लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के घर पर BLO ने भरा गिनती फॉर्म, राजस्थान में शुरू हुआ विशेष मतदाता संशोधन कार्यक्रम

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के घर पर BLO ने भरा गिनती फॉर्म, राजस्थान में शुरू हुआ विशेष मतदाता संशोधन कार्यक्रम नव॰, 16 2025

राजस्थान के कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के घर पर 14 नवंबर, 2023 को एक बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) गिनती फॉर्म (गणना प्रपत्र) भरने पहुंचा। यह घटना केवल एक आम घरेलू यात्रा नहीं थी — यह भारत भर में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा था। यह कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य हर मतदाता को वोटिंग सूची में शामिल करना है, अभी राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में तेजी से चल रहा है। और यहां तक कि लोकसभा अध्यक्ष के घर पर भी BLO की टीम ने अपना काम शुरू कर दिया — जिससे यह साफ होता है कि यह प्रक्रिया किसी के लिए भी छूट नहीं देती।

क्या है SIR कार्यक्रम?

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) एक राष्ट्रीय स्तरीय पहल है जिसका उद्देश्य 2025 के वोटिंग सूची को सटीक, अपडेटेड और निष्पक्ष बनाना है। प्रेस जानकारी ब्यूरो (PIB) के अनुसार, इसके चार मुख्य लक्ष्य हैं: सभी पात्र मतदाताओं को शामिल करना, अस्थायी प्रवासियों को बाहर न रखना, शहरी क्षेत्रों में किसी को छूटने न देना, और डुप्लीकेट नामों को हटाना। एक अहम बात यह है कि यह सिर्फ एक फॉर्म भरने का काम नहीं है — यह एक डिजिटल री-एंट्री प्रक्रिया है जिसमें BLO ऐप के जरिए हर मतदाता की वर्तमान स्थिति की पुष्टि करता है।

डिजिटल टूल और अपडेट की प्रक्रिया

BLO ऐप, जिसका उपयोग राज्य सरकारों ने लगभग 1.93 करोड़ मतदाताओं तक पहुंचने के लिए किया है, एक तकनीकी क्रांति है। इस ऐप के माध्यम से BLO घर-घर जाकर मतदाता के नाम, पता, उम्र और वर्तमान रहने की स्थिति की जांच करते हैं। यह फॉर्म अभी 2025/03 संस्करण के लिए तैयार किया गया है। एक YouTube ट्यूटोरियल में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि BLO को पहले ऐप में लॉगिन करना होता है, फिर अपने बूथ की सूची चुननी होती है, फिर डेटा की जांच करनी होती है, और अंत में फॉर्म सबमिट करना होता है। जिन मतदाताओं के साथ संपर्क नहीं हो पाया, उन्हें अलग श्रेणी में रखा गया है — शायद वे दूसरे राज्य में चले गए हैं, या उनकी उपस्थिति की पुष्टि नहीं हो पाई।

छत्तीसगढ़ और बिहार: अलग-अलग गति, एक ही लक्ष्य

छत्तीसगढ़ में BLOs ने लगभग 92% मतदाताओं तक पहुंच लिया है — यानी लगभग 1 करोड़ 93 लाख 50 हजार 843 लोगों के फॉर्म भर दिए गए। इसके बाद अब इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ERO/AERO) की जांच का समय है, जो 1 अगस्त, 2025 तक पूरा होना है। उसके बाद 1 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक दावे और आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। बिहार में यह प्रक्रिया और भी जटिल है। चुनाव आयुक्त कार्यालय ने 3, 5, 6 और 7 नवंबर, 2025 को तीन अलग-अलग प्रेस रिलीज जारी की हैं — जिससे पता चलता है कि यह कार्यक्रम अभी भी जारी है। बिहार में अब वीडियो ट्रैकिंग सिस्टम के लिए भी RFP जारी किया गया है, ताकि BLO की गतिविधियों को निगरानी की जा सके।

�ाजनीतिक दलों की भागीदारी: बीजेपी बनाम बाहुजन समाज पार्टी

यह सिर्फ सरकारी काम नहीं है — राजनीतिक दल भी इसमें सक्रिय हैं। बाहुजन समाज पार्टी ने अपने BLO सहायकों की संख्या जून से जुलाई 2025 तक 26 से बढ़ाकर 74 कर दी — यानी 185% की छलांग। वहीं बीजेपी ने 51,964 से बढ़ाकर 53,338 कर दिया — सिर्फ 3% की वृद्धि। यह अंतर बताता है कि कौन सा दल इस प्रक्रिया को अधिक गंभीरता से ले रहा है। बीजेपी के लिए यह एक रूटीन ऑपरेशन हो सकता है, लेकिन बाहुजन समाज पार्टी के लिए यह एक अवसर है — खासकर जब वे अपने वोटर बेस को फिर से गिनने की कोशिश कर रहे हैं।

क्यों यह सब इतना महत्वपूर्ण है?

