हरियाणा चुनाव परिणाम 2024: BJP बनाम कांग्रेस की जंग, कौन बनेगा विजेता?
अक्तू॰, 8 2024हरियाणा चुनाव परिणाम: क्या कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए तैयार?
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों का बेसब्री से इंतजार करने वाले मतदाताओं के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है। इस बार का चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनौतीपूर्ण जंग बन चुका है। भाजपा, जिसने पिछले दस वर्षों से राज्य की सत्ता नियंत्रित की है, उसे इस बार विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस, जिसने लगभग एक दशक से राज्य में कोई खास हलचल नहीं दिखाई, इस बार आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है।
राज्य की 22 जिलों में 93 गिनती के केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां पर 90 गिनती पर्यवेक्षक और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 30 कंपनियों को तैनात किया गया है। मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई है और इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बार की चुनावी प्रक्रिया में 67.9% मतदाताओं ने भाग लिया, जो लोकतंत्र की मजबूती और जनभागीदारी का प्रतीक है।
चुनाव में मुख्य रूप से चार राजनीतिक ताकतें थीं: भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) का गठबंधन, तथा जननायक जनता पार्टी (JJP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) का गठबंधन। हालांकि, अधिकतर लोगों ने इसे भाजपा और कांग्रेस के बीच का प्रमुख मुकाबला माना।
चुनाव मुद्दे और जनता का मूड
इस चुनाव में कई मुद्दे प्रमुख रहे जिन्होंने मतदाताओं के मन पर गहरा प्रभाव डाला। सबसे पहले, किसान संकट का सवाल था जिसमें किसानों की परेशानी और सरकार की नीतियों पर खुली चर्चा हुई। इसके अलावा, अग्निवीर भर्ती योजना भी व्यापक आलोचना का केंद्र बनी रही। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों से उत्पन्न विरोध भी भाजपा के लिए परेशानी का सबब बना।
भाजपा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के प्रमुख चेहरों के तौर पर एक-दूसरे के विरुद्ध खड़े हैं। जबकि भाजपा इस बार गुजरात या उत्तर प्रदेश मॉडल के जरिए अपनी शक्ति को बचाने की उम्मीद कर रही है, कांग्रेस पिछले चुनावों के विश्लेषण के आधार पर स्थिति सुधारने की कोशिश कर रही है।
दिलचस्प बात यह है कि इस बार के चुनाव में भी यह देखा गया कि मतदाताओं के बीच कुछ नए निर्णायक आयाम उभर के आए हैं। भाजपा के योजनाओं के अलावा, युवा वर्ग समेत विभिन्न समाजिक वर्गों में बेरोजगारी और शिक्षा की गुणवत्ता भी एक अहम मुद्दा बना रहा।
निर्णायक क्षण और राजनीतिक समीकरण
इस चुनाव में पूर्व उप-मुख्यमंत्री और JJP के नेता दुष्यंत चौटाला ने ASP के साथ गठबंधन कर बड़ी जीत की उम्मीद जताई है। वहीं INLD और BSP का गठबंधन भी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहा है। इस चुनाव का परिणाम भाजपा के लिए अत्यंत अहम होगा क्योंकि राज्य की जनता द्वारा उनको दी गई प्रतिक्रिया सरकार की नीतियों पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी है।
अगर कांग्रेस को जीत मिलती है तो वह राज्य की राजनीति में बड़ी वापसी करेगी, जिससे पिछले ग्यारह वर्षों में उनकी खोई हुई पहचान को पुनः स्थापन करने का मौका मिलेगा। जबकि भाजपा, जो अपनी सत्ता को बचाने के लिए तरस रही है, उसे आगे की राह में कई करवटों का सामना करना पड़ सकता है।
यह चुनाव स्पष्ट रूप से दिखाता है कि जनता अब समझदार हो गई है और अपने निर्णय के माध्यम से वह यह संकेत दे रही है कि सत्ता में बैठे नेताओं को उनके वादों पर खरा उतरने की जरूरत है। हरियाणा के इस राजनीतिक समर में किसे जीत मिलेगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इस बार सत्तारूढ़ पार्टी को खुद पर पुनर्विचार करने की जरुरत है।