प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के कच्छ में जवानों के साथ मनाई दिवाली, राष्ट्रीय सुरक्षा को किया सुनिश्चित

प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के कच्छ में जवानों के साथ मनाई दिवाली, राष्ट्रीय सुरक्षा को किया सुनिश्चित नव॰, 1 2024

प्रधानमंत्री मोदी का जवानों के साथ दिवाली मनाने का खास अंदाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर भारतीय सैनिकों के साथ दिवाली मनाया। इस बार उनका यह दिवाली समारोह गुजरात के कच्छ जिले में, इंडो-पाक सीमा के निकट हुआ। मोदी की यह परंपरा सैनिकों के मनोबल को बढ़ावा देने का एक तरीका है। यह उन जवानों के लिए काफी मायने रखता है, जो अपने परिवार और प्रियजनों से दूर राष्ट्रीय सेवा में लगे हैं। प्रधानमंत्री ने सैनिकों के साथ समय बिताया और उन्हें मिठाई वितरित की। यह समारोह सिर्फ एक उत्सव नहीं था, बल्कि देश की रक्षा में जुटे जवानों को सम्मानित करने और उनकी कड़ी मेहनत की सराहना करने का एक तरीका था।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर रुख

प्रधानमंत्री ने इस समारोह के दौरान स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने जवानों के सामने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया कि भारत की सीमाओं का एक-एक इंच की रक्षा करने का संकल्प किया गया है। इसका महत्व इस बात से लगाया जा सकता है कि जब सीमा पर पहले से ही तनाव का माहौल है, तो ऐसे समय में एक मजबूत वक्तव्य देना आवश्यक हो जाता है। मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार सैनिकों के कल्याण और उनकी सुविधाओं में सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह संदेश न केवल सैनिकों के लिए था, बल्कि पूरे देश के लिए भी एक आश्वासन था कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

जवानों के बीच मनोबल वृद्धि के प्रयास

दिवाली एक ऐसा पर्व है, जो हमारे जीवन में प्रकाश, खुशी, और एकता का प्रतीक है। जब प्रधानमंत्री इस पर्व को सीमा पर तैनात जवानों के साथ बिताते हैं, तो इसका उनके मनोबल पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह उन्हें यह आभास कराता है कि देश उनके पीछे खड़ा है। यह प्रधानमंत्री का जवानों के प्रति विश्वास और समर्थन का स्पष्ट संकेत है। इससे जवानों में न सिर्फ सुरक्षा बल्कि औद्योगिक स्तर पर विकास के लिए भी नई ऊर्जा का संचार होता है।

तनाव के बीच उत्सव का महत्व

तनाव के बीच उत्सव का महत्व

वर्तमान में भारत-पाक सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण है। ऐसे समय में मोदी का यह कदम विशेष महत्व रखता है। यह समारोह न केवल जवानों को मोरल सपोर्ट प्रदान करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मुश्किल समय में साथ खड़े होने का क्या महत्व होता है। मोदी का यह अभियान प्रधानमंत्री के अपने तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना के महत्व पर जोर देने की स्पष्ट दिशा निर्देश था।

सरकार की स्पष्ट प्राथमिकताएं

इस तरह के समारोह सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित करते हैं। सशस्त्र बलों के कल्याण, उनकी सुविधा और उनके परिवारों की देखभाल पर विशेष ध्यान देना सरकार की नीति का हिस्सा है। ये समारोह यह भी दिखाते हैं कि सरकार न केवल जवानों के लिए बेहतर काम करने के प्रति प्रतिबद्ध है, बल्कि ये उन लोगों के लिए भी एक संदेश है जो देश की सीमाओं की तरफ नजर गड़ाए हैं।

इस तरह की वार्षिक कार्यक्रम जिसमें प्रधानमंत्री दिवाली का त्योहार जवानों के साथ मनाते हैं, यह सुनिश्चित करता है कि हमारे नेताओं को राष्ट्र की रक्षा में लगे जवानों के महत्व का पूरा आभास है। यह अब सरकार की नीति का अहम हिस्सा बन चुका है और आगे भी यह जारी रहेगा। सैनिकों के मनोबल बढ़ाने और सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम अमूल्य हैं।