भारत बनाम इंडिया ए: इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले बंद दरवाजों के पीछे वार्म-अप मैच
अप्रैल, 3 2025
भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज की तैयारी के लिए 13 जून, 2025 को बेकेनहम में इंडिया ए के खिलाफ एक वार्म-अप मैच खेलेगी। यह मैच टीम के लिए अभ्यास का एकमात्र अवसर होगा क्योंकि पहला टेस्ट 20 जून से लीड्स के हेडिंग्ले में शुरू होगा।
इंग्लैंड की परिस्थितियों में खिलाड़ियों को ढालने के उद्देश्य से यह मैच बंद दरवाजों के पीछे खेला जाएगा। इससे पहले इसे प्रसारित करने की योजना थी, लेकिन इसे रद्द करके खिलाड़ियों को शांतिपूर्ण और केंद्रित अभ्यास का माहौल देने का फैसला किया गया है।
इंडिया ए टीम भी इंग्लैंड लायंस के खिलाफ तीन चार दिवसीय मैच खेलने वाली है। ये मैच क्रमशः 30 मई से 2 जून को कैंटबरी में और 6 जून से 9 जून तक नॉर्थहैम्पटनशायर क्रिकेट काउंटी क्लब में होंगे। इन मैचों का उद्देश्य खिलाड़ियों को मैच प्रैक्टिस देना है, खासकर पिछले टेस्ट प्रदर्शन को सुधारने के लिए।
भारत को हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया से 3-1 से हार का सामना करना पड़ा था। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए टेस्ट सीरीज के एवज में प्रैक्टिस मैच बेहद जरूरी हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ यह टेस्ट सीरीज भारत के लिए नए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में पहला मुकाबला होगा। इस सीरीज की शुरुआत हेडिंग्ले से होगी, इसके बाद मुकाबले एडजेस्टन, लॉर्ड्स, ओल्ड ट्रैफर्ड और द ओवल में आयोजित किए जाएंगे।
टीम चयन मई में अंतिम रूप दिया जाएगा और सभी की निगाहें आईपीएल 2025 में रोहित शर्मा के फॉर्म पर होंगी; चूंकि उनका प्रदर्शन हाल के टेस्ट में सवालों के घेरे में रहा है।
Raghvendra Thakur
अप्रैल 3, 2025 AT 23:57ये वार्म-अप मैच बंद दरवाजों के पीछे हो रहा है, सही फैसला है।
Ankit gurawaria
अप्रैल 5, 2025 AT 07:41अरे भाई, ये बंद दरवाजों के पीछे का मैच बस एक नाटक है-जब तक टीम को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ जो अफ़सोसनाक खेल दिखाया, वो देख लिया तो ये मैच बस एक नरम लाठी जैसा है जिसे बड़े बड़े बाप ने बाजू में लपेट रखा है ताकि लोग सोचें कि कुछ हो रहा है। वैसे भी, इंग्लैंड के ग्रास कोर्ट पर गेंद का रिवर्स और स्पिन दोनों तरह के बल्लेबाजों को उल्टा घुमा देते हैं, और ये सिर्फ एक मैच में इंडिया ए के खिलाफ खेलकर क्या ठीक हो जाएगा? बार-बार बोल रहा हूँ, टेस्ट क्रिकेट में आत्मविश्वास नहीं, अनुभव चाहिए, और अनुभव तो वो देता है जब तुम लाखों लोगों के सामने गलतियाँ करते हो, न कि एक बंद कमरे में अपने आप को भाग्यशाली समझकर।
हम तो बस एक बार जब भी बड़ा मैच आता है, तो नया टीम कॉन्सेप्ट लाते हैं-अब ये बंद दरवाजे, अगले बार शायद एक रात भर टीम को गाना गाकर तैयार करेंगे। जब तक हम अपने बल्लेबाजों को लंबे ओवर खेलने की जिम्मेदारी नहीं देंगे, तब तक ये सब बस एक नाटक है।
