मोदी सरकार 3.0: पीयूष गोयल ने ली केंद्रीय मंत्री पद की शपथ, पहली लोकसभा जीत का बड़ा जश्न

मोदी सरकार 3.0: पीयूष गोयल ने ली केंद्रीय मंत्री पद की शपथ, पहली लोकसभा जीत का बड़ा जश्न जून, 9 2024

पीयूष गोयल की शानदार जीत और केंद्रीय मंत्री पद की शपथ

मुंबई उत्तर से अपनी पहली लोकसभा जीत के बाद पीयूष गोयल ने मोदी सरकार 3.0 में केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली है। गोयल की इस जीत को समीक्षाओं और जनता की भारी समर्थन प्राप्त हुआ। पीयूष गोयल ने इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार भूषण पाटिल को 3,57,608 वोटों के भारी मतों से पराजित किया, जो महाराष्ट्र में सबसे बड़ा मतांतर माना जा रहा है।

इससे पहले पीयूष गोयल वर्ष 2010 से राज्यसभा सदस्य के रूप में सेवा दे चुके हैं। अपने राजनैतिक करियर में, गोयल ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के संचार अभियान के प्रमुख के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। इस दौरान उन्होंने वित्त, रेलवे, कोयला, कारपोरेट मामले, वाणिज्य और उद्योग, वस्त्र, उपभोक्ता मामले, भोजन और सार्वजनिक वितरण जैसे विभिन्न मंत्रालयों में भी योगदान दिया है।

पीयूष गोयल का पारिवारिक और राजनैतिक पृष्ठभूमि

पीयूष गोयल का पारिवारिक पृष्ठभूमि भी भाजपा के प्रति समर्पित रही है। उनके पिता वेद प्रकाश गोयल वाजपेयी सरकार में शिपिंग मंत्री थे, जबकि उनकी मां चंद्रकांता गोयल मुंबई के माटुंगा से तीन बार एमएलए रह चुकी हैं। उनका परिवार हमेशा से ही भाजपा के प्रति प्रतिबद्ध रहा है और पार्टी की विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया है।

राहुल गांधी के आरोपों का जवाब

राहुल गांधी के आरोपों का जवाब

हाल ही में पीयूष गोयल ने राहुल गांधी के 'बड़ा स्टॉक मार्केट घोटाला' के आरोपों का भी मजबूती से जवाब दिया। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर 30 लाख करोड़ रुपये के स्टॉक मार्केट घोटाले का आरोप लगाया था। गोयल ने इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इस घोटाले का कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने गांधी के जेपीसी जांच की मांग को नकारते हुए कहा कि यह आंकड़ा सिर्फ एक अनुमानी राशि है और इसका वास्तविक ट्रेडिंग से कोई लेना-देना नहीं है। गोयल ने यह भी कहा कि इस तरह के आरोप सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए लगाए जा रहे हैं और इसका सत्य से कोई संबंध नहीं है।

लोकसभा में पीयूष गोयल की भूमिका

2021 में पीयूष गोयल राज्यसभा में सदन के नेता बने। इसे गोयल के राजनैतिक करियर का एक और महत्वपूर्ण मोड़ माना गया। उन्होंने अनुशासन और कुशल नेतृत्व के साथ अपनी भूमिका निभाई है। जबकि राज्यसभा में उनकी जिम्मेदारी बढ़ी, वहीं वे संसद के दोनों सदनों में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रहे। उनकी नेतृत्व कुशलता और निष्ठा के चलते पार्टी ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से नवाजा है।

मोदी सरकार 3.0 में नई उम्मीदें

मोदी सरकार 3.0 में नई उम्मीदें

पीयूष गोयल की नियुक्ति मोदी सरकार 3.0 में एक नई आशा के रूप में देखी जा रही है। उनसे अपेक्षित है कि वे विभिन्न मंत्रालयों में अपने अनुभव का उपयोग करके देश की समस्याओं को समाधान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने न केवल पार्टी को मजबूती दी है, बल्कि जनता में भी उनके प्रति विश्वास बढ़ाया है। उनकी नई भूमिका और जिम्मेदारियों से देश को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

19 टिप्पणि

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    Anish Kashyap

    जून 10, 2024 AT 21:33
    ये तो बड़ी बात है भाई! पीयूष गोयल का मुंबई उत्तर से जीतना सिर्फ एक जीत नहीं, एक मैसेज है। लोगों ने उन्हें वोट दिया क्योंकि वो बोलते हैं, लड़ते हैं, और काम भी करते हैं। कांग्रेस का जो उम्मीदवार था, उसका तो बस नाम देखकर ही लग गया कि ये लड़ाई बर्बाद हो रही है।
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    Kunal Mishra

