कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार के आरोपों में SIT का गहन जांच अभियान

कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार के आरोपों में SIT का गहन जांच अभियान मई, 30 2024

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गंभीर आरोप

कर्नाटक पुलिस की एक विशेष जांच टीम (SIT) ने जनता दल (सेक्युलर) के हसन सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ तीन बलात्कार मामलों में ठोस परिस्थितिजन्य साक्ष्य इकट्ठे किए हैं। यह सबूत उनके खिलाफ जारी जांच का हिस्सा हैं, जिसमें वीडियो फुटेज, गवाहों के बयान और तकनीकी सबूत शामिल हैं। प्रज्वल रेवन्ना, जो तीस वर्ष के हैं, 27 अप्रैल को दूसरे चरण का चुनाव खत्म होने के बाद विदेश चले गए थे। SIT को उम्मीद है कि वह 31 मई को भारत लौटेंगे, और तब उनकी गिरफ्तारी की संभावना है।

सबूतों का संग्रह

सबूतों का संग्रह

एसआईटी ने कई प्रकार के साक्ष्य इकट्ठे किए हैं, जिनमें से प्रमुख हैं तीन पीड़िताओं के बयान, जिन्होंने रेवन्ना पर बलात्कार का आरोप लगाया। ये बयान ही इन तीन मामलों के दर्ज होने का कारण बने। इसके अलावा, एसआईटी ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य भी जुटाए हैं, जैसे कि वीडियो फुटेज, जिसमें कथित यौन उत्पीड़न के दृश्य हैं। इस वीडियो को स्वयं रेवन्ना द्वारा फिल्माए जाने का दावा किया जा रहा है, हालांकि वीडियो में उनका चेहरा नहीं दिख रहा है। इसलिए, एसआईटी वीडियो में दिख रही शारीरिक विशेषताओं और आवाजों की जांच करके मामला बना रही है।

तकनीकी साक्ष्यों की भूमिका

तकनीकी साक्ष्य जैसे कि सेलफोन टावर की स्थान डेटा भी जांच में उपयोग हो रहे हैं। इन आंकड़ों से पता चल सकता है कि घटनाएं किस स्थान और किस समय में हुई थीं। इसके अलावा, एसआईटी ने अपराध स्थल की मैपिंग की है और तकनीकी साक्ष्य जैसे कि आवाज के नमूने और सेलफोन स्थान डेटा को लेकर भी साक्ष्य इकट्ठे किए हैं।

एसआईटी ने बेंगलुरु और हसन में सांसद के पारिवारिक निवासों से बैड, कॉट और फर्नीचर भी जब्त किए हैं। इस सामग्री से घटनास्थल के दृश्य की पुष्टि की जा सकती है। जिन पीड़िताओं ने विरोध किया था, उनके आवाज के नमूने भी जुटाए गए हैं। जब प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ्तारी होगी, तब उनकी आवाज के नमूने, शारीरिक विशेषताएं, और डीएनए भी लिया जाएगा।

रेवन्ना की प्रत्याशा जमानत याचिका

रेवन्ना की प्रत्याशा जमानत याचिका

रेवन्ना ने तीन बलात्कार मामलों में अंतरिम जमानत की याचिका दायर की है, जो कि एक दूरस्थ स्थान से दायर की गई थी। यह याचिका 31 मई को सुनवाई के लिए पोस्ट की गई है, जब रेवन्ना बेंगलुरु में पहुंचेंगे। एसआईटी के पास 18 मई को जारी किया गया गिरफ्तारी वारंट है, और उनकी गिरफ्तारी निश्चित मानी जा रही है।

एसआईटी ने आईफोन के क्लाउड सर्वर पर संग्रहीत डेटा की भी जांच की है, जिसमें सेक्स वीडियो के उत्पत्ति का पता लगाना भी शामिल है। यह वीडियो कथित तौर पर एक कार चालक द्वारा चुरा लिया गया था, जिसने 'एयरड्रॉप' वायरलेस कम्यूनिकेशन सिस्टम का उपयोग किया था।