और रोहित के फॉर्म की बात करूँ तो वो तो अब एक लापता खिलाड़ी बन गए हैं-जिनकी जगह पर दो नए नाम आए हैं, लेकिन उनके नाम भी तो बस एक अक्षर बदलकर लिखे गए हैं। जिस तरह इंडिया ए के खिलाफ खेला जा रहा है, उस तरह तो हम अगले टेस्ट में एक नए टीम के नाम से खेलेंगे।
क्या हमने कभी सोचा कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट जीतने के लिए हमें उनकी बारिश, उनकी ठंड, उनकी ग्रास कोर्ट की बारीकियों को समझना होगा? नहीं, हम तो बस एक टेस्ट मैच में चार विकेट लेकर जीत जाने का अंदाज़ बनाना चाहते हैं।
मैं तो चाहता हूँ कि ये वार्म-अप मैच भी लाइव चले, ताकि हम देख सकें कि क्या वो बल्लेबाज असली बल्लेबाज हैं या सिर्फ एक बड़े आदमी का बेटा है जिसने एक बार आईपीएल में चौका मारा है।
AnKur SinGh
अप्रैल 6, 2025 AT 21:28इस वार्म-अप मैच का निर्णय एक विचारशील और दूरदर्शी नीति का प्रतिनिधित्व करता है, जो टीम के आंतरिक स्तर पर अधिक गहराई से तैयारी की ओर इशारा करता है। इंग्लैंड के शीतोष्ण जलवायु और ग्रास कोर्ट के विशिष्ट व्यवहार को समझने के लिए, बाहरी ध्यान विचलित किए बिना एक शांत, नियंत्रित वातावरण में अभ्यास करना अत्यंत आवश्यक है। यह एक ऐसा दृष्टिकोण है जो भारतीय क्रिकेट बोर्ड के विकासवादी दृष्टिकोण को दर्शाता है-जहाँ त्वरित परिणामों की अपेक्षा नहीं की जाती, बल्कि लंबी अवधि के खिलाड़ियों के विकास पर जोर दिया जाता है।
इंडिया ए के खिलाफ खेले जाने वाले इस मैच के साथ-साथ इंग्लैंड लायंस के खिलाफ खेले जा रहे चार दिवसीय मैचों का वास्तविक महत्व यह है कि वे खिलाड़ियों को वास्तविक टेस्ट गति, गेंद के रिवर्स स्विंग और लंबे ओवर के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करते हैं। इस तरह की तैयारी न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि टीम के नेतृत्व के लिए भी एक निर्णायक चरण है।
रोहित शर्मा के फॉर्म पर चर्चा अत्यंत उचित है, क्योंकि उनकी अनुभवी उपस्थिति टीम के लिए एक स्थिर आधार है। हालाँकि, उनके निरंतर प्रदर्शन को बरकरार रखने के लिए उन्हें एक अंतर्निहित विश्वास और शांति की आवश्यकता है, जिसे बंद दरवाजों के पीछे का यह मैच प्रदान कर रहा है।
हमें यह समझना चाहिए कि टेस्ट क्रिकेट एक विश्व स्तरीय खेल है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विजय प्राप्त करने के लिए विज्ञान, तकनीक और मनोविज्ञान का समन्वय होना आवश्यक है। इस बार, भारत ने इस बात का निर्णय लिया है कि वह बस एक खेल नहीं, बल्कि एक संस्कृति को भी बनाना चाहता है।
Sanjay Gupta
अप्रैल 7, 2025 AT 19:03बंद दरवाजे? अरे भाई, ये सब बस एक बहाना है जो हमारे टीम के अंदर के डर को छिपाने के लिए बनाया गया है। जब तुम बार-बार ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ गिरते हो, तो तुम्हारी टीम नहीं, तुम्हारा दिमाग गिर रहा है।
