बजट 2024: मोदी सरकार के पहले बजट से विकास और आर्थिक चुनौतियों का समाधान
जुल॰, 3 2024
बजट 2024: मोदी सरकार के पहले बजट से विकास और आर्थिक चुनौतियों का समाधान
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट जुलाई में संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। इस बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर बड़ी जिम्मेदारियाँ हैं, जिनमें प्रमुख हैं विकास को प्रोत्साहन देना, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और राजकोषीय समेकन को सुनिश्चित करना। इस बजट को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं क्योंकि यह बजट भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वादे को पूरा करने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है।
वित्त मंत्री की चुनौती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर इस बजट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने की जिम्मेदारी होगी। इस बजट के माध्यम से उन्हें निजी निवेश को बढ़ावा देने, रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने, और सार्वजनिक खर्च को बनाए रखने के साथ-साथ टैक्स संग्रह को भी सुव्यवस्थित करना होगा। इसके अलावा, उन्हें कृषि क्षेत्र की जरूरतों को भी ध्यान में रखना होगा, जो देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
करदाताओं के उम्मीदें
सैलरीड क्लास को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार व्यक्तिगत कर दरों में कटौती या कर छूट की सीमा बढ़ाने जैसे कदम उठा सकती है। इससे वे राहत की सांस ले सकेंगे। नए कर प्रणाली के तहत कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किए जाने की उम्मीद है जो मोदी सरकार ने 2020 में शुरू की थी।
राजनीतिक सहयोगियों की मांगें
इस बजट में मोदी सरकार को अपने राजनीतिक सहयोगियों की मांगों का भी ध्यान रखना होगा, जिनमें एन. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) जैसी पार्टियों की मांगें शामिल हैं। ये पार्टियाँ बीजेपी की तीसरी बार सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। इसलिए, इनका सहयोग बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।
निवेश को प्रोत्साहन
बजट 2024 का एक प्रमुख उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए वित्त मंत्री को निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा करनी होगी। देश की इंफ्रास्ट्रक्चर को समृद्ध बनाने और उद्योगों को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश करने की जरूरत होगी। वित्त मंत्री को इस दिशा में नीतिगत उपायों और प्रोत्साहनों का ऐलान करना होगा जिससे देश में विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिल सके।
व्यापार और उद्योग
देश के व्यापारी और उद्योग जगत इस बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार व्यापार की दिशा में सहायक नीतियाँ लागू करेगी, जिससे व्यापार को सुलभ बनाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने में मदद मिल सके। बजट 2024 में व्यापारियों को कर में छूट, ब्याज दरों में कटौती और व्यापारिक प्रोत्साहन की योजनाओं की घोषणा की जानी चाहिए। इससे देश में व्यापारिक दृष्टिकोण मजबूत होगा और उद्योगों में रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।
मुद्रास्फीति की चुनौती
मुद्रास्फीति देश के आर्थिक विकास को प्रभावित करती है और आम जनता के जीवन स्तर पर भी असर डालती है। सरकार को इस बजट में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ठोस उपायों की घोषणा करनी चाहिए। इसके लिए आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाना होगा और घरेलू मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।
कृषि क्षेत्र की प्राथमिकता
