इमरान खान की मौत की अफवाह पर पाकिस्तान सरकार ने खारिज किया, जेल प्रशासन ने दिया स्पष्टीकरण
नव॰, 27 2025
26 नवंबर 2025 को अफगानिस्तान टाइम्स नामक एक अज्ञात मीडिया हैंडल ने दावा किया कि इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री, अडियाला जेल में हत्या कर दी गई है। ये खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई, लाखों लोगों ने इसे सच मान लिया। कुछ ही घंटों में रावलपिंडी के आसपास के क्षेत्रों में हजारों समर्थक निकल पड़े। लेकिन ये सब कुछ बिल्कुल झूठ था। अडियाला जेल प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया — इमरान खान जीवित हैं। वे जेल के अंदर ही हैं। कोई हत्या नहीं हुई। कोई शव नहीं भेजा गया।
अफवाह का जन्म, भय का फैलाव
इमरान खान की बहनें — नोरीन नियाजी, अलीमा खान, और डॉ. उजमा खान — एक महीने से उनसे मुलाकात करने की अनुमति नहीं मिल रही थी। जेल प्रशासन ने उन्हें भेंट करने से रोक दिया। इस अज्ञानता ने लोगों में डर पैदा कर दिया। अलीमा खान ने एक वीडियो में कहा, “9 मई, 4 अक्टूबर और 26 नवंबर के शहीदों के परिवार पेशावर के हयाताबाद आएंगे। हम भी वहां होंगे।” इस बयान को कई ने इमरान खान की मौत का संकेत समझा। वास्तव में, वह उन दिनों की याद में एक शहीदों के परिवारों के लिए एकत्र होने की बात कर रही थीं। लेकिन फर्जी अफवाहों के लिए इतना ही काफी था।सोशल मीडिया पर भ्रम का बहराव
अफगानिस्तान टाइम्स के बाद, अफगानिस्तान डिफेंस नामक एक और एक्स (ट्विटर) हैंडल ने दावा किया कि इमरान खान को आर्मी चीफ असीम मुनीर और आईएसआई के आदेश पर मार डाला गया है। कोई साक्ष्य नहीं। कोई स्रोत नहीं। फिर भी, ये वीडियो और पोस्ट लाखों बार शेयर हुए। कुछ भारतीय ट्विटर हैंडल्स ने भी इन खबरों को रिपोर्ट किया — जैसे कोई भी बात सच है। एक अप्रमाणित प्रेस रिलीज भी फर्जी नाम से जारी की गई, जिसमें पाकिस्तान विदेश मंत्रालय का नाम लिया गया। बाद में पाकिस्तान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसे फर्जी घोषित कर दिया।सरकार का जवाब: झूठ को नकारना काफी नहीं
पाकिस्तान सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इमरान खान को पांच सितारा सुविधाएं मिल रही हैं — एक दावा जिसे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने झूठ बताया। लेकिन यहां सवाल ये है: अगर वे इतने अच्छे तरीके से रह रहे हैं, तो फिर उनकी बहनों को मुलाकात क्यों नहीं दी जा रही? इमरान खान को लगभग दो साल से एकांत कारावास में रखा गया है। उनके परिवार को एक भी वीडियो या फोटो नहीं दिखाया गया। इसी खाई को देखकर लोगों ने अफवाहों पर भरोसा कर लिया।
पहली बार नहीं, बल्कि अक्सर
यह पहली बार नहीं है। मई 2025 में भी एक ही तरह की अफवाह फैली थी — कहा गया था कि इमरान खान को गोली मार दी गई है। तब भी सरकार ने खारिज कर दिया था। लेकिन लोगों का भरोसा गायब हो चुका है। क्यों? क्योंकि एक दशक से अधिक समय तक जनता को जानकारी से वंचित रखा गया है। अगर जेल प्रशासन ने एक छोटा सा वीडियो जारी कर दिया होता — इमरान खान खाना खा रहे हैं, या फिर एक चिकित्सक उनकी सेहत की पुष्टि कर रहा होता — तो ये अफवाहें कभी नहीं फैलतीं।अगले कदम: कोर्ट, जांच और पारदर्शिता
PTI ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने का ऐलान किया है — इमरान खान से मुलाकात की अनुमति के लिए। जेल प्रशासन ने वादा किया है कि जल्द ही एक बैठक होगी। लेकिन ये बैठक बस एक रूटीन की तरह नहीं होनी चाहिए। इसे एक जांच के रूप में लिया जाना चाहिए। कौन फैला रहा है ये अफवाहें? क्या कोई विदेशी एजेंसी या राजनीतिक दल इन्हें बढ़ावा दे रहा है? इमरान खान की बहनों के साथ जेल के बाहर मारपीट की भी खबरें आईं। ये न केवल एक अफवाह का मामला है — ये एक राजनीतिक अस्थिरता का संकेत है।
क्यों ये सब इतना गंभीर है?