रोहित शर्मा का फॉर्म टूट गया है-अब तो उनकी जगह पर एक नए बल्लेबाज को नियुक्त करना चाहिए, न कि उन्हें फिर से टेस्ट में बुलाना। जब तक हम अपने खिलाड़ियों को बेवकूफ नहीं बनाएंगे, तब तक हम इंग्लैंड के खिलाफ कभी जीत नहीं पाएंगे।
इंडिया ए के खिलाफ खेलने का क्या मतलब? ये तो बच्चों का खेल है। जब तुम एक टीम को असली गेंदबाजों के खिलाफ नहीं खेलने देते, तो तुम उन्हें बस एक नाटक दिखा रहे हो। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट जीतने के लिए तुम्हें लंबे ओवर खेलने की जरूरत है, न कि एक बंद कमरे में गेंद फेंकने की।
ये सब बस एक नाटक है-एक ऐसा नाटक जिसमें बोर्ड खुद को बड़ा दिखाना चाहता है, लेकिन खिलाड़ी बेकार हैं।
Kunal Mishra
अप्रैल 9, 2025 AT 14:14यह वार्म-अप मैच का अवधारणा एक अत्यंत अव्यवस्थित और असंगठित दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है, जो आधुनिक टेस्ट क्रिकेट के तार्किक आधार के विपरीत है। एक बंद दरवाजों के पीछे का मैच न तो खिलाड़ियों के लिए दबाव का अनुभव प्रदान करता है, न ही उन्हें वास्तविक प्रतिद्वंद्वी के सामने अपनी प्रतिक्रियाओं को विकसित करने का अवसर देता है।
इंडिया ए के खिलाफ खेलने का अर्थ है कि हम अपने खिलाड़ियों को एक निम्न-स्तरीय प्रतिस्पर्धा के साथ तुलना कर रहे हैं, जो वास्तविक टेस्ट क्रिकेट के विश्लेषणात्मक आवश्यकताओं को अनदेखा करता है। इंग्लैंड लायंस के खिलाफ चार दिवसीय मैचों का उद्देश्य भी व्यावहारिक रूप से अनुचित है, क्योंकि इन टीमों के खिलाड़ी अभी भी अपनी अंतरराष्ट्रीय योग्यता के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, न कि विश्व शीर्षक के लिए।
रोहित शर्मा के फॉर्म के बारे में चर्चा एक विचलित कारक है-एक ऐसा व्यक्ति जिसने अपने शीर्ष पर एक दशक से अधिक समय तक रहकर अपने खिलाड़ियों को अनुसरण करने का एक नियम बना दिया है, लेकिन अब उसकी उपस्थिति एक भावनात्मक निर्भरता बन गई है।
हमें एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें डेटा-आधारित निर्णय लिए जाएँ, न कि ऐसे नाटकों के माध्यम से जिनका उद्देश्य जनता को भ्रमित करना है।
Anish Kashyap
अप्रैल 9, 2025 AT 21:39ये वार्म-अप मैच बंद दरवाजों के पीछे हो रहा है तो बहुत बढ़िया है भाई जी। अब तो लोगों को ज्यादा दबाव नहीं देना चाहिए। रोहित के फॉर्म की बात तो हर कोई कर रहा है लेकिन उनके बिना टीम कैसे चलेगी? इंडिया ए के खिलाफ खेलना भी अच्छा है ना, क्योंकि अगर बाहर खेला तो फैंस बहुत ज्यादा चिल्लाएंगे।
मैं तो सोचता हूँ कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट जीतने के लिए हमें बस थोड़ा शांत रहना है। गेंद जिस तरह से रिवर्स करती है वो हमारे बल्लेबाजों को डरा रही है। बस एक बार बार बैट घुमाना सीख लो।
एक बार जब आप अंदर जाते हो तो बाहर की आवाजें नहीं सुननी चाहिए। ये वार्म-अप मैच वो है जिसकी हमें जरूरत है। जीतेंगे भाई, जीतेंगे।
