शहीद दिवस 2025: महात्मा गांधी के बारे में अज्ञात तथ्य जो आपको जानने चाहिए

शहीद दिवस 2025: महात्मा गांधी के बारे में अज्ञात तथ्य जो आपको जानने चाहिए जन॰, 30 2025

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि: शहीद दिवस की महत्वपूर्णता

भारत में शहीद दिवस की बात करें तो यह दिन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है, जिसे हर साल 30 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन न केवल गांधीजी के महान योगदान को याद करने का समय है, बल्कि उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को भी नमन करने का अवसर है जिन्होंने भारत माता की जय के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। गांधीजी की हत्या नाथूराम गोडसे द्वारा की गई थी, जो हिन्दू महासभा से जुड़े थे, और उन्होंने गांधीजी की छाती पर तीन गोलियां दागी थीं। गांधीजी के अंतिम शब्द 'हे राम' काफी प्रसिद्ध हैं, जो हमारे लिए उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक भावना को दर्शाते हैं।

महात्मा गांधी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेताओं में से एक थे। उन्होंने अहिंसा और शांति के माध्यम से भारत को अंग्रेजों के शासन से मुक्ति दिलाने का कार्य किया। उनकी इस अनूठी रणनीति ने न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया और लोगों को प्रेरित किया। गांधीजी के इसी संघर्ष और विचारधारा ने भारत में अनेक सामाजिक परिवर्तन लाए और इसे एक स्वतंत्र राष्ट्र बनने के लिए आदर्श मंच प्रदान किया।

गांधीजी के जीवन की कम ज्ञात बातें

महात्मा गांधी के जीवन के कई पहलू हैं जो कम ज्ञात हैं। एक प्रशिक्षित वकील होते हुए भी, गांधीजी ने भारतीय धरती पर अधिक सफलता नहीं देखी, और यह दक्षिण अफ्रीका ही था जहां उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने वहां पर जाकर भारतीयों के अधिकारों के लिए लड़ाई शुरू की और धीरे-धीरे अहिंसा के माध्यम से विश्व को बदलने का कार्य शुरू किया। गांधीजी को कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया, लेकिन वे इसे प्राप्त नहीं कर सके। इस पुरस्कार को मरणोपरांत देने के खिलाफ नियम होने के कारण उन्हें मरने के बाद भी यह पुरस्कार नहीं मिल सका।

महात्मा गांधी की उपाधी

गांधीजी को 'महात्मा' का उपाधि कैसे मिला, इस पर अलग-अलग कहानियां हैं। कुछ का मानना है कि यह उपाधि उनके समर्थकों ने उन्हें दक्षिण अफ्रीका में दिया, जबकि कुछ अन्य लोग इसे रवींद्रनाथ टैगोर से जोड़ते हैं। चाहे जो भी हो, महात्मा गांधी ने दुनिया को यह दिखा दिया कि सत्य और अहिंसा जैसे शक्तिशाली सिद्धांत किसी भी समाज का परिवर्तन कर सकते हैं और उसे नई ऊँचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

शहीद दिवस का महत्व

शहीद दिवस लोगों को यह याद दिलाता है कि हमें महात्मा गांधी के विचारों और शिक्षाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें अपने जीवन में अंगीकार करना चाहिए। यह दिन न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के हीरो के रूप में गांधीजी को नमन करने का अवसर है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि समाज में शांति और एकता कैसे स्थापित की जा सकती है। यह दिन भारतीय लोगों के लिए संकल्प लेने का समय है कि वे निष्पक्षता, एकता और करुणा जैसे मूल्यों को आगे बढ़ाएंगे और अपने देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देंगे।

5 टिप्पणि

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    Priyanjit Ghosh

    जनवरी 31, 2025 AT 23:34
    अरे भाई, गांधीजी को नोबेल पुरस्कार क्यों नहीं मिला? अगर ये आज जितना बड़ा नेता है, तो उस समय भी वो उतना ही बड़ा था। नोबेल कमेटी ने शायद सोचा - 'अरे ये तो धोती पहनकर चलता है, इसे पुरस्कार देने से लोग हंसेंगे।' 😅
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    Anuj Tripathi

    फ़रवरी 2, 2025 AT 23:26
    क्या आप जानते हैं कि गांधीजी ने अपने जीवन के अंतिम दिन भी अपना स्वयं का चारपाई बनाया था? जिस तरह से वो जीते थे उसी तरह वो मरे थे - बिना किसी अतिरिक्त चीज के। आज के लोग तो टीवी पर दिख रहे हैं और अपने घर में एयरकंडीशनर लगवा रहे हैं और कह रहे हैं 'हम गांधीजी के विचारों के समर्थक हैं'। बस एक बार अपनी गाड़ी से उतर कर साइकिल पर चलो तो बात बदल जाएगी
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    Hiru Samanto

    फ़रवरी 4, 2025 AT 18:17
    मैंने एक बार दक्षिण अफ्रीका में एक छोटे से म्यूजियम में गांधीजी के बारे में देखा था वहां उनके चश्मे का एक टुकड़ा रखा हुआ था और लिखा था 'जिसने दुनिया को बदलने की कोशिश की'... मुझे आंखें भर आईं। वो लोग जो अब गांधीजी के बारे में मजाक उड़ाते हैं वो शायद नहीं जानते कि उनकी आजादी किसके खून से आई है।
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    Divya Anish

    फ़रवरी 6, 2025 AT 03:00
    महात्मा गांधी के जीवन के इन अनजान पहलुओं को जानकर मैं वास्तव में प्रभावित हुई हूं। उनकी जीवन शैली, उनका सरल जीवन, उनकी अटूट दृढ़ता, और उनकी अहिंसक लड़ाई ने न केवल भारत को बल्कि मानवता को एक ऐसा आदर्श दिया जिसे आज भी दुनिया को अपनाना चाहिए। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शक्ति का असली अर्थ बल नहीं, बल्कि सत्य और शांति में निहित है।
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    md najmuddin

    फ़रवरी 7, 2025 AT 16:03
    गांधीजी के बारे में जब भी कुछ पढ़ता हूं तो लगता है जैसे कोई मुझे एक शांत चाय की चुस्की दे रहा हो... 🫖❤️ आज के दिन में जब हर कोई शोर मचा रहा है, तो उनकी शांति की याद आ जाती है। बस एक बार अपने फोन को बंद करके खिड़की से बाहर देख लो... वो भी एक तरह का अहिंसा है।

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