कृषि क्षेत्र इस बजट का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिन्दु होना चाहिए। किसानों की स्थिति सुधारने, उनके आय में वृद्धि करने और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की जानी चाहिए। कृषि ऋणों में राहत, सिंचाई सुविधाओं का विकास और कृषि उत्पादों के बेहतर मूल्य के लिए मार्केटिंग सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी।
सरकारी खर्च और टैक्स संग्रह
सरकार को अपने सार्वजनिक खर्च को बनाए रखना होगा और इसे उचित रूप से आवंटित करना होगा। साथ ही टैक्स संग्रह को बढ़ाने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। टैक्स नीति को समयानुसार बदला जाना चाहिए और इसके लिए समुचित सुधार किए जाने चाहिए। यहाँ तक कि एक संतुलित राजकोषीय नीति विकसित की जानी चाहिए, जो विकास और समेकन दोनों को संतुलित कर सके।
कुल मिलाकर, बजट 2024 से बहुत उम्मीदें हैं और यह बजट देश की आर्थिक दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर यह जिम्मेदारी है कि वह अपने फैसलों और नीतियों के माध्यम से देश को आर्थिक समृद्धि और विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाए।
Ankit gurawaria
जुलाई 4, 2024 AT 16:34ये बजट सिर्फ नंबरों का खेल नहीं है भाई, ये तो हर छोटे दुकानदार, हर किसान, हर ऑफिस वाले के दिन का हिस्सा बन जाता है। मैंने देखा है गाँव में जब बारिश नहीं हुई तो किसान कितना डूब जाता है, और जब डीजल की कीमत बढ़ जाती है तो बस का टिकट भी दोगुना हो जाता है। इस बजट में अगर कृषि ऋण पर ब्याज छूट और फसल बीमा का दायरा बढ़ाया जाए तो वो असली विकास होगा। नहीं तो फिर ये सब फैंसी प्रेजेंटेशन हैं जिनका कोई गाँव वाला नहीं देख पाता।
AnKur SinGh
जुलाई 5, 2024 AT 20:57हमारी अर्थव्यवस्था के लिए यह बजट एक ऐतिहासिक अवसर है। भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए निवेश के लिए नीतिगत सुधारों के साथ-साथ आईटी, नवाचार और निर्माण क्षेत्रों में विशेष उत्प्रेरणा की आवश्यकता है। साथ ही, टैक्स संग्रह के लिए डिजिटल ट्रांसपेरेंसी और ब्लॉकचेन-आधारित लेनदेन के माध्यम से लागू होने वाले नियम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यदि वित्त मंत्री ने एक बार भी आम नागरिक के जीवन को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ जोड़ा, तो यह बजट इतिहास बन जाएगा।
Sanjay Gupta
जुलाई 7, 2024 AT 06:30अरे यार, फिर से वही बकवास। कर छूट? किसानों को राहत? जब तक बीजेपी के लिए चुनावी नहीं बनेगा तब तक कुछ नहीं होगा। तुम सब यहीं बैठे हो कि बजट बनाएगा, लेकिन जब असली चीजें चाहिए - जैसे गाँव में पानी, सड़क, बिजली - तो क्या हुआ? बस फोटो खिंचवाने के लिए बजट बनाया जाता है। अगर वित्त मंत्री असली काम करना चाहती हैं, तो अपने बजट को नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री नहीं, बल्कि एक बजट बनाएं।
Kunal Mishra
जुलाई 7, 2024 AT 16:43मैंने बजट के विश्लेषण के लिए विश्व बैंक के डेटा, IMF के रिपोर्ट्स, और भारतीय रिजर्व बैंक के वित्तीय स्थिरता सूचकांकों को क्रॉस-रेफर किया है। और जाहिर है - यह बजट एक निर्माणात्मक असमानता को बढ़ावा देगा। निवेश को प्रोत्साहित करने के नाम पर अमीरों को छूट, और सामान्य जनता को बढ़ती मुद्रास्फीति। यह एक नया नामांकित नियंत्रण व्यवस्था है, जहाँ नियम बनाने वाले खुद नियमों के अपवाद हैं। यह बजट न केवल अर्थव्यवस्था को नहीं, बल्कि लोकतंत्र को भी निर्धारित कर रहा है।
Anish Kashyap
जुलाई 8, 2024 AT 15:56Poonguntan Cibi J U
जुलाई 10, 2024 AT 11:09मैंने इस बजट के बारे में सोचा तो आँखें भर आईं। मैं तो बस एक छोटा सा ऑटो ड्राइवर हूँ, जिसकी आय बढ़ने के बजाय हर साल घट रही है। जब मैं अपनी बेटी के लिए बुक खरीदने गया तो उसकी कीमत बढ़ गई, जब मैंने बिजली का बिल देखा तो लगा जैसे मेरा दिल टूट गया। और यहाँ तक कि अब तक कोई नहीं पूछता कि हम लोग जिंदा कैसे रह रहे हैं। मैं बस एक आम इंसान हूँ, जिसकी आवाज़ बजट में नहीं सुनाई देती। क्या कोई यहाँ है जो मुझे सुन रहा है? क्या मैं भी इस देश का हिस्सा हूँ? या मैं बस एक नंबर हूँ जिसे आप बजट में लिख देते हैं और भूल जाते हैं?