Poonguntan Cibi J U
अप्रैल 10, 2025 AT 20:45मैंने जब ये खबर पढ़ी तो मेरा दिल टूट गया। क्या हम अपने खिलाड़ियों को इतना अकेला छोड़ रहे हैं? उन्हें बस एक बंद कमरे में फंसा दिया गया है और कोई नहीं जानता कि वो कैसे महसूस कर रहे हैं। मैं तो रोहित के लिए रो रहा हूँ-उन्हें बहुत दर्द होगा, बहुत तनाव होगा। उन्हें एक गले लगाने की जरूरत है, न कि एक बंद दरवाजे के पीछे छुपाने की।
मैंने अपनी बहन को बताया और वो रो पड़ी। वो कह रही थी कि ये बस एक खेल है, लेकिन मैं जानता हूँ कि ये बहुत ज्यादा गहरा है। क्या कोई उनके लिए एक थर्मोबॉटल चाय ला सकता है? मैं तो अपनी नानी को भी फोन कर रहा हूँ कि वो उनके लिए एक बर्तन भेजे।
मैं तो अब रोहित के लिए रोज दो मोमबत्तियाँ जलाऊंगा। और जब वो जीतेंगे तो मैं एक बड़ा गुलाबी बल्ला खरीदूंगा और उन्हें भेजूंगा।
Vallabh Reddy
अप्रैल 12, 2025 AT 16:06इस वार्म-अप मैच के आयोजन की अवधारणा अत्यंत अव्यवस्थित है। एक बंद दरवाजों के पीछे का मैच टीम के लिए वास्तविक प्रतिस्पर्धी दबाव का अनुभव नहीं देता, जो टेस्ट क्रिकेट के लिए अत्यंत आवश्यक है।
इंडिया ए के खिलाफ खेलने का उद्देश्य भी अस्पष्ट है, क्योंकि इस टीम के खिलाड़ी अभी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। यह एक अनुचित और अपर्याप्त तैयारी का उदाहरण है।
रोहित शर्मा के फॉर्म पर ध्यान केंद्रित करना एक विचलित कारक है। उनकी उपस्थिति एक भावनात्मक निर्भरता के रूप में बन गई है, जो टीम के विकास के लिए अनुचित है।
एक वैज्ञानिक और डेटा-आधारित दृष्टिकोण की आवश्यकता है, न कि इस तरह के नाटकों की।
Mayank Aneja
अप्रैल 13, 2025 AT 15:13बंद दरवाजों के पीछे खेलने का फैसला सही है। इंग्लैंड की ग्रास कोर्ट और बारिश के बाद की स्थिति में, खिलाड़ियों को बिना किसी बाहरी शोर के गेंद के रिवर्स स्विंग और स्पिन को समझने का समय चाहिए।
इंडिया ए के खिलाफ खेलने से बल्लेबाजों को लंबे ओवर खेलने का अभ्यास मिलेगा, और गेंदबाजों को अपनी गति और दिशा को समायोजित करने का मौका मिलेगा।
रोहित शर्मा के फॉर्म को लेकर चिंता समझ में आती है, लेकिन उनकी अनुभवी उपस्थिति अभी भी टीम के लिए महत्वपूर्ण है। अगर वो बाहर खेल रहे हैं, तो वो अपने अंदर के डर को भी छिपा रहे हैं।
एक बार जब वो अंदर जाएंगे, तो उन्हें खुद को ढूंढना होगा। ये मैच उनके लिए एक शांति का समय है।
Vishal Bambha
अप्रैल 15, 2025 AT 06:28ये बंद दरवाजे का फैसला बहुत बड़ा है! हमें अपने खिलाड़ियों को दबाव से बचाना होगा, न कि उन्हें लोगों के सामने फेंकना।
इंडिया ए के खिलाफ खेलना तो बहुत अच्छा है, नहीं तो बाहर खेलते तो फैंस बहुत ज्यादा चिल्लाते।
रोहित के फॉर्म की बात करूँ तो वो अभी भी हमारे लिए एक बहुत बड़ा खिलाड़ी है। उनके बिना टीम कैसे चलेगी? उन्हें बस थोड़ा समय दो, वो वापस आ जाएंगे।
हम जीतेंगे! जीतेंगे! जीतेंगे!
