कटरा में 3‑4 हज़ार भक्त फँसे, वैष्णो देवी यात्रा 5‑7 अक्टूबर निलंबित

कटरा में 3‑4 हज़ार भक्त फँसे, वैष्णो देवी यात्रा 5‑7 अक्टूबर निलंबित अक्तू॰, 7 2025

जब श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ मंडल ने 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर 2025 तक यात्रा निलंबित करने की घोषणा की, तो कटरा में हजारों श्रद्धालु आश्चर्य‑चकित रह गए। मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी के कारण, भारी वर्षा और संभावित पहाड़ी तलब के खतरों को देखते हुए यह कदम उठाया गया। इस निर्णय का असर उस सप्ताहांत में पहुँच गया, जब सामान्यतः तीर्थ यात्रियों की भीड़ सर्वाधिक देखी जाती है।

पृष्ठभूमि और मौसमी चेतावनी

जॉमू क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग ने 4 अक्टूबर को एक चेतावनी जारी की, जहाँ उन्होंने बताया कि अगले तीन दिन में जम्मू और कश्मीर के दक्षिणी भागों में तीव्र बवंडर और भूमि‑स्लाइड की संभावना है। इस चेतावनी में विशेष रूप से त्रिकुटा पहाड़ के आसपास के हिस्सों को हाई‑रिस्क क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया था। इसी कारण तीर्थ मार्ग, माता वैष्णो देवी भवन, अद्कुंवारी मंदिर और दर्शनी द्वार को पूरी तरह से खाली कर दिया गया।

विस्तृत विकास: यात्रा निलंबन की प्रक्रिया

अप्रैल में शुरू हुए विकसित मौसम पैटर्न ने इस साल अक्टूबर में अपने चरम पर पहुँचाया। सुबह 6 बजे, वैष्णो देवी यात्रा निलंबनजम्मू और कश्मीर के आधिकारिक घोषणा पत्र में बताया गया कि सभी पंजीकरण केंद्र बंद कर दिए जाएंगे। 4 अक्टूबर की रात को बोर्ड ने 8 बजे पंजीकरण केंद्र को दो घंटे पहले बंद कर दिया, जबकि सामान्य समय 10 बजे तक रहता है। यह अचानक कदम, रात में यात्रा करने वाले कई यात्रियों के लिए बड़ी असुविधा लेकर आया।

सप्ताहांत में आंकड़े दिखाते हैं कि लगभग 3,000‑4,000 श्रद्धालु विभिन्न भारतीय शहरों से कत्रा पहुँचे थे। कई लोगों ने रात भर यात्रा कर के दर्शनी द्वार पर पहुँचने की कोशिश की, परंतु सुरक्षा कारणों से बोर्ड ने प्रवेश को रोक दिया। अंततः, इन यात्रियों को वापस कत्रा लौटना पड़ा और अगले दिन तक अपने सामान के साथ वहीं फँसे रहना पड़ा।

विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रियाएँ

सुरक्षा कारणों को लेकर बोर्ड का निर्णय अधिकांश विशेषज्ञों द्वारा समर्थन पाया। हिमालयी भू‑विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. वैभव सिंह ने कहा, “त्रिकुटा के ढलानों पर भारी बारिश के साथ मिट्टी की स्थिरता घटती है। यदि यात्रा जारी रही, तो बवंडर से बड़े पैमाने पर जनहानि हो सकती है।” दूसरी ओर, कुछ यात्रियों ने कहा कि रविवार की सुबह धूप निकलने के साथ ही स्थितियाँ सुधर गईं और उन्हें फिर से यात्रा जारी करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने बोर्ड के अधिकारी को ई‑मेल और सोशल मीडिया के ज़रिये अपील की, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक उत्तर नहीं मिला।

कटरा में स्थानीय होटल मालिकों ने भी इस निलंबन से आर्थिक नुकसान का जिक्र किया। “हमारे पास 150 से अधिक अतिथि बुक थे, लेकिन यात्रा बंद होने से वे चले गए। यह छोटे व्यवसायों के लिए बड़ा झटका है,” एक होटल प्रबंधक ने बताया।

प्रभाव और विश्लेषण

प्रभाव और विश्लेषण

वैष्णो देवी यात्रा साल में लगभग 8‑9 लाख यात्रियों को आकर्षित करती है। इस वर्ष के इस निलंबन से न केवल धार्मिक‑आध्यात्मिक पहलू पर असर पड़ा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, ट्रांसपोर्ट नेटवर्क और सुरक्षा कर्मियों की तैयारी पर भी असर दिखता है। आंकड़ों के अनुसार, 2024 में यात्रा निलंबन के कारण उत्पन्न आर्थिक हानि लगभग ₹120 करोड़ अनुमानित की गई थी। इस बार कम अवधि के निलंबन के बावजूद, अनुमानित नुकसान ₹30‑₹40 करोड़ के बीच हो सकता है।

