रांची में पीएम मोदी ने वर्चुअल तरीके से छह वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाई

रांची में पीएम मोदी ने वर्चुअल तरीके से छह वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाई सित॰, 17 2024

रांची में पीएम मोदी ने वर्चुअल तरीके से छह वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक महत्वपूर्ण कदम लेते हुए रांची से वर्चुअली छह वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना किया। ये ट्रेनें झारखंड, ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश के यात्रियों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होंगी। पीएम मोदी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इन ट्रेनों का उद्घाटन किया, क्योंकि खराब मौसम के कारण उनका हेलीकॉप्टर रांची एयरपोर्ट से उड़ान नहीं भर सका।

लगभग सब कुछ तैयारी के साथ किया गया था कि पीएम मोदी तातानगर से इन ट्रेनों को झंडी दिखाएँगे, लेकिन मौसम के कारण योजनाओं में बदलाव करना पड़ा। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार तातानगर स्टेशन पर उपस्थित थे।

नई ट्रेनें और उनके मार्ग

नई वंदे भारत ट्रेनें विभिन्न महत्वपूर्ण मार्गों पर संचालित होंगी, जो हैं: तातानगर-पटना, ब्रह्मपुर-तातानगर, राउरकेला-हावड़ा, देवघर-वाराणसी, भागलपुर-हावड़ा, और गया-हावड़ा। इन ट्रेनों से यात्रियों को तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का लाभ मिलेगा, जो जहाँ कहीं भी जाना हो, उन्हें आसानी से वहां पहुंचाने में सक्षम होंगी।

पीएम मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ये ट्रेनें न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होंगी, बल्कि व्यवसायियों, छात्रों और पवित्र स्थलों की यात्रा करने वालों को भी बड़े पैमाने पर लाभान्वित करेंगी। इस प्रकार के आधुनिक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विकास दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

विकास और आर्थिक विस्तार

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि पूर्वी राज्यों में रेलवे कनेक्टिविटी का विस्तार वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सहायक होगा। इन ट्रेनों से क्षेत्र में चल रहे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा जैसे कि धनबाद में कोयले और खदानों का उद्योग, कोलकाता में जूट उद्योग, और दुर्गापुर में लौह और स्टील सेक्टर।

रेलवे के विकास से पूर्वी राज्यों में व्यापार और उद्योग के नए अवसरों का सृजन होगा, जिससे रोजगार और आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि आधुनिक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से होने वाले विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

इन वंदे भारत ट्रेनों का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ये धार्मिक पर्यटन को भी बड़े पैमाने पर बढ़ावा देंगी। इन ट्रेनों से लोग आसानी से बैद्यनाथ धाम, काशी विश्वनाथ मंदिर, कालीघाट और बेलूर मठ जैसे पवित्र स्थलों की यात्रा कर सकेंगे।

धार्मिक स्थलों पर जाने वाले यात्रियों के लिए तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय व्यापार को भी लाभान्वित करेगा।

भविष्य की योजनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर भविष्य की योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में रेलवे कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर में और अधिक सुधार किए जाएंगे, और अधिक वंदे भारत ट्रेनें विभिन्न हिस्सों में संचालित की जाएंगी।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का हर कोना आधुनिक, सुविधाजनक और तेज़ रेलवे सेवाओं से जुड़ा हो। यह कदम देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इन नई वंदे भारत ट्रेनों के शुभारंभ पर पूरे देश में खुशी का माहौल है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि ये ट्रेनें उनके जीवन को आसान बनाएंगी और उन्हें नई संभावनाओं की ओर ले जाएंगी।

5 टिप्पणि

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    Mayank Aneja

    सितंबर 17, 2024 AT 03:13
    इन ट्रेनों का असली फायदा उन लोगों को होगा जो छोटे-छोटे स्टेशनों से यात्रा करते हैं। बस एक बार देख लो, तातानगर-पटना रूट पर अब कोई भी रात के 11 बजे निकले, सुबह 6 बजे तक पहुंच जाएगा। ये टाइम सेविंग बहुत बड़ी बात है।

    और हां, एसी कोचों में वाईफाई और चार्जिंग पोर्ट्स का इंतजाम होना चाहिए। अभी भी कई ट्रेनों में ये नहीं है।
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    Vishal Bambha

    सितंबर 17, 2024 AT 09:58
    ये सिर्फ ट्रेनें नहीं, ये देश की आत्मा की धड़कन हैं! जब मैंने पहली बार वंदे भारत को देखा, तो मेरी आंखें भर आईं। हमारे पास अब वो ट्रेनें हैं जो दुनिया के सबसे अच्छी ट्रेनों के साथ तुलना कर सकती हैं। अब कोई नहीं कह सकता कि हम पीछे हैं।

    अगर ये ट्रेनें देश के हर कोने में जाएंगी, तो अगले 10 साल में भारत दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे नेटवर्क बन जाएगा। जय हिंद!
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    Raghvendra Thakur

    सितंबर 19, 2024 AT 03:49
    ट्रेन चल रही है। अब बाकी बातें बाद में।
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    Vishal Raj

    सितंबर 20, 2024 AT 14:41
    क्या आपने कभी सोचा है कि ये ट्रेनें कितने लोगों के जीवन बदल रही हैं? एक छात्र जो गया से हावड़ा जा रहा है, वो अब बस एक दिन में अपने घर वापस आ सकता है। एक माँ जो बैद्यनाथ धाम जाना चाहती है, वो अब अपने बच्चों के साथ आराम से जा सकती है।

    ये सिर्फ लोहा और इंजन नहीं हैं। ये उम्मीद के पहिए हैं। और जब उम्मीद चलने लगे, तो देश भी चलने लगता है।
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    Reetika Roy

    सितंबर 21, 2024 AT 03:52
    इन ट्रेनों के लिए बहुत बधाई। लेकिन अगर ये ट्रेनें सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित रहेंगी, तो छोटे शहरों के लोगों का क्या होगा? जिन्हें अभी भी लंबी दूरी तय करके स्टेशन पर पहुंचना पड़ता है।

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