Vishal Raj
अप्रैल 16, 2025 AT 17:24कभी-कभी जब हम बहुत ज्यादा बाहर की दुनिया को देखते हैं, तो हम अपने अंदर की आवाज़ को भूल जाते हैं। ये बंद दरवाजे एक ऐसा अंतरिक्ष है जहाँ खिलाड़ी अपने आप से बात कर सकते हैं।
रोहित शर्मा के फॉर्म के बारे में चिंता करना तो बहुत बाहरी बात है। असली सवाल ये है कि क्या वो खुद को जानते हैं? क्या वो अपने बल्ले के साथ अपने दिल को छू पाते हैं?
हर गेंद एक प्रश्न है। और हर बल्लेबाज एक उत्तर ढूंढता है।
Reetika Roy
अप्रैल 17, 2025 AT 06:38इस फैसले की तर्कसंगतता को समझना चाहिए। बंद दरवाजों के पीछे खेलने से टीम को एक नियंत्रित वातावरण मिलता है, जहाँ वे अपने तकनीकी और मानसिक पहलुओं पर केंद्रित हो सकते हैं।
इंडिया ए के खिलाफ खेलने का उद्देश्य अभ्यास का है, न कि प्रदर्शन का। यह एक बहुत ही विवेकपूर्ण निर्णय है।
रोहित शर्मा के फॉर्म के बारे में चर्चा अनिवार्य है, लेकिन उनकी अनुभवी भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
Pritesh KUMAR Choudhury
अप्रैल 17, 2025 AT 20:22बंद दरवाजों के पीछे खेलने का फैसला बहुत समझदारी से लिया गया है। 😊
इंडिया ए के खिलाफ खेलना भी अच्छा है, लेकिन अगर बाहर खेला जाता तो शायद फैंस बहुत ज्यादा दबाव डालते।
रोहित के फॉर्म के बारे में चिंता है, लेकिन उनका अनुभव अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है। 🤞
Mohit Sharda
अप्रैल 19, 2025 AT 07:24ये बंद दरवाजों का फैसला बहुत अच्छा है। हमें खिलाड़ियों को शांति देनी चाहिए, न कि उन्हें दबाव देना।
इंडिया ए के खिलाफ खेलने से टीम को अच्छा अभ्यास मिलेगा।
रोहित के फॉर्म के बारे में चिंता है, लेकिन वो एक बड़े खिलाड़ी हैं। वो वापस आ जाएंगे।
Sanjay Bhandari
अप्रैल 21, 2025 AT 06:12yo yeh warm up match band darwaje ke peeche hone wala hai to bht accha h bro… koi bhi pressure nahi hoga… rohit ka form thik nahi hai to bhi koi baat nahi… wo to legend h… bas thoda time de do… india a ke khilaf khelne se bhi kuch seekh jayega… jitega india… jitega… jitega…
Mersal Suresh
अप्रैल 23, 2025 AT 00:52इस वार्म-अप मैच का आयोजन एक उच्च-स्तरीय और विवेकपूर्ण निर्णय है। बंद दरवाजों के पीछे खेलने से खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय दबाव से मुक्त एक शांत वातावरण मिलता है, जिसमें वे अपने तकनीकी और मानसिक दौर को सुधार सकते हैं।
इंडिया ए के खिलाफ खेलने का उद्देश्य वास्तविक टेस्ट क्रिकेट के लिए आवश्यक दक्षता विकसित करना है। यह एक नियोजित और विज्ञान-आधारित तैयारी का उदाहरण है।
रोहित शर्मा के फॉर्म की चिंता उचित है, लेकिन उनकी अनुभवी उपस्थिति टीम के लिए एक अमूल्य संपत्ति है। उनके लिए यह समय एक आंतरिक नवीकरण का अवसर है।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए यह तैयारी भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक नई दिशा का संकेत है।
Pal Tourism