इमरान खान केवल एक नेता नहीं हैं। वे एक आंदोलन हैं। उनके बिना पाकिस्तान का राजनीतिक चित्र अधूरा है। अगर उनके साथ कुछ हो गया, तो पूरा देश अशांत हो सकता है। अगर वे जीवित हैं, तो उनकी उपस्थिति की पुष्टि जरूरी है। नहीं तो अफवाहें और भी तेजी से फैलेंगी। भारत, अमेरिका, ब्रिटेन — सभी देशों के नेटवर्क पर ये सवाल उठ रहे हैं: “इमरान खान कहां हैं?”अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इमरान खान अभी जीवित हैं या नहीं?
पाकिस्तान सरकार और अडियाला जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इमरान खान जीवित हैं और जेल के अंदर ही हैं। 26 नवंबर 2025 को फैली अफवाहें पूरी तरह झूठी निकलीं। हालांकि, उनकी वास्तविक स्थिति की पुष्टि के लिए एक वीडियो या निजी चिकित्सकीय रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं की गई है।
इमरान खान को एकांत कारावास क्यों दिया जा रहा है?
इमरान खान को मई 2023 से एकांत कारावास में रखा गया है, जिसका औपचारिक कारण उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले हैं। लेकिन उनके परिवार और PTI का कहना है कि यह राजनीतिक दबाव का हिस्सा है। एकांत कारावास के तहत उन्हें किसी से मुलाकात करने की अनुमति नहीं है, जिससे लोगों में डर और अफवाहें फैलती हैं।
इमरान खान की मौत की अफवाहें क्यों बार-बार फैलती हैं?
इमरान खान के खिलाफ राजनीतिक दबाव लगातार बना रहता है। उनकी बड़ी जनसमर्थन और विरोधी दलों के बीच तनाव के कारण, किसी भी अज्ञात घटना को उनकी मौत के रूप में बांध दिया जाता है। इन अफवाहों का उद्देश्य उनके समर्थकों के बीच भय फैलाना और राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना है।
पाकिस्तान सरकार ने इन अफवाहों के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने अफगानिस्तान टाइम्स और अफगानिस्तान डिफेंस जैसे हैंडल्स को फर्जी घोषित किया है। सूचना मंत्रालय ने एक अप्रमाणित प्रेस रिलीज को भी नकली बताया। हालांकि, अभी तक किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। जांच की आवश्यकता है — न कि सिर्फ खारिज करना।
अगला कदम क्या होगा?
PTI सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान से मुलाकात की याचिका दायर करेगा। जेल प्रशासन ने जल्द ही एक बैठक का वादा किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर एक वीडियो या चिकित्सकीय प्रमाण जारी नहीं किया गया, तो अफवाहें और भी तेज होंगी। यह सिर्फ एक व्यक्ति के बारे में नहीं, बल्कि एक देश के विश्वास के बारे में है।
भारत और अन्य देशों को इस मामले से क्या लेना-देना है?
