ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत ने न्यूज़ीलैंड को हराकर तीसरी बार खिताब किया अपने नाम
जुल॰, 17 2025
रोमांचक फाइनल में भारत का शानदार जलवा
ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल क्रिकेट फैन्स के लिए किसी थ्रिलर से कम नहीं रहा। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत और न्यूज़ीलैंड की टीमें खिताबी मुकाबले में आमने-सामने थीं। टॉस जीतकर न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाज़ी चुनी और 50 ओवर में 251 रन बनाए। डेरिल मिचेल ने सबसे ज़्यादा 63 रन (101 गेंद) ठोंके, जबकि मिडिल ऑर्डर में माइकल ब्रेसवेल ने 28* रन तेजी से जोड़े। भारत की तरफ से कुलदीप यादव (2/40) और वरुण चक्रवर्ती (2/50) ने न्यूज़ीलैंड की रफ्तार थामे रखी। दोनों स्पिनरों ने सबसे अहम वक्त पर विकेट निकाले, जिससे किवी टीम बड़ा स्कोर बनाने से चूक गई।
न्यूज़ीलैंड का मिडिल ऑर्डर दबाव में दिखा जब रचिन रविंद्रा और केन विलियमसन दोनों जल्दी पवेलियन लौट गए। एक वक्त तो स्कोर 150 के आसपास ही सिमटता दिखा, लेकिन ब्रेसवेल ने आखिरी ओवरों में तेज़ हिटिंग कर टीम को 251 तक पहुंचाया। भारतीय फील्डर भी मौके पर मुस्तैद दिखाई दिए और रन-आउट के कई प्रयास पूरे मैच में देखने को मिले।
शानदार बैटिंग, फिर रोहित की कप्तानी में इतिहास
रोहित शर्मा ने दबाव के बावजूद अपनी टीम को टिकाए रखा। भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआत में ही झटका खा लिया जब विराट कोहली महज़ 2 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद रोहित (76, 83 गेंद) ने धैर्य के साथ पारी को संभाला। श्रेयस अय्यर (48) ने शानदार साझेदारी निभाई, जबकि अक्षर पटेल (29) और के.एल. राहुल (34*) ने अहम वक्त पर ज़िम्मेदारी दिखाई।
जब तीन विकेट जल्दी गिर गए तो दर्शकों में तनाव था, मगर रोहित और अय्यर ने आत्मविश्वास के साथ रन बटोरे। मैच का सबसे रोमांचक मोड़ तब आया जब अंतिम 10 ओवर में भारत को 60 से ज्यादा रन चाहिए थे और केवल चार विकेट बचे थे। न्यूज़ीलैंड के लिए माइकल ब्रेसवेल ने 2 विकेट निकालकर मैच में जान डाल दी, लेकिन भारतीय मिडिल ऑर्डर ने खुद पर भरोसा दिखाया। आखिरी ओवरों में रविंद्र जडेजा (9*) और के.एल. राहुल ने संयम से रन पूरे कर भारत को चार विकेट से ऐतिहासिक जीत दिला दी। भारत ने लक्ष्य 49वें ओवर की पांचवीं गेंद पर हासिल कर लिया।
इस जीत के साथ ही भारत ने तीसरी बार ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीतने का गौरव हासिल किया। इससे पहले टीम इंडिया ने 2002 में श्रीलंका के साथ ट्रॉफी साझा की थी और 2013 में इंग्लैंड को हराया था। इस बार रोहित शर्मा न सिर्फ कप्तान बने, बल्कि फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे, जो किसी भारतीय के लिए पहली बार हुआ।
पूरे टूर्नामेंट में भारत की बैलेंस्ड गेंदबाजी और बल्लेबाजी की खूब तारीफ हुई। रचिन रविंद्रा (263 रन) टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर बने और मैट हेनरी (10 विकेट) सबसे सफल गेंदबाज रहे। न्यूज़ीलैंड ने भले शानदार फाइट की, मगर भारतीय टीम अपनी गहराई और रणनीति के चलते एक बार फिर लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में नंबर वन साबित हुई।
