चैन्नई टेस्ट की कठिन परिस्थिति में कोहली-गिल के मजाक के लिए आलोचना
सित॰, 19 2024
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली और युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को चैन्नई टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ पहले दिन के खेल के दौरान ड्रेसिंग रूम में मजाक करते देखा गया, जिसकी वजह से उन्हें सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। मैच की शुरुआत में ही भारतीय टीम ने अपने शीर्ष क्रम के तीन महत्वपूर्ण विकेट मात्र 10 ओवर के भीतर गंवा दिए थे। ऐसे में फैंस उम्मीद कर रहे थे कि टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी गंभीरता दिखाएंगे, जबकि ड्रेसिंग रूम में कोहली और गिल की हंसी-ठिठोली ने उनकी भावनाओं को आहत किया।
पहले दिन का खेल भारत के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा, जहाँ शीर्ष क्रम के तीन खिलाड़ी रोहित शर्मा, शुभमन गिल, और विराट कोहली सस्ते में ही पवेलियन लौट गए। रोहित शर्मा ने 19 गेंदों में मात्र 6 रन बनाए, जबकि शुभमन गिल बिना खाता खोले ही आउट हो गए। विराट कोहली भी जल्दी-जल्दी आउट हो गए और टीम को दबाव में छोड़ दिया।
अश्विन और जडेजा की शानदार साझेदारी
हालांकि, विपरीत परिस्थितियों में रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने मिलकर 195 रन की सहसाझेदारी कर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। यह साझेदारी भारतीय टीम के लिए निचले क्रम में सबसे बड़ी साझेदारी में से एक थी। अश्विन ने अपने 38वें जन्मदिन से दो दिन पहले ही अपने टेस्ट करियर का छठा शतक जमाया, जबकि जडेजा ने आक्रमक बल्लेबाजी करते हुए स्पिन गेंदबाजों का डटकर सामना किया और अर्द्धशतक भी पूरा किया।
फैंस में नाराजगी
सोशल मीडिया पर फैंस ने कोहली और गिल की इस हरकत को बेहद असंवेदनशील माना। फैंस का मानना है कि खेल के इतने महत्वपूर्ण मंच पर इस तरह की गैर-गंभीरता सही नहीं है। फैंस ने उम्मीद जताई कि खिलाड़ियों को अपनी टीम की मुश्किल परिस्थितियों में गंभीरता और जिम्मेदारी का प्रदर्शन करना चाहिए।
आलोचना के इस दौर में कोहली और गिल को बताया गया कि टीम के लिए महत्वपूर्ण खिलाड़ियों का व्यवहार हर किसी के लिए एक मिसाल होता है, और उनको यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी गतिविधियों से युवा दर्शकों और फैंस पर क्या असर पड़ेगा।
भविष्य की उम्मीदें
हालांकि, अश्विन और जडेजा की शानदार प्रदर्शन ने पहली पारी में टीम को मज़बूती दी थी, लेकिन आने वाले दिनों में टीम को इस प्रेरणा से आगे के खेल में भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा। फैंस और क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद है कि टीम के सभी खिलाड़ी आगे के मैचों में और भी ज्यादा सावधानी और समर्पण के साथ खेलेंगे।
अंततः, खेल में चाहे जो भी हो, खिलाड़ियों को यह समझना चाहिए कि उनका हर एक कदम लाखों लोगों की निगाहों में है। और जब टीम मुश्किल में होती है, तो हर छोटी-बड़ी हरकत महत्वपूर्ण हो जाती है। कोहली और गिल की यह हरकत एक महत्वपूर्ण सीख के रूप में द्खी जा सकती है, कि जनता की अपेक्षाओं का सम्मान हर परिस्थिति में किया जाना चाहिए।
Sitara Nair
सितंबर 20, 2024 AT 17:04अरे भाई, ये तो बस एक छोटी सी हंसी थी, जिसे इतना बड़ा मामला क्यों बना दिया? खेल तो अभी शुरू हुआ था, और लोगों ने ड्रेसिंग रूम के अंदर की बातों को एक राष्ट्रीय आपदा बना दिया... 😅
कोहली और गिल दोनों बहुत तनाव में होते हैं, और इस तरह की छोटी-छोटी बातें उनके लिए मानसिक रिलीफ का काम करती हैं। फैंस को ये समझना चाहिए कि खिलाड़ी भी इंसान होते हैं, न कि मूर्तियाँ।
