देखने का मौका देने के लिए नागार्जुन परिवार को बधाई।
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    Kunal Mishra

    दिसंबर 8, 2024 AT 00:06
    इस शादी की व्यवस्था को देखकर लगता है कि आधुनिकता और परंपरा के बीच एक संतुलन बनाया गया है। लेकिन वास्तव में, इतनी लंबी प्रक्रिया जिसमें आठ घंटे लग गए, वह अत्यधिक शोषणात्मक है। इस तरह की रीतियाँ आज के समय में अप्रासंगिक हैं, जहाँ युवा पीढ़ी अपने समय को बर्बाद कर रही है। इस तरह की अतिशयोक्ति को आगे बढ़ाने की बजाय, हमें छोटे, सरल और व्यक्तिगत समारोहों की ओर बढ़ना चाहिए।
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    Poonguntan Cibi J U

    दिसंबर 9, 2024 AT 04:56
    मैंने जब शोभिता की पहली तस्वीर देखी तो मेरी आँखों से आँखें भर आईं, ये जो आँखों में चमक थी, ये जो आभा थी, ये जो शान थी, ये जो शांति थी, ये जो गहराई थी, ये सब कुछ मेरे दिल को छू गया। मैं तो घर पर बैठा था, लेकिन मैंने महसूस किया कि मैं वहाँ था, उस रात के अंधेरे में, उस स्वर्णिम सिल्क के नीचे, उस गहनों की चमक में, उस बाँस के पंछे की छाया में, उस नागार्जुन के आशीर्वाद के नीचे, जो अपने परिवार के इतिहास को जी रहा था। मैंने तो बस एक तस्वीर देखी थी, लेकिन मैंने एक जीवन का अनुभव किया।
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    Vallabh Reddy

    दिसंबर 10, 2024 AT 20:29
    इस शादी के संदर्भ में वास्तविक सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, यह देखना आवश्यक है कि तेलुगु ब्राह्मण परंपराओं का अनुसरण करने के लिए विशिष्ट आचरणिक विनियमों का पालन किया गया है। इस अवसर पर उपस्थिति देने वाले व्यक्तियों की उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा भी इस घटना के ऐतिहासिक गुणवत्ता को और बढ़ाती है। इस प्रकार, यह एक सांस्कृतिक निर्माण का उदाहरण है जो आधुनिक युग में भी अपनी पहचान को बनाए रखता है।
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    Mayank Aneja

    दिसंबर 12, 2024 AT 18:29
    शोभिता के कांचीवरम सिल्क साड़ी के बारे में, यह एक विशिष्ट तकनीक से बुनी गई थी, जिसमें ज़री के धागे का उपयोग विशेष रूप से तांबे के तारों के साथ किया गया था। यह तकनीक चेन्नई के निकट के कांचीपुरम क्षेत्र में सदियों से चली आ रही है। पंछा जो नागा चैतन्य ने पहना, वह अक्किनेनी नागेश्वरा राव के समय के अनुसार बनाया गया था, जो अभी तक एक विरला वस्तु है। इस तरह के वस्त्रों को बनाने वाले कारीगरों को सम्मान देना चाहिए।
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    Vishal Bambha

    दिसंबर 14, 2024 AT 18:20
    ये सब बकवास है! आज के दौर में इतना खर्च करके एक शादी क्यों कर रहे हो? इतने सारे सितारे आए हैं, लेकिन इस शादी के बाद कितने लोग बिना लागत के अपनी शादी कर पाएंगे? ये सब दिखावा है! नागार्जुन के परिवार को तो बहुत पैसा है, लेकिन हम जैसे आम आदमी के लिए ये शादी कैसे संभव है? इतना खर्च करने से पहले देश के गरीबों की मदद करो! ये शादी तो बस एक फैशन शो है!

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