एक और दिलचस्प पहलू यह रहा कि निलंबन के दौरान भी, कुछ स्वयंसेवक ने बेवजह नहीं रहे। उन्होंने यात्रियों को पानी, स्नैक्स और प्राथमिक चिकित्सा किटें उपलब्ध कराई, जिससे कई लोगों को राहत मिली। सामाजिक मिलन का यह पहलू इस कठिन समय में लोगों को जोड़ता रहा।

भविष्य की संभावनाएँ और अगले कदम

जॉमू मौसम विज्ञान विभाग ने भविष्य के 48 घंटों में मौसम का निरंतर निगरानी करने का इशारा किया। यदि बारिश स्थिर रहती है, तो बोर्ड अगले सोमवार, यानी 8 अक्टूबर को यात्रा पुनः आरंभ करने की संभावना व्यक्त कर रहा है। साथ ही, बोर्ड ने कहा कि सभी यात्रियों को पुनः प्रवेश के लिए नई सुरक्षा जाँच और मार्ग संशोधन किया जाएगा।

यह निलंबन यह दर्शाता है कि प्राकृतिक आपदाओं के समय धार्मिक मामलों को भी सामंजस्यपूर्ण ढंग से संभालना पड़ता है। जब तक मौसम स्पष्ट रूप से सुरक्षित नहीं होता, तब तक बोर्ड का सतर्क रहना और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना, एक समझदार कदम माना जाएगा।

मुख्य तथ्य

मुख्य तथ्य

  • निलंबन की अवधि: 5 अक्टूबर – 7 अक्टूबर 2025
  • प्रभावित यात्रियों की संख्या: लगभग 3,000‑4,000
  • मुख्य कारण: भारी बारिश और संभावित पहाड़ी तलब
  • बोर्ड का निर्णय: पंजीकरण केंद्र शाम 8 बजे बंद, दर्शनी द्वार पर प्रवेश बंद
  • संभावित आर्थिक नुकसान: ₹30‑₹40 करोड़

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या यात्रा फिर से शुरू होगी?

जॉमू मौसम विज्ञान विभाग की आगे की रिपोर्ट के बाद, श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ मंडल 8 अक्टूबर से यात्रा पुनः आरंभ करने का इरादा रखता है। बवंडर शान्त होते ही सुरक्षा जाँच को सख्ती से लागू किया जाएगा।

निलंबन के दौरान यात्रियों को रहने के लिए कहाँ रहना होगा?

कटरा के सरकारी और निजी आवासीय विकल्पों में राहगीरों को शरण दी जा रही है। कई होटल वहेलिया ने आपातकालीन दर पर कम शुल्क पर कमरे उपलब्ध करवाए हैं।

भारी बारिश के कारण यात्रा निलंबित क्यों की गई?

त्रिकुटा पहाड़ की ढलानों पर तेज़ बारिश से मिट्टी की स्थिरता बिगड़ती है, जिससे भूमि‑स्लाइड और बवंडर का खतरा बढ़ जाता है। इस जोखिम को देखते हुए बोर्ड ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी।

निलंबन से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा?

होटलों, भोजनालयों और साइड व्यापारियों को तेज़ी से आय में कमी का सामना करना पड़ेगा। अनुमानित आर्थिक हानि ₹30‑₹40 करोड़ के बीच हो सकती है, जिससे छोटे व्यवसायों को फिर से पटरी पर लाना जरूरी होगा।

क्या भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए कोई योजना है?

बोर्ड ने पहाड़ी क्षेत्रों में अतिरिक्त मौसम मॉनीटरिंग, रियल‑टाइम अलर्ट सिस्टम और बेहतर आपातकालीन निकासी प्रोटोकॉल लागू करने की योजना बनाई है, जिससे आगे ऐसे निलंबन कम से कम हो सकें।

1 Comment

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    jyoti igobymyfirstname

    अक्तूबर 7, 2025 AT 03:53

    ऐ माय भगवान!! कटरा में इस क़ीमत की भीड़ को रोकना तो जैसे सूनली किताब की आख़िरी पेज़ को हिन्दोला मारना हो! 🙈
    मौसम की चेतावनी भी ऐसी लग रही थी जैसे खुद प्रकृति ने “अब नहीं” कहा हो।

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