तिरुपति भगदड़: वैकुंठ द्वार दर्शनों के दौरान 6 की मौत, 40 घायल
जन॰, 9 2025तिरुपति में भगदड़ से मची अफरा-तफरी
भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के पावन स्थल तिरुपति में बुधवार शाम को हुए एक बड़े हादसे ने भक्तों के जीवन में हिलचाल पैदा कर दी। वैकुंठ द्वार दर्शनों के लिए टिकटों का वितरण हो रहा था, और इसी दौरान अचानक भगदड़ मच गई। घटना में छह श्रद्धालु मारे गए और चालीस अन्य घायल हो गए हैं। यह घटना उस समय हुई जब भक्त भारी संख्या में वहां उपस्थित हुए थे, और जैसे-जैसे दिन चढ़ा, भीड़ में धक्का-मुक्की बढ़ती गई।
भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का महत्व
तिरुपति में स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है। हर साल लाखों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं, विशेष रूप से वैकुंठ एकादशी के दौरान। इस अवसर पर वैकुंठ द्वार खुलता है और भक्तों को विश्वास है कि इस दिन मंदिर का दर्शन करने से अपने सभी कष्टों का समाधान हो सकता है। ऐसी धार्मिक मान्यताओं के कारण इन दिनों मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है।
कैसे मची भगदड़
बुधवार को जब विशेष दर्शनों के लिए टिकटों का वितरण हो रहा था, तो भीड़ अचानक बढ़ गई। बताया जाता है कि एक पुलिस उपाधीक्षक ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक गेट खोल दिया, जिससे भगदड़ मच गई। भीड़ की स्थिति को समझने में प्रशासन विफल रहा और यही कारण इस ट्रेजेडी का असली आधार बना।
चिकित्सा एवं राहत प्रयास
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना को दिल दहला देने वाला बताया और घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा का आश्वासन दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठाएं। मुख्यमंत्री के कार्यालय से यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री नायडू लगातार अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं और उपचार की स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
प्रभावित भक्तों के लिए उपाय
इस भयावह घटना के बाद वा. तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने प्रभावित श्रद्धालुओं के लिए कुछ उपाय किए हैं। विशेष रूप से उन्होंने तीन मुख्य स्थल, विश्णु निवासम, श्रीनिवासम सहित कुल 94 कांउटरों पर 1.20 लाख टोकन का वितरण आरंभ किया। इतना ही नहीं, उन्होंने कतार में खड़े भक्तों के लिए दूध और बिस्किट की सुविधा भी प्रदान की।
घटना से सबक
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना की जाँच की और दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। उन्होंने टीटीडी और अन्य अधिकारियों को तैयारियों में सुधार करने और बेहतर भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। यह घटना प्रशासनिक चूक की ओर संकेत करती है और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सतर्कता की आवश्यकता पर जोर देती है।