कंगना रनौत और विक्रमादित्य सिंह: मंडी लोकसभा चुनाव में ऊंचे मतदान की लहर पर जीत की उम्मीदें
जून, 4 2024मंडी में लोकतंत्र का पर्व: ऊंचा मतदान, कड़ी टक्कर
लोकसभा के सातवें और अंतिम चरण में हिमाचल प्रदेश के मंडी निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं ने बड़े उत्साह के साथ मतदान किया। 72% का ऊंचा मतदान यह दर्शाता है कि जनता ने इस चुनाव में गहरी रुचि दिखाई है। इसमें बड़ी भूमिका निभाई है दोनों प्रत्याशियों के सक्रिय अभियान ने।
मंडी निर्वाचन क्षेत्र से बॉलीवुड अभिनेत्री से नेता बनीं कंगना रनौत भाजपा की प्रत्याशी हैं, जिन्होंने इस चुनाव को अपनी पहचान का सवाल बना लिया है। वहीं, कांग्रेसी उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह, जो कि पूर्व छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं, इस क्षेत्र में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए मैदान में हैं।
पिछले चुनावों की तुलना
मंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2019 के चुनाव में 73.6% मतदान हुआ था, जबकि 2021 के उपचुनावों में यह घटकर 58% तक आ गया था। इस बार का 72% का मतदान फिर से उत्साह और उम्मीदों को जीवित कर रहा है। ऐसा लगता है कि इस बार जनता ने पूरी जागरूकता के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
नाचन विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 77.47% मतदान हुआ, जबकि सुरुंदनगर में 75.86% ने मतदान किया। यह आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि इस बार का चुनाव जनता के लिए बेहद महत्वपूर्ण था।
कंगना और विक्रमादित्य के अभियान
कंगना रनौत, जो कि भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन की लहर को अपने मुख्य अभियान का हिस्सा बनाया है। उनका कहना है कि इस 'मोदी लहर' के कारण भाजपा की जीत निश्चित है। वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने विकास और मुख्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके अपने अभियान को मात्र राजनीतिक प्रचार तक सीमित नहीं रखा।
मंडी की मौजूदा स्थिति
मंडी लोकसभा सीट पर वर्तमान में कांग्रेस की प्रत्याशी प्रतिभा सिंह का कब्जा है, जिन्होंने 2021 के उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को हराया था। प्रतिभा सिंह, जो वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं, ने इस सीट को अपनी पार्टी के लिए सुरक्षित रखा है।
नतीजों की प्रतीक्षा
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कौन सा प्रत्याशी ऊंचे मतदान का फायदा उठाकर जीत दर्ज करेगा। ऊंचे मतदान ने एक बार फिर से इस निर्वाचन क्षेत्र को राष्ट्रीय राजनीति में अहम बना दिया है। जनता ने अपने मतदान का उपयोग बखूबी किया है और अब देखना होगा कि इन दो प्रमुख उम्मीदवारों में से कौन उनके विश्वास पर खरा उतरेगा।
चुनाव के नतीजे ही बतायेंगे कि जनता ने किस पर विश्वास जताया है और कौन इस हाई-स्टेक चुनाव में विजयी बनता है।