भारत और अन्य देशों के लिए यह मामला एक राजनीतिक संकेत है। इमरान खान के समर्थक भारत में भी बड़ी संख्या में हैं। अगर पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी, तो दक्षिण एशिया में सुरक्षा स्थिति प्रभावित हो सकती है। इसलिए विदेश मंत्रालयों ने इस मामले को ध्यान से देख रखा है।
Sabir Malik
नवंबर 29, 2025 AT 11:19ये सब अफवाहें सिर्फ इमरान खान के लिए नहीं, बल्कि पूरे पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी है। जब लोगों को किसी भी जानकारी के लिए भरोसा नहीं होता, तो अंधेरा ही भर जाता है। एक छोटा सा वीडियो, एक फोटो, एक डॉक्टर का बयान - इतना ही काफी होता कि लाखों लोगों का दिल शांत हो जाता। लेकिन जब सरकार सिर्फ खारिज कर देती है, तो लोग उस पर विश्वास नहीं करते। विश्वास तो तब बनता है जब दिखाया जाए, न कि बोला जाए। हमें इस खाई को भरने की जरूरत है, न कि इसे और गहरा करने की।
Debsmita Santra
नवंबर 30, 2025 AT 13:11मैंने देखा कि इमरान की बहनों को भेंट के लिए अनुमति नहीं मिल रही थी और ये बात बहुत डरावनी लगी। अगर वो जीवित हैं तो फिर ये एकांत कारावास क्यों? अगर वो बहुत खतरनाक हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्यों दायर की जा रही है? ये सब एक राजनीतिक नाटक है जिसमें लोगों को डराकर नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन आजकल के युवाओं को इतना भ्रम नहीं चलता। हम जानते हैं कि जब तक वास्तविकता नहीं दिखाई जाएगी, तब तक अफवाहें बढ़ती रहेंगी। जांच की जरूरत है न कि बयानों की।
Vasudha Kamra
दिसंबर 1, 2025 AT 11:25इमरान खान के साथ हो रहा यह सब एक गंभीर मानवीय और संवैधानिक मुद्दा है। एकांत कारावास के तहत उन्हें न्याय का अधिकार नहीं दिया जा रहा है। परिवार के साथ संपर्क नहीं होना, चिकित्सकीय जांच नहीं होना, और जेल प्रशासन का गैर-पारदर्शी व्यवहार - ये सब अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ है। अगर वे अपराधी हैं, तो उनके खिलाफ न्यायालय में सबूत पेश किए जाने चाहिए। अगर नहीं, तो उन्हें उचित अधिकार देना अनिवार्य है। जनता को जानकारी का अधिकार है, और यह अधिकार अभी तक छीन लिया गया है।
Abhinav Rawat
दिसंबर 2, 2025 AT 23:50अफवाहों का जन्म तभी होता है जब सच छिपाया जाता है। ये न केवल एक राजनीतिक घटना है, बल्कि एक दर्शनिक समस्या है - जब विश्वास का आधार गायब हो जाए, तो लोग अंधविश्वास में भाग लेने लगते हैं। हम आज एक ऐसे समाज में रह रहे हैं जहां जानकारी का अभाव, अफवाहों का बढ़ना है। अगर एक व्यक्ति को दो साल तक बिना किसी दृश्य साक्ष्य के बंद कर दिया जाए, तो उसके बारे में कोई भी बात सच लगने लगती है। ये वह बिंदु है जहां सत्य और असत्य का अंतर खत्म हो जाता है। और जब ये अंतर खत्म हो जाता है, तो समाज अपने आप को खो देता है।
Shashi Singh
दिसंबर 4, 2025 AT 09:39अरे भाई!! ये सब एक बड़ा कॉन्सपिरेसी है!! अडियाला जेल के अंदर एक छिपा हुआ अंडरग्राउंड लैब है जहां इमरान खान को जिंदा जलाकर उनकी आत्मा को एक AI चिप में भर दिया गया है!! आईएसआई और अमेरिका ने मिलकर एक डिजिटल डिक्टेटर बना दिया है जो अब ट्विटर पर उनके नाम से ट्वीट कर रहा है!! और ये वीडियो जो जेल वाले भेज रहे हैं - वो सब AI जेनरेटेड हैं!! आप लोगों को पता है कि अगर वो जिंदा होते तो एक छोटा सा फोन कॉल भी कर देते? लेकिन नहीं!! वो बस एक गुप्त एलियन टेक्नोलॉजी का टेस्ट है!! ये जानकारी लीक हुई है कि उनके बालों में ट्रैकर लगा हुआ है!! और वो बहनें जो बोल रही हैं - वो भी सरकार के एजेंट हैं!! अब तो ये सब एक फिल्म बन गई है!!