क्यों यह सब इतना महत्वपूर्ण है?

क्योंकि यह सिर्फ वोटिंग सूची नहीं है — यह लोकतंत्र की नींव है। अगर कोई वोटर गायब है, तो उसकी आवाज़ गायब हो जाती है। अगर किसी का नाम दो जगह है, तो वोटिंग फ्रॉड का खतरा बढ़ जाता है। और अगर शहरी क्षेत्रों में लोगों को छूट दिया जाता है, तो यह एक सामाजिक अन्याय है। इसलिए जब एक BLO लोकसभा अध्यक्ष के घर पर फॉर्म भर रहा होता है, तो यह संदेश देता है: कोई भी नहीं है जो इस प्रक्रिया से ऊपर हो। न तो शक्तिशाली, न ही निर्बल। सभी के लिए एक ही नियम।

अगले कदम: अगस्त तक की जांच और सितंबर तक के दावे

अगले चरण में, ERO/AERO अधिकारी 1 अगस्त, 2025 तक हर फॉर्म की जांच करेंगे। उसके बाद एक महीने का समय दिया जाएगा — 1 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 — जिसमें कोई भी अपना नाम जोड़ने या निकालने के लिए आपत्ति दर्ज कर सकता है। इसके बाद ही अंतिम मतदाता सूची तैयार होगी, जिसका उपयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और अन्य चुनावों में किया जाएगा। अगर यह सुनिश्चित नहीं हो पाया कि हर मतदाता शामिल है, तो चुनाव की वैधता पर सवाल उठ सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

BLO क्या होता है और इसकी भूमिका क्या है?

BLO यानी बूथ स्तरीय अधिकारी, चुनाव आयुक्त कार्यालय द्वारा नियुक्त एक स्थानीय अधिकारी होता है जो घर-घर जाकर मतदाता जानकारी एकत्र करता है। उसका काम है कि वोटर का नाम, पता, उम्र और वर्तमान रहने की स्थिति की पुष्टि करे, फिर उसे BLO ऐप के माध्यम से डिजिटल रूप में अपलोड करे। यह एक जांच और अपडेट का काम है — सिर्फ फॉर्म भरने का नहीं।

क्यों लोकसभा अध्यक्ष के घर पर BLO गया?

SIR कार्यक्रम का नियम है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह बड़ा नेता हो या साधारण नागरिक, सूची में शामिल होने के लिए अपनी जानकारी देने के लिए बाध्य है। लोकसभा अध्यक्ष के घर पर BLO का आना इस बात का प्रतीक है कि कोई भी व्यक्ति इस प्रक्रिया से ऊपर नहीं है। यह निष्पक्षता का संदेश है।

2025/03 मतदाता सूची क्या है और इसका महत्व क्या है?

2025/03 मतदाता सूची, 2025 के चुनावों के लिए अंतिम और अपडेटेड वोटर लिस्ट है। इसमें सभी नए मतदाताओं को जोड़ा जाएगा, डुप्लीकेट नाम हटाए जाएंगे, और गायब हो चुके व्यक्तियों को हटा दिया जाएगा। यह सूची बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और अन्य राज्यों के चुनावों के लिए आधार बनेगी।

क्या यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार को रोकने में मदद करती है?

हां। डिजिटल BLO ऐप के जरिए फॉर्म भरने से भ्रष्टाचार का खतरा कम होता है। अब कोई फॉर्म खो सकता है, या फर्जी नाम जोड़ सकता है। अब हर कदम डिजिटल रूप से ट्रैक होता है। इसके अलावा, बिहार में GPS ट्रैकिंग सिस्टम की शुरुआत से BLO की गतिविधियों की निगरानी भी होगी।

अगर कोई व्यक्ति अपना फॉर्म नहीं भरता, तो क्या होगा?

अगर BLO तीन बार घर पर नहीं पहुंच पाया या फॉर्म नहीं मिला, तो उस व्यक्ति को 'अस्थायी रूप से अनुपलब्ध' श्रेणी में रखा जाएगा। उसे अगस्त से सितंबर तक के दावे और आपत्ति अवधि के दौरान अपना नाम जोड़ने का मौका दिया जाएगा। अगर वह इस अवधि में भी नहीं आया, तो उसका नाम अंतिम सूची में नहीं आएगा।

क्या यह प्रक्रिया अगले चुनावों में वोटिंग की भागीदारी बढ़ाएगी?

संभव है। जब लोग जानते हैं कि उनका नाम सही तरीके से दर्ज है, तो वे वोट करने के लिए प्रेरित होते हैं। विशेष रूप से युवाओं और शहरी प्रवासियों के लिए यह एक बड़ा कारक हो सकता है। अगर लोग विश्वास करें कि उनका वोट गिना जाएगा, तो वोटिंग रेट बढ़ेगा।