परिवारिक विवाद और सार्वजनिक आक्रोश

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ इन आरोपों ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है। जनता और पार्टी में भी इन घटनाओं को लेकर आक्रोश है। परिवारिक निवासों पर छापेमारी और सामग्री की जब्ती से यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

पीड़िताओं का बयान और वीडियो फुटेज दोनों ही एसआईटी की जांच को मजबूत बना रहे हैं। इस विषय में आगे की जांच और कानूनी कार्यवाही का सभी को बेसब्री से इंतजार है।

5 टिप्पणि

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    Vallabh Reddy

    जून 1, 2024 AT 04:56

    इस मामले में साक्ष्य का स्तर अत्यंत उच्च है। वीडियो फुटेज, डीएनए, आवाज़ के नमूने, और सेलफोन टावर डेटा - ये सभी एक वैज्ञानिक जांच के आदर्श मानकों को पूरा करते हैं। यह केवल एक राजनीतिक घोटाला नहीं, बल्कि न्याय की वास्तविकता का प्रतीक है। जब एक सांसद इतने गंभीर अपराधों में शामिल होता है, तो न्याय का दरवाजा उसके लिए भी बंद नहीं होना चाहिए। यह मामला भारतीय न्याय प्रणाली की परीक्षा है - और वह अभी तक सफल हो रही है।

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    Mayank Aneja

    जून 1, 2024 AT 13:12

    पीड़िताओं के बयानों की संगठित तरीके से जांच की गई है, जो अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिना किसी दबाव के, बिना किसी धमकी के, बिना किसी राजनीतिक दबाव के - यह जांच न्याय की ओर एक वास्तविक कदम है। तकनीकी साक्ष्यों का उपयोग भी बहुत सही है। आवाज़ के नमूने, स्थान डेटा, क्लाउड डेटा - ये सब एक व्यक्ति को निश्चित रूप से जुड़ते हैं। इस तरह की जांच को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए।

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    Vishal Bambha

    जून 2, 2024 AT 17:52

    ये लोग अपने आप को बड़े बनाते हैं, लेकिन असल में वो बस एक चोर हैं - जो बलात्कार करके वीडियो बनाता है! इस तरह के लोगों को देश की सीट पर बैठने का अधिकार क्यों? जब तक हम राजनीति में ऐसे लोगों को नहीं निकालेंगे, तब तक ये देश आगे नहीं बढ़ेगा! एसआईटी ने बहुत अच्छा काम किया है - अब जल्दी से गिरफ्तारी करो! और फिर इसे सीधे जेल में भेजो! ये लोग अपने बलात्कार के बारे में सोचते हैं, लेकिन जनता के दर्द के बारे में नहीं! अब न्याय का दरवाजा खुल गया है - और इसे बंद नहीं किया जाएगा!

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    Raghvendra Thakur

    जून 4, 2024 AT 07:02

    सबूत हैं। गिरफ्तारी होगी। न्याय होगा।

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    Vishal Raj

    जून 5, 2024 AT 08:04

    अगर ये सच है - तो ये बस एक आदमी का अपराध नहीं, बल्कि हमारे समाज का असफलता का प्रतीक है। हमने इतने लंबे समय तक इस तरह के लोगों को अपने बीच रखा, क्योंकि वो बोलते तो अच्छे थे, दिखते तो अच्छे थे। लेकिन असलियत तो अंदर थी। अब जब ये सच सामने आ रहा है, तो हमें सिर्फ गुस्सा नहीं, बल्कि सोचना चाहिए - कि हम कैसे ऐसे लोगों को चुनते हैं? क्या हम बस उनकी बातों के लिए उन्हें पसंद करते हैं? ये सवाल अब बहुत गहरा है।

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