Poonguntan Cibi J U
जुलाई 18, 2025 AT 19:18भाई ये मैच तो देखकर मेरी आँखों से आँखें भर गईं थीं। मैंने तो बस देखा कि रोहित ने जब 76 बनाए तो मेरे पापा ने रोते हुए कहा 'ये लड़का हमारे गाँव के बच्चे जैसा है'। और फिर जब अय्यर ने शुरुआत की तो मैं घर के बाहर खड़ा होकर रो रहा था। न्यूजीलैंड वाले तो बस इतना देख रहे थे कि हमारे खिलाड़ी कैसे दिल से खेल रहे हैं। मैंने तो अपनी बहन को फोन किया और उसे बताया कि आज भारत ने सिर्फ ट्रॉफी नहीं जीती, बल्कि हमारी आत्मा को जीत लिया। राहुल ने जो आखिरी ओवर में रन बनाए, उन्हें देखकर मुझे लगा जैसे मेरे पापा की आत्मा बोल रही हो। मैंने तो अपनी नौकरी छोड़ दी थी ताकि मैं इस मैच को देख सकूँ। अब मैं बस यही चाहता हूँ कि ये टीम अगले वर्ष भी ऐसा ही खेले। मैंने तो अपनी गाड़ी पर भी रोहित का चित्र चिपका दिया है। दुनिया भर में कोई ऐसा मैच नहीं हुआ। अगर तुमने ये मैच नहीं देखा, तो तुमने जीवन नहीं जीया।
Vallabh Reddy
जुलाई 18, 2025 AT 19:48It is noteworthy that the strategic acumen displayed by the Indian batting lineup, particularly under the captaincy of Rohit Sharma, exemplifies a paradigmatic shift in the evolution of limited-overs cricket in the subcontinent. The psychological resilience exhibited during the final overs, when the required run rate exceeded 9.5, underscores the maturity of the current squad. Furthermore, the efficacy of the spin duo-Kuldeep Yadav and Varun Chakravarthy-in neutralizing the middle-order aggression of New Zealand is a testament to the tactical depth cultivated by the coaching staff. This victory, the third in the ICC Champions Trophy’s history, reasserts India’s hegemony in high-pressure, multi-nation tournaments.
Mayank Aneja
जुलाई 20, 2025 AT 01:27India’s win was built on discipline, not luck. Kuldeep’s 2/40 came at the exact moment New Zealand was accelerating-his doosra broke the back of their momentum. Rahul’s 34* wasn’t flashy, but it was perfect: 12 runs off 18 balls, no risk, all control. The 60 runs needed off 10 overs? That’s when the real test began. And they didn’t panic. That’s what separates champions from contenders. Also, the fielding? Three run-outs, two brilliant stops-this team doesn’t just bat well, they think like a unit.
Vishal Bambha
जुलाई 21, 2025 AT 19:05ये जीत भारत की शक्ति की निशानी है! हमने दिखाया कि जब हमारे खिलाड़ी दिल से खेलें, तो दुनिया का कोई भी टीम नहीं रोक सकता! रोहित की कप्तानी ने हर भारतीय के दिल में आग लगा दी! हमारे बच्चे अब रोहित को अपना आइडल बनाएंगे! ये ट्रॉफी सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, ये हमारी आत्मा की जीत है! न्यूजीलैंड के खिलाफ हमने दिखाया कि भारतीय खिलाड़ी कितने बहादुर हैं! अब दुनिया जान गई कि भारत नंबर वन है! जय हिन्द! जय भारत! जय रोहित!