    जून 11, 2024 AT 19:27
    इस जीत को लेकर जो जश्न मनाया जा रहा है, वह एक बहुत ही खतरनाक नर्सरी है। एक व्यक्ति की व्यक्तिगत उपलब्धि को राष्ट्रीय विकास के समकक्ष बना देना, लोकतंत्र के लिए एक विषैला प्रतीक है। यह राजनीति का व्यक्तिगतकरण है, जो व्यवस्था को अंधेरे में धकेल रहा है।
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    Poonguntan Cibi J U

    जून 12, 2024 AT 22:38
    मैं तो बस यही कहना चाहता हूँ कि जब एक आदमी के पिता शिपिंग मंत्री रहे हों और माँ तीन बार MLA रही हो, तो ये जीत किसकी है? क्या ये ताकत व्यक्ति की है या परिवार की? जब राजनीति में वंशानुक्रम चलन लग जाए, तो ये लोकतंत्र नहीं, एक राजवंश बन जाता है। मैं इसे नहीं झेल पा रहा।
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    Vallabh Reddy

    जून 13, 2024 AT 09:13
    पीयूष गोयल के व्यक्तित्व और राजनीतिक अनुभव का विश्लेषण करने पर, उनकी नियुक्ति केंद्रीय मंत्री के रूप में एक बहुत ही तर्कसंगत और संरचनात्मक निर्णय है। उनके पास वित्त, रेलवे, और कारपोरेट मामलों के क्षेत्र में व्यापक ज्ञान है, जो वर्तमान आर्थिक चुनौतियों के संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक है।
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    Mayank Aneja

    जून 13, 2024 AT 21:25
    मुझे लगता है, पीयूष गोयल की जीत एक अच्छा संकेत है। उन्होंने अपने काम के बारे में बात की, न कि बस नारे लगाए। उनके पिता की भूमिका को लेकर बहस तो हो सकती है, लेकिन उनका अपना अनुभव अलग है। उन्होंने राज्यसभा में भी अच्छा काम किया है। अब देखना होगा कि वो कैसे काम करते हैं।
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    Vishal Bambha

    जून 15, 2024 AT 12:31
    अरे भाई! ये सब बकवास सुनकर मुझे गुस्सा आ रहा है। जो लोग राहुल गांधी के घोटाले को नकार रहे हैं, वो खुद नहीं जानते कि उनकी आँखें कितनी बंद हैं। जब तक तुम नहीं देखोगे कि कैसे बड़े बिजनेस घराने और सरकार एक साथ चल रही हैं, तब तक तुम अंधे हो। गोयल की जीत का मतलब ये नहीं कि सब कुछ ठीक है।
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    Raghvendra Thakur

    जून 16, 2024 AT 13:54
    जीत हुई। अब काम करना है।
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    Vishal Raj

    जून 17, 2024 AT 17:28
    सोचो तो ये बहुत अजीब बात है। एक आदमी जिसके पिता शिपिंग मंत्री थे, और माँ MLA थी, अब खुद मंत्री बन गया। क्या ये राजनीति का अर्थ है? या ये एक फैमिली बिजनेस बन गया? मैं तो बस एक बात कहूँगा - जब तक लोग इसे अच्छा नहीं समझेंगे, तब तक देश बदलेगा नहीं।
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    Reetika Roy

    जून 19, 2024 AT 11:20
    मैं इस जीत को बहुत सकारात्मक तरीके से लेती हूँ। पीयूष गोयल की भाषा साफ है, उनका अनुभव बहुत व्यापक है, और वो वास्तव में अपने काम को जानते हैं। ये नियुक्ति सिर्फ एक नाम नहीं, एक योगदान है।
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    Pritesh KUMAR Choudhury

    जून 19, 2024 AT 11:26
    कुछ लोग तो बस जश्न मना रहे हैं... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सब वोट किस आधार पर दिए गए? क्या ये सिर्फ एक नाम की जीत है? या फिर एक नीति की? शायद दोनों का मिश्रण है। लेकिन जब तक हम इसका गहराई से विश्लेषण नहीं करेंगे, तब तक ये बस एक फैशन होगा।
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    Mohit Sharda