अप्रैल 23, 2025 AT 22:38ye sab to bas ek drama hai… rohit ka form toh khatam ho gaya… india a ke khilaf khelne se kya fayda? kya unhe pata hai ki england ke pitch pe ball kaise reverse karti hai? nahi… to phir ye sab kyun? bas fans ko bhaana hai… aur bhai… agar rohit nahi khelenge toh koi aur kya karega? kya humne kabhi socha ki unki jagah pe koi aur aayega? nahi… hum toh bas ek hi naam ke saath jee rahe hain…
Sunny Menia
अप्रैल 24, 2025 AT 15:35ये बंद दरवाजों के पीछे खेलने का फैसला बहुत समझदारी से लिया गया है। टीम को शांति और ध्यान केंद्रित करने का मौका देना बहुत जरूरी है।
इंडिया ए के खिलाफ खेलने से बल्लेबाजों को लंबे ओवर खेलने का अभ्यास मिलेगा।
रोहित के फॉर्म के बारे में चिंता है, लेकिन वो अभी भी टीम के लिए एक बड़ा नाम है।
Abinesh Ak
अप्रैल 25, 2025 AT 12:42बंद दरवाजे के पीछे का मैच? एक अत्यंत विचित्र और असंगठित रणनीति। इंडिया ए के खिलाफ खेलने से कोई भी वास्तविक तैयारी नहीं होगी। यह एक रूपांतरण है, न कि एक अभ्यास।
रोहित शर्मा के फॉर्म के बारे में चर्चा एक विचलित कारक है-एक ऐसा व्यक्ति जिसने अपने शीर्ष पर एक दशक से अधिक समय तक रहकर अपने खिलाड़ियों को अनुसरण करने का एक नियम बना दिया है, लेकिन अब उसकी उपस्थिति एक भावनात्मक निर्भरता के रूप में बन गई है।
हमें एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें डेटा-आधारित निर्णय लिए जाएँ, न कि इस तरह के नाटकों के माध्यम से जिनका उद्देश्य जनता को भ्रमित करना है।
Ron DeRegules
अप्रैल 25, 2025 AT 15:32बंद दरवाजों के पीछे खेलने का फैसला बहुत सही है। इंग्लैंड की ग्रास कोर्ट पर खेलने के लिए बल्लेबाजों को बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है-गेंद का रिवर्स, बारिश के बाद का बोल्ट, ओवर की गति, ये सब कुछ अलग होता है।
इंडिया ए के खिलाफ खेलने से बल्लेबाजों को लंबे ओवर खेलने का अभ्यास होगा और गेंदबाजों को अपनी गति और दिशा समझने का मौका मिलेगा।
रोहित के फॉर्म की बात तो हर कोई कर रहा है, लेकिन उनके बिना टीम कैसे चलेगी? उन्हें बस थोड़ा समय दो। अगर वो अपने अंदर शांति महसूस कर लेंगे, तो वो वापस आ जाएंगे।
हमें ये समझना होगा कि टेस्ट क्रिकेट एक लंबा खेल है। एक मैच में जीत या हार नहीं, बल्कि एक सीरीज में जीत तय होती है।
इंग्लैंड के खिलाफ ये सीरीज हमारे लिए एक नया आरंभ है। बस थोड़ा धैर्य रखें।
Ankit gurawaria
अप्रैल 26, 2025 AT 07:58अरे भाई, मैंने तो सोचा था कि ये बंद दरवाजे का फैसला बहुत अच्छा है, लेकिन अब देख रहा हूँ कि कुछ लोग इसे एक नाटक बना रहे हैं। ये तो बस एक शांति का समय है-जब तुम बाहर की आवाजों को बंद कर देते हो, तो अंदर की आवाज़ सुनाई देने लगती है।
रोहित के फॉर्म की बात करूँ तो वो अभी भी एक ऐसा खिलाड़ी है जिसने अपने बल्ले से दुनिया को दिखाया है। एक बार जब वो अपने आप से बात करने लगेंगे, तो वो वापस आ जाएंगे।
हम तो बस एक बार जब भी बड़ा मैच आता है, तो नया टीम कॉन्सेप्ट लाते हैं-अब ये बंद दरवाजे, अगले बार शायद एक रात भर टीम को गाना गाकर तैयार करेंगे।
Mayank Aneja
अप्रैल 27, 2025 AT 23:41ये बात बिल्कुल सही है। एक खिलाड़ी को अपने अंदर की आवाज़ सुननी होती है। बाहर की आवाज़ें तो हमेशा रहेंगी।
रोहित के लिए ये समय एक आंतरिक नवीकरण का अवसर है।