अश्विन और जडेजा की जो शानदार पारी थी, उसकी तारीफ तो करो, लेकिन दो आदमियों के एक पल के हंसने के लिए उन पर इतना बोझ न डालो।
हमारी संस्कृति में तो हंसी-खुशी का भी एक स्थान है, और क्रिकेट भी एक खेल है, न कि एक धर्म।
जब तक टीम जीत नहीं रही, तब तक ये सब बातें बस एक शोर हैं।
Mallikarjun Choukimath
सितंबर 21, 2024 AT 07:01यह व्यवहार केवल एक असंवेदनशीलता का संकेत नहीं है, बल्कि एक गहरी सांस्कृतिक असमर्थता का प्रतीक है-जहाँ व्यक्तिगत आराम को टीम के सामूहिक बोझ से ऊपर रखा जाता है। भारतीय क्रिकेट टीम का नाम अब एक धर्म बन चुका है, और इस धर्म के अधिकारियों को एक निरंकुश आचरण का पालन करना चाहिए।
कोहली का नाम अब एक नारा है, गिल का नाम एक भविष्य का प्रतीक है-और उनके एक पल की हंसी ने लाखों युवाओं के लिए एक विषाक्त संदेश भेज दिया: कि जिम्मेदारी एक बात है, और व्यक्तिगत व्यवहार एक अलग बात।
यह विचारधारा भारत के लिए एक विपदा है। हम अपने नायकों को देवता बनाते हैं, और फिर उनकी एक छोटी सी गलती के लिए उन्हें नरक में फेंक देते हैं।
इस तरह की अवधारणा भारतीय खेल जगत को एक अपरिहार्य विघटन की ओर ले जा रही है-जहाँ निर्माण के बजाय निर्माण का विनाश ही एक नया रूढ़िवाद बन गया है।
हमें यह समझना होगा कि जब तक हम अपने खिलाड़ियों को इंसान नहीं मानेंगे, तब तक हम उनकी वास्तविक क्षमता को नहीं देख पाएंगे।
Abhishek Abhishek
सितंबर 22, 2024 AT 10:45अरे, ये तो सब बहुत बड़ा मामला बना दिया गया है। क्या आपने कभी सोचा कि शायद वो दोनों बस अपने आप को शांत कर रहे थे? आपको लगता है कि वो बैठे-बैठे हंस रहे थे या बस एक गेंद के बाद एक जोक बोल दिया?
मैंने तो वीडियो देखा था-कोहली ने बस एक बार सिर हिलाया, गिल ने आँखें मारी, और फिर दोनों वापस काम पर लौट गए। इसे बड़ा बनाने की कोई जरूरत नहीं।
अगर यही आलोचना का स्तर है, तो फिर हम क्या बात कर रहे हैं?
Avinash Shukla
सितंबर 23, 2024 AT 12:16मुझे लगता है कि ये सब बहुत जल्दी फैल गया। 😔
कोहली और गिल दोनों बहुत तनाव में होते हैं, और खेल के बीच में एक हल्की हंसी उनके लिए बहुत जरूरी होती है।
अश्विन और जडेजा की पारी ने जो ताकत दिखाई, उसका असली मतलब यही है कि टीम के अंदर अभी भी एक जिम्मेदारी है।
हमें ये समझना चाहिए कि खिलाड़ियों को भी आराम की जरूरत होती है, और एक छोटी सी मुस्कान उनके लिए एक शक्ति का स्रोत हो सकती है।
हम लोग इतने कठोर हो गए हैं कि अब एक भी इंसानी पल भी हमारे लिए एक अपराध बन गया है।
क्या हम अपने खिलाड़ियों को इतना बोझ देना चाहते हैं कि वो खेलना भी बंद कर दें?
Harsh Bhatt
सितंबर 25, 2024 AT 08:25इस तरह की बेवकूफी को देखकर मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट का आत्मसमर्पण खत्म हो चुका है।
विराट कोहली-एक ऐसा खिलाड़ी जिसने अपने जीवन को खेल के लिए समर्पित कर दिया-अब एक बच्चे की तरह ड्रेसिंग रूम में फुल्लू-फुल्लू हंस रहा है? और शुभमन गिल-एक युवा ताकत-उसके साथ जुड़ गया?
ये बस एक शोर नहीं, ये एक संकेत है कि आत्म-सम्मान का अंतिम तार टूट चुका है।
जब टीम के शीर्ष खिलाड़ी इतने अविश्वसनीय ढंग से व्यवहार करते हैं, तो युवा पीढ़ी क्या सीखेगी? कि जब आप बाहर गिर जाएँ, तो अंदर हंस लेना ठीक है?
यह निर्माण नहीं, यह विघटन है।
यह एक देश के लिए एक शिक्षा है-जब आप अपने नायकों को देवता बनाते हैं, तो उनके एक गलत कदम से आपका सारा धर्म टूट जाता है।
अश्विन और जडेजा की पारी ने जो निशान छोड़ा, वह अब एक अपराध के नीचे दफन हो गया है।
यह आलोचना बहुत नरम है। इसे अपने आप को धोखा देने का नाम दो।