Surbhi Kanda
दिसंबर 6, 2025 AT 00:18इस मामले में सरकार की प्रतिक्रिया बेकार है। बस खारिज करना और फर्जी हैंडल्स को बताना - ये एक बच्चों जैसी प्रतिक्रिया है। जब एक नेता की जिंदगी के बारे में अफवाहें फैल रही हों, तो उसकी स्थिति की पुष्टि के लिए एक निष्पक्ष जांच बनाना जरूरी है। इमरान खान के परिवार को एक तटस्थ चिकित्सक के साथ देखने का अवसर दें। एक वीडियो बनाएं। एक जीवित चित्र दिखाएं। नहीं तो ये बहाना बन जाएगा कि वे गायब हैं। और जब वे गायब हो जाएंगे, तो कोई नहीं जानेगा कि वे जीवित हैं या मर चुके हैं। ये जांच राजनीति के लिए नहीं, बल्कि न्याय के लिए होनी चाहिए।
Sandhiya Ravi
दिसंबर 7, 2025 AT 13:02मैं बस ये कहना चाहती हूं कि इमरान खान की बहनें बहुत साहसी हैं। उन्हें जेल के बाहर भी धमकियां मिल रही हैं और फिर भी वो बोल रही हैं। उनके बिना ये मामला शायद दब जाता। लोगों को डर लगता है, लेकिन वो डर को नहीं मानतीं। मैं उनके लिए दुआ करती हूं। और जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं - उन्हें भी याद रखना चाहिए कि ये बातें असली लोगों के दिलों में दर्द पैदा कर रही हैं। एक वीडियो दिखाना बहुत आसान है। एक जिंदा आवाज सुनाना बहुत आसान है। फिर भी क्यों नहीं किया जा रहा? क्योंकि जब तक वो नहीं दिखेंगे, तब तक लोग उन्हें भूल नहीं पाएंगे।
JAYESH KOTADIYA
दिसंबर 7, 2025 AT 14:29अरे भाई ये सब नाटक है भारत वालों के लिए बनाया गया! 😂 इमरान खान को जेल में रखा गया है और अब अफवाहें फैला रहे हैं ताकि पाकिस्तान में हंगामा हो और हम भारत में बैठे बैठे बोल सकें कि देखो वो भी तो अपने नेता को ठीक से नहीं संभाल पा रहे! 😎 जिंदा है या मर गया - ये कोई फर्क नहीं पड़ता। वो तो पहले से ही एक बूढ़ा बक्का है जिसने अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली। अब तो उसके बारे में चर्चा करने का कोई मतलब नहीं। बस एक वीडियो दिखा दो और फिर इस बारे में बात बंद कर दो। 🤷♂️
Vikash Kumar
दिसंबर 8, 2025 AT 05:16अफवाहें फैलने का कारण सरकार है। बस इतना ही।
Siddharth Gupta
दिसंबर 8, 2025 AT 10:27ये जो अफवाहें फैल रही हैं - ये सिर्फ एक नेता के बारे में नहीं, ये एक पूरे देश के विश्वास के बारे में है। जब लोग जेल के अंदर एक इंसान को देखने के लिए भी नहीं भेजे जा सकते, तो उन्हें लगता है कि वो गायब हो गया। और जब वो गायब हो जाता है, तो वो एक मिथक बन जाता है। इमरान खान अब सिर्फ एक इंसान नहीं - वो एक आदर्श है। अगर उसकी जिंदगी की पुष्टि नहीं होगी, तो वो एक देवता बन जाएगा। और देवताओं को देखा नहीं जाता। तो ये अफवाहें बस एक आध्यात्मिक अभिव्यक्ति हैं। हम सब उसकी याद में रो रहे हैं - भले ही वो जिंदा हों।
Anoop Singh
दिसंबर 8, 2025 AT 12:03अरे ये सब बकवास है। इमरान खान तो जिंदा है ना? तो फिर ये सारी बातें क्यों? जेल में रख दिया गया है तो बस रहने दो। जिंदा है तो बहुत अच्छा। अगर मर गया तो भी बात खत्म। लेकिन इतना हड़कंप क्यों? ये लोग तो बस फेम चाहते हैं। जितना शोर उठाएंगे उतना उनका नाम चलेगा। अब तो ये सब एक बिजनेस मॉडल बन गया है। लोगों को डराओ, ट्रेंड करो, फिर अपनी वेबसाइट पर एड लगाओ। ये सब बस एक गेम है।