भारत-बांग्लादेश क्रिकेट टूर स्थगित – 2026 में होगा नया शेड्यूल

स्थगन के पीछे की कहानी
भारत की व्हाइट‑बॉल क्रिकेट टूर, जो पहले अगस्त 2025 में बांग्लादेश के मैदानों पर होने वाली थी, अब आधिकारिक तौर पर भारत बांग्लादेश क्रिकेट टूर नामक समझौते के तहत सितंबर 2026 तक टाल दी गई है। यह तय करता है कि तीन वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों का कार्यक्रम एक साल से भी अधिक देर से शुरू होगा।
स्थगन का कारण केवल कैलेंडर टकराव नहीं, बल्कि सुरक्षा पर सवाल है। भारतीय सरकार ने अपने विदेश मंत्रालय से सलाह लेकर BCCI को बांग्लादेश में टीम भेजने से बचने का निर्देश दिया। बांग्लादेश में जारी सिविल अस्थिरता, विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक अस्थिरता ने दोनों देशों के क्रिकेट अधिकारियों को चिंतित कर दिया। BCCI के अंदरूनी स्रोतों ने बताया कि यह कदम खिलाड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया।
इसी बीच, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने भी संयुक्त बयान में कहा कि वे भारत को 2026 में स्वागत करने के लिए तैयार हैं और आगे के तिथियों व समय‑सारिणी की घोषणा जल्द करेंगे। दोनों बोर्डों ने इस निर्णय को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शेड्यूल के साथ तालमेल बैठाते हुए एक समझौता माना है।
स्थगन के प्रभाव और आगे की राह
टूर का टाल दिया जाना कई प्रमुख खिलाड़ियों के करियर में बदलाव लाएगा। रोहित शर्मा और विराट कोहली, जिन्होंने हाल ही में टेस्ट और T20I से संन्यासी ली थी, इस टूर में ODI में वापस आने की योजना बना रहे थे। अब उनका अंतरराष्ट्रीय वापसी एक साल से अधिक देर से होगी, जिससे भारत की टीम की शॉर्ट‑फ़ॉर्म स्ट्रैटेजी पर असर पड़ेगा।
BCB की व्यावसायिक योजनाओं पर भी यह स्थगन भारी धक्का है। बांग्लादेश ने जुलाई 2025 में मीडिया अधिकारों के लिए टेंडर जारी करने की योजना बनाई थी, जो अब अनिश्चित हो गई है। टूर के लिए तैयार किए जा रहे स्टेडियम इन्फ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा प्रोटोकॉल और मार्केटिंग कैंपेन सभी को रोकना पड़ा।
- खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर सरकारी सलाह ने प्राथमिक निर्णय को प्रेरित किया।
- राजनीतिक अस्थिरता और नागरिक विरोध ने दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों को सावधानी बरतने पर मजबूर किया।
- रहने वाले मीडिया अधिकार टेंडर और विज्ञापन साझेदारी पर आर्थिक प्रभाव पड़ेगा।
- भारतीय टीम के वरिष्ठों की वापसी का इंतजार करने वाले प्रशंसकों को निराशा झेलनी पड़ेगी।
क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि यह मामले से यह स्पष्ट होता है कि खेल केवल मैदान में नहीं, बल्कि राजनयिक और सुरक्षा के मैदान में भी लड़ाई का एक हिस्सा बन जाता है। जब दो पड़ोसी देशों के बीच कूटनीतिक ताने-बाने कमजोर होते हैं, तो खेल के बड़े आयोजनों को भी पुनः विचार करना पड़ता है।
अब दोनों बोर्डों को नई तिथियों की पुष्टि के साथ साथ सुरक्षा व्यवस्था को और किफ़ायती बनाना होगा। इस बीच, भारतीय और बांग्लादेशी प्रशंसक अपने-अपने देशों की टीमों के अगले मुलाकात की आशा में इंतजार कर रहे हैं, और उम्मीद है कि 2026 में दोनों टीमें सामरिक और भावनात्मक रूप से तैयार होकर मैदान में उतरेगी।