बजट 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण से जुड़ी 9 महत्वपूर्ण बातें
जुल॰, 22 2024भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई, 2024 को अपना सातवां लगातार बजट पेश करने जा रही हैं। यह उनके करियर का सबसे महत्वपूर्ण बजट होगा क्योंकि वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ने वाली हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कुल पाँच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किए थे। इस ऐतिहासिक बजट से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक नीतियों और योजनाओं का खाका तैयार होगा।
निर्मला सीतारमण की वित्त मंत्री के रूप में यात्रा
निर्मला सीतारमण ने 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाला। उन्होंने अब तक छह बजट पेश किए हैं, जिनमें एक अंतरिम बजट भी शामिल है। उनके बजट भाषणों में उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और अनेक नई योजनाओं और नीतियों की घोषणा की।
मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड
पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने भारतीय वित्त मंत्रियों में सबसे अधिक बजट प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कुल 10 बजट प्रस्तुत किए थे, जिनमें पाँच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट शामिल था। देसाई का रिकॉर्ड भारतीय वित्तीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थलचिह्न हैं।
अन्य प्रमुख वित्त मंत्रियों की भूमिका
पी चिदंबरम ने नौ बजट प्रस्तुत किए हैं, जबकि प्रणब मुखर्जी आठ बजट प्रस्तुत कर चुके हैं। मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच पाँच लगातार बजट प्रस्तुत किए थे। इन सभी वित्त मंत्रियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में विशेष योगदान दिया है।
बजट भाषण का समय और तिथि में बदलाव
पिछले कुछ सालों में बजट के प्रस्तुत करने के समय और तिथियों में भी बदलाव देखा गया है। पहले बजट परंपरागत रूप से फरवरी के अंतिम दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था, लेकिन 1999 में इसे बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया गया। फिर 2017 में बजट की प्रस्तुति की तिथि को बदलकर 1 फरवरी कर दिया गया ताकि संसदीय मंजूरी की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।
सबसे लंबा और सबसे छोटा बजट भाषण
निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2020 को सबसे लंबा बजट भाषण दिया था, जो दो घंटे और 40 मिनट तक चला। वहीं, 1977 में हिरुभाई मुल्जीभाई पटेल द्वारा दिया गया अंतरिम बजट भाषण सबसे छोटा था। यह भाषण समय की कम खपत के लिए याद किया जाता है।
प्रथमत भारत का बजट और प्रमुख तथ्य
स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवम्बर, 1947 को आरके षणमुखम चेट्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया था। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को स्वतंत्रता के बाद नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण था। चेट्टी ने वित्तीय योजनाओं और नीतियों का खाका खींचा जिससे देश को आत्मनिभरता की ओर अग्रसर किया जा सके।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस ऐतिहासिक बजट से अनेक अपेक्षाएं हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस बजट से नई नीतियों का उदय होगा, जो देश की आर्थिक वृद्धि को तेज़ करेंगे। साथ ही, विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।