वक्फ अधिनियम में संशोधन: मोदी सरकार की नई पहल
अग॰, 4 2024मोदी सरकार ने वक्फ अधिनियम में बड़े बदलाव करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित इस नए बिल में लगभग 40 संशोधन प्रस्तावित हैं, जिससे वक्फ संपत्तियों का अधिक संवेदनशील और जिम्मेदाराना तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।
वक्फ बोर्डों का पुनर्गठन
प्रस्तावित संशोधनों का एक प्रमुख हिस्सा वक्फ बोर्डों का पुनर्गठन है। इस पुनर्गठन के तहत वक्फ बोर्डों की संरचना और उनकी कार्यप्रणाली में बदलाव किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में भ्रष्टाचार और दुरुपयोग को रोकना है। इसके तहत वक्फ बोर्डों की सदस्यता में बदलाव, नये अध्यक्षों की नियुक्ति और बोर्ड की अन्य संरचनात्मक सुधारों की योजना बनाई गई है।
भूमि का सत्यापन
संशोधित अधिनियम के तहत किसी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन अनिवार्य कर दिया जाएगा। इससे वक्फ संपत्तियों की पहचान में पारदर्शिता आएगी और और विवादों को रोका जा सकेगा।
महिला प्रतिनिधित्व
संशोधनों में महिला प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में महिलाओं की नियुक्ति का प्रावधान है। ये कदम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में महिला सूचनाओं और विचारों को शामिल करने के लिए महत्व रखते हैं।
स्वतंत्र लेखा परीक्षकों की नियुक्ति
सरकार वक्फ संपत्तियों की लेखाओं और प्रबंधन की समीक्षा के लिए स्वतंत्र लेखा परीक्षकों की नियुक्ति करेगी। इससे वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय सरकार की शक्तियां
संशोधित बिल के तहत केंद्रीय सरकार को वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में गड़बड़ी या धोखाधड़ी के मामलों में हस्तक्षेप करने के अधिक अधिकार मिलेंगे। इन प्रस्तावों का मकसद वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और संवर्द्धन सुनिश्चित करना है।
राजनीतिक बहस का विषय
संशोधनों को लेकर राजनीतिक बहस भी शुरू हो चुकी है। समर्थक इसे बेहतर प्रशासन के लिए जरूरी बता रहे हैं, जबकि विरोधी सरकार पर वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को कमजोर करने और 'हिंदुत्व एजेंडा' को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं। AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
इस बिल की टाइमिंग अहम है, खासकर हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों से पहले। इन संशोधनों से वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और प्रबंधन को सुधारने की कोशिश की जा रही है।
कुल मिलाकर, वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में गुणात्मक सुधार लाने का एक प्रयास है। उम्मीद की जा रही है कि संसद में यह बिल जल्द पेश किया जाएगा और इससे वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन अधिक पारदर्शी और अनुभवसिद्ध हो सकेगा।
विवादित संपत्तियों का सत्यापन
प्रस्तावित संशोधनों में राज्य वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई विवादित संपत्तियों की समीक्षा और सत्यापन का प्रावधान भी शामिल है। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई 123 संपत्तियों की भौतिक जांच का आदेश जारी किया है, जिसे इस बिल के तहत समर्थन प्राप्त होगा।
सरकार की योजना
सरकार की योजना है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ाने के लिए नये कदम उठाए जाएं। इस बिल के माध्यम से वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन कर इन्हें और मजबूती दी जाएगी।