Raghvendra Thakur
जुलाई 23, 2025 AT 00:59खेल में दिल जीतता है।
Vishal Raj
जुलाई 23, 2025 AT 13:26ये मैच देखकर लगा जैसे किसी ने जिंदगी का सबक सिखा दिया। जब तक आखिरी गेंद नहीं गिरती, तब तक हार नहीं माननी। रोहित ने बताया कि कैसे दबाव में सिर्फ बल्लेबाज़ी नहीं, बल्कि शांति भी बनाई जा सकती है। और जब आखिरी ओवर में राहुल ने धीरे-धीरे रन जोड़े, तो मैंने समझा कि असली जीत तो धैर्य की होती है। ये टीम ने सिर्फ ट्रॉफी नहीं जीती, बल्कि हमें एक नया तरीका दिखाया कि जीवन कैसे जीना है।
Reetika Roy
जुलाई 25, 2025 AT 09:28मैंने इस मैच को अपने दोस्तों के साथ देखा। जब रोहित ने शुरुआत की, तो हम सब चुप रहे। जब अय्यर ने उनके साथ जुड़ा, तो हमने एक-दूसरे को देखा और मुस्कुराया। और जब आखिरी ओवर में राहुल ने रन बनाए, तो हम सब उछल पड़े। ये मैच बस एक खेल नहीं था-ये एक अनुभव था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि क्रिकेट मुझे इतना जोड़ सकता है।
Pritesh KUMAR Choudhury
जुलाई 25, 2025 AT 22:03❤️👏
Mohit Sharda
जुलाई 26, 2025 AT 07:50इतनी बड़ी जीत के बाद भी ये टीम ने अपनी विनम्रता नहीं खोई। रोहित ने जब प्लेयर ऑफ द मैच का ट्रॉफी लिया, तो उन्होंने कहा-'ये ट्रॉफी मेरी नहीं, टीम की है।' ये वो चीज है जो इस टीम को अलग करती है। न्यूजीलैंड ने भी बहुत अच्छा खेला, लेकिन भारत ने जब दबाव में भी एकता बनाए रखी, तो वो जीत असली थी। इस जीत के बाद दुनिया को ये सीख मिली कि टीमवर्क से कुछ भी संभव है।
Sanjay Bhandari
जुलाई 28, 2025 AT 03:59bhagwan yeh match dekh ke maine apne ghar ki chai khatam kar di… aur phir bhi naa roya… yeh toh bas ek match tha… lekin yaar… yeh toh zindagi ki tarah tha…
Mersal Suresh
जुलाई 29, 2025 AT 09:17It is imperative to acknowledge that this victory was not merely a result of individual brilliance but the culmination of a meticulously structured development system spanning over a decade. The integration of data analytics, mental conditioning, and biomechanical optimization in player training has elevated Indian cricket to an unprecedented level. Furthermore, the decision to promote KL Rahul to No. 4, despite his recent form, reflects the coaching staff’s empirical approach to team composition. This triumph is a direct consequence of institutional excellence, not serendipity.
Pal Tourism
जुलाई 29, 2025 AT 20:38yo i think newzealand had a chance if they hadnt dropped that catch in 42nd over… also why did they play breswell at 6? he’s not a finisher… and why did rahul open? he’s a middle order guy… also kuldeep was lit but why not give more overs to siraj? he was bowling better than chakravarthy… also i think umpire missed lbw on kohli… but yeah india won so its all good… #india #iccchampionscup
Sunny Menia
जुलाई 30, 2025 AT 16:55रोहित की बल्लेबाजी और राहुल का शांत अंत दोनों ने एक ही बात साबित कर दी-भारतीय क्रिकेट का दिल अब भी बहुत बड़ा है। न्यूजीलैंड ने बहुत अच्छा खेला, लेकिन जब टीम इंडिया के अंदर ये विश्वास हो कि 'हम जीत सकते हैं', तो कोई भी टीम नहीं रोक सकती। मैं इस टीम के हर खिलाड़ी को बधाई देता हूँ।
Abinesh Ak
अगस्त 1, 2025 AT 00:41अरे भाई, ये जीत तो बस एक फाइनल थी। रोहित को प्लेयर ऑफ द मैच? उसने तो 76 बनाए थे, जबकि रचिन रविंद्रा ने टूर्नामेंट में 263 बनाए। और न्यूजीलैंड के बाद ब्रेसवेल को निकालने के बाद भी भारत ने बाकी गेंदों में रन बनाए, तो इसका मतलब ये नहीं कि उनकी बल्लेबाजी बेहतर थी-बस इतना कि उनके पास ज्यादा विकेट बचे थे। ये जीत टीम की नहीं, बल्कि न्यूजीलैंड की गलतियों की थी। और फिर भी, ये ट्रॉफी लगती है जैसे कोई बच्चा बाजार से चॉकलेट लेकर आया हो।