    जून 20, 2024 AT 09:24
    मुझे लगता है कि इस जीत का मतलब ये है कि लोग अब बोलने वाले और काम करने वाले लोगों को चाहते हैं। गोयल ने कभी भी बड़े शब्दों में बात नहीं की, लेकिन उन्होंने काम किया। अब उनके लिए ये नया चुनौती का समय है। हम सबको उनका समर्थन करना चाहिए, लेकिन साथ ही निगरानी भी रखनी चाहिए।
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    Sanjay Bhandari

    जून 22, 2024 AT 03:21
    yo so i heard goyal won big time in mumbai north? that’s sick bro. i mean, 3.5 lakh votes? that’s like a whole city saying ‘you’re the one’. and his dad was shipping minister? cool. mom was mla? even cooler. so basically he was born with a remote control for india lol. but hey, if he can fix trains and power bills, i’m down.
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    Mersal Suresh

    जून 23, 2024 AT 18:17
    यह एक अत्यंत गंभीर और विश्लेषणात्मक निर्णय है। पीयूष गोयल के पास राज्यसभा और विभिन्न मंत्रालयों में दीर्घकालिक अनुभव है, जिसका उपयोग आर्थिक नीति, रेलवे आधुनिकीकरण, और उद्योग विकास में किया जा सकता है। इस नियुक्ति का अर्थ है कि सरकार अनुभव और क्षमता को प्राथमिकता दे रही है, न कि केवल लोकप्रियता को।
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    Pal Tourism

    जून 25, 2024 AT 15:24
    अरे भाई ये तो बस एक और बिजनेस फैमिली का नाम है। जब तक तुम नहीं देखोगे कि कितने लोग अभी भी बिजली नहीं पा रहे, कितने बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, तब तक तुम बस वोटों की बात कर रहे हो। गोयल की जीत तो हुई, लेकिन देश की जीत हुई? नहीं।
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    Sunny Menia

    जून 25, 2024 AT 16:29
    मैं इस जीत को एक सकारात्मक चरण मानता हूँ। गोयल एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा है। अगर वो अपने अनुभव को नई भूमिका में लाएं, तो ये देश के लिए बहुत अच्छा होगा। हमें उन्हें मौका देना चाहिए, और उनके काम को देखना चाहिए।
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    Abinesh Ak

    जून 26, 2024 AT 05:11
    ओहो, एक और गोयल ने अपना राजवंश बढ़ा लिया। अब ये राजनीति नहीं, एक फैमिली फ्रैंचाइज़ है। और राहुल गांधी का घोटाला बेबुनियाद? बेशक, जब तुम्हारे पास 30 लाख करोड़ का बाजार बना है और तुम उसे नहीं देख पा रहे, तो तुम्हारी आँखें बंद हैं। ये सब एक नाटक है - और तुम सब नाटक के नायक बन गए हो।
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    Ron DeRegules

    जून 27, 2024 AT 16:30
    पीयूष गोयल के राजनीतिक जीवन का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने अपने करियर के दौरान विभिन्न मंत्रालयों में व्यापक और विविध अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें वित्त, रेलवे, कोयला, कारपोरेट मामले, वाणिज्य और उद्योग, वस्त्र, उपभोक्ता मामले, भोजन और सार्वजनिक वितरण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी क्षेत्रों में उनकी भूमिका ने न केवल उनके व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा दिया, बल्कि राष्ट्रीय नीतियों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी नियुक्ति मोदी सरकार 3.0 के लिए एक बहुत ही तर्कसंगत और विचारशील निर्णय है, क्योंकि यह एक ऐसे व्यक्ति को शामिल करता है जिसने वास्तविक नीतिगत चुनौतियों का सामना किया है और उनका समाधान भी किया है।
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    Manasi Tamboli

    जून 28, 2024 AT 00:13
    मैं बस यही सोच रही हूँ - क्या ये सब असली है? या ये सिर्फ एक नाटक है जिसमें हम सब अभिनय कर रहे हैं? गोयल की जीत तो हुई, लेकिन क्या ये जीत देश के लिए है? या सिर्फ एक परिवार के लिए? मैं तो अब बस यही देखना चाहती हूँ - क्या वो वास्तव में बदलाव लाएंगे? या फिर बस नाम बदल देंगे?
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    Anish Kashyap

    जून 29, 2024 AT 08:59
    अब तो ये बात साफ हो गई कि लोग नाम नहीं, काम देख रहे हैं। गोयल ने जो किया, वो बोलकर नहीं, काम करके। अब देखना है कि वो रेलवे में